उत्तर प्रदेश
दुष्कर्म का केस दर्ज करवा कर मुकरने वालों पर इलाहाबाद हाई कोर्ट गंभीर, दिए ये आदेश
प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अनुसूचित जाति की पीड़िता के दुष्कर्म का केस दर्ज कराकर ट्रायल के दौरान बयान से मुकरने को गंभीरता से लिया है। सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित की सशर्त जमानत मंजूर करते हुए कहा है कि प्राथमिकी लिखाने वाले के विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने यह आदेश दिया है।
कोर्ट ने कहा कि आए दिन कोर्ट के समक्ष इस प्रकार के मुकदमे आते हैं। प्रारंभ में दुष्कर्म, पॉक्सो और SC-ST एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कराई जाती है। उसके आधार पर विवेचना चलती है और पैसे के साथ समय की बर्बादी होती है।
मुकदमों में पीड़िता के घरवाले सरकार से धन भी प्राप्त करते हैं, लेकिन जब ट्रायल शुरू होता है तो गवाह पक्षद्रोही हो जाते हैं या अभियोजन कथानक का समर्थन नहीं करते। इस प्रकार विवेचक एवं न्यायालय के समय की बरबादी होती है। कोर्ट ने कहा कि इस तरह का चलन रुकना चाहिए और जिसने भी ऐसी प्राथमिकी दर्ज कराई है, उसके विरुद्ध भी कार्रवाई होनी चाहिए।
मुरादाबाद के भगतपुर थाने में दर्ज सामूहिक दुष्कर्म केस के आरोपित अमन की जमानत अर्जी कोर्ट ने स्वीकार करते हुए रिहाई का निर्देश दिया है। यह भी कहा कि पीड़िता ने जो धन सरकार से लिया है, वह उसे ब्याज के साथ वापस करे और संबंधित अधीनस्थ अदालत यदि यह पाती है कि गलत मुकदमा कराया गया था तो उनके विरुद्ध भी अभियोजन की कार्रवाई की जाए।
कोर्ट ने आदेश की प्रति संबंधित अधीनस्थ अदालत एवं डीएम को भेजने का निर्देश देते हुए कहा है कि यदि इस मामले में प्राथमिकी गलत पाई जाती है तो पीड़िता को मिले धन की राजस्व के रूप में वसूली कर सरकारी खजाने में जमा किया जाए। अधीनस्थ अदालत पीड़िता एवं उसके पक्ष के विरुद्ध अभियोग चलाए।
गैंगरेप, पॉक्सो और SC-ST एक्ट का आरोप
याची व अन्य पर गैंगरेप, पॉक्सो एवं SC-ST एक्ट का आरोप है। उसकी ओर से कहा गया कि उसे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। प्राथमिकी विलंब से दर्ज कराई गई और कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। पीड़ता के कथनों में विरोधाभास है।
ट्रायल में वादी और पीड़िता ने स्वयं स्वीकार किया है कि याची एवं अन्य सह-अभियुक्तों ने उसके साथ दुष्कर्म नहीं किया, न ही वे सब पीड़िता को बुलाकर खेत पर ले गए थे। इस आधार पर उन्हें पक्षद्रोही भी घोषित किया गया है। चिकित्सीय परीक्षण में भी पीड़िता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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