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प्रादेशिक

आज स्वावलंबी महिलाओं को सम्मानित कर आत्मनिर्भरता का मंत्र देंगे मुख्यमंत्री योगी

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गोरखपुर। आधी आबादी की सुरक्षा सम्मान और खासकर स्वावलंबन पर सरकार लगातार जोर दे रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस मिशन से स्वावलंबी हो रही महिलाओं को और आगे बढ़ने की दिशा में प्रेरित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नारी शक्ति वंदन कार्यक्रम के अंतर्गत 14 फरवरी (बुधवार) को उनके साथ संवाद करेंगे। कुछ चुनिंदा महिलाओं को सम्मानित कर समूची आधी आबादी को आत्मनिर्भरता का मंत्र देंगे।

महिलाओं के सम्मान और संवाद से जुड़ा नारी शक्ति वंदन का यह समारोह बुधवार को पूर्वाह्न 11 बजे से योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में प्रस्तावित है। इस मौके पर गोरखपुर जिले में दीन दयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की प्रगति की विशेष तौर पर चर्चा भी की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार इस मिशन के अंतर्गत गोरखपुर में अब तक कुल 20,847 समूहों का गठन किया जा चुका है। इसमें कुल 3,05,324 समूह सदस्यों को जोड़ा गया है। 14,690 समूहों को रिवाल्विंग फण्ड तथा 9951 समूहों को सीआईएफ सुविधा देकर कुल 131 करोड़ रुपये की धनराशि उपलब्ध करायी गयी है।

एनआरएलएम की उपादेयता को और व्यापक बनाने के लिए जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत से दो-दो मॉडल समूह विकसित किये गये हैं, जिसमें कुल 2470 स्वयं सहायता समूहों का चयन किया गया है। 3558 समूह सदस्यों को विभिन्न ट्रेडों जैसे सिलाई, अचार, मसाला निर्माण, सॉफ्ट टॉय बनाना, दोना पत्तल, लोक सेवा केन्द्र का संचालन, जनरल स्टोर, अगरबत्ती, सब्जी उत्पादन, मशरूम, शहद उत्पादन, कृषि कार्य, पशुपालन आदि में प्रशिक्षित भी किया गया है। साथ ही एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत टेराकोटा उत्पाद बनाने के लिए पांच स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। कुछ अन्य उपलब्धियों पर गौर करें तो गोरखपुर में स्वयं सहायता समूहों की तरफ से 39 राशन की दुकानें संचालित की जा रही हैं।

उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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