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अन्तर्राष्ट्रीय

हमास ने इजरायल के सामने टेके घुटने, युद्धविराम का रखा प्रस्ताव; नेतन्याहू ने अभी नहीं दी सहमति

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Hamas kneels before Israel, proposes ceasefire

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दोहा। इजरायल और हमास के बीच पिछले साल अक्टूबर महीने से संघर्ष चल रहा है। दोनों देशों के बीच चल रहे इस युद्ध में अबतक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। अंततः अब हमास इजरायल के सामने घुटने टेकता हुआ दिख रहा है। इजरायली सेना से लड़ रहे हमास ने अब एक युद्धविराम योजना का प्रस्ताव रखा है।

न्यूज एजेंसी रायटर्स के अनुसार, हमास ने इजरायल के सामने तीन चरण योजना के तहत युद्धविराम का एक प्रस्ताव सामने रखा है। इस योजना के तहत गाजा में साढ़े चार महीने बाद बंदूकें शांत हो सकती हैं। सभी बंधक मुक्त हो जाएंगे। प्रस्ताव के तहत इजरायल गाजा पट्टी से अपने सैनिकों को वापस ले लेगा और अंततः युद्ध की समाप्ति पर एक समझौता हो सकता है।

यह युद्ध अगर समाप्त होता है तो 135 दिनों बाद दोनों देशों में अमन होगा। माना जा रहा है कि यह प्रस्ताव कतर और मिस्र के मध्यस्थों द्वारा पिछले सप्ताह भेजे गए एक प्रस्ताव की प्रतिक्रिया दी है।

नेतन्याहू ने नहीं दी जंग समाप्ति पर सहमति

वहीं इस युद्धविराम प्रस्ताव को लेकर इजरायल की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वैसे इजरायल कई बार कह चुका है कि जब तक हमास का सफाया नहीं हो जाता, वह गाजा से अपने सैनिकों को नहीं हटाएगा।

फलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों की होगी रिहाई

दस्तावेज के अनुसार, पहले 45-दिवसीय चरण के दौरान इजरायली जेलों से फलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों की रिहाई के बदले में सभी इजरायली महिला बंधकों, 19 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों और बुजुर्गों और बीमारों को रिहा किया जाएगा। पहले चरण के दौरान इजरायल आबादी वाले इलाकों से अपने सैनिकों को भी हटा लेगा।

दूसरे चरण का कार्यान्वयन तब तक शुरू नहीं होगा जब तक कि पक्ष “आपसी सैन्य अभियानों को समाप्त करने और पूर्ण शांति पर लौटने के लिए आवश्यक आवश्यकताओं पर अप्रत्यक्ष वार्ता” समाप्त नहीं कर लेते।

मिडिल ईस्ट के दौरे पर पहुंचे एंटनी ब्लिंकन

इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन गाजा में संघर्ष विराम के मुद्दे पर इजरायली नेताओं से बातचीत कर रहे हैं। पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास हमले के बाद से छिड़ी जंग के बीच एंटनी ब्लिंकन मिडिल ईस्ट के दौरे पर पहुंचे हैं।

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तिब्बत के शिजांग शहर में 6.8 तीव्रता के भूकंप से 53 लोगों की मौत, 62 से अधिक लोग घायल

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तिब्बत । तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है। 62 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में था। मंगलवार सुबह से ही तिब्बत क्षेत्र के शिजांग में भूकंप झटके महसूस किए जा रहे हैं।

तिब्बत में मंगलवार को भूकंप के जोरदार झटके महसूस किये गये। इस भीषण भूकंप में 53 से अधिक लोगों की मौत हो गई। जबकि 62 लोग घायल हुए हैं। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (सीईएनसी) के अनुसार मंगलवार सुबह 9:05 बजे आए भूकंप की तीव्रता रिएक्टर स्केल पर 6.8 मापी गयी।

चीन की सरकारी मीडिया मुताबिक तिब्बत के शिजांग शहर के डिंगरी काउंटी में 6.8 तीव्रता के भूकंप में 53 लोगों की मौत हुई है। 62 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं। भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई में 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर में था।

इससे पहले नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने बताया कि मंगलवार सुबह से ही तिब्बत क्षेत्र के शिजांग में भूकंप झटके महसूस किए जा रहे हैं। यहां सुबह 6:30 बजे 7.1 तीव्रता के साथ 10 किमी गहराई पर भूकंप आया। इसके बाद 7:02 बजे 4.7 तीव्रता, 07:07 बजे 4.9 तीव्रता और 7:13 बजे पांच तीव्रता का भूकंप आया। इसके चलते लोग घरों को छोड़कर खुले स्थानों की ओर चले गए।

क्यों आता है भूकंप?

पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

जानें क्या है भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?

भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

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