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प्रादेशिक

जीबीसी 4.0 : राजधानी के साथ ही सभी 75 जिलों में भी होगा भूमि पूजन समारोह का आयोजन

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अबतक के सबसे बड़े निवेश के लिए होने जा रहे भूमि पूजन समारोह (जीबीसी 4.0) की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश को धरातल पर उतारने का ये महा आयोजन कई मायनों में बेहद खास होने जा रहा है। 19 से 21 फरवरी तक आयोजित होने वाला मुख्य समारोह जहां राजधानी के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगा, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के सभी 75 जिलों में भी 19 फरवरी को जीबीसी 4.0 का आयोजन किया जाएगा। मुख्य आयोजन स्थल लखनऊ में देश विदेश के लब्ध उद्योगपतियों की उपस्थिति होगी। वहीं जिलों में 10 करोड़ से कम का निवेश करने वाले उद्यमियों के साथ ही स्थानीय उद्योग से जुड़े गणमान्य लोग भी शामिल होंगे। इसके अलावा जहां एक तरफ लखनऊ में आयोजित होने वाले समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गरिमामयी मौजूदगी होगी तो वहीं जिलों में आयोजन के मुख्य कर्ता-धर्ता की भूमिका में जिलाधिकारी होंगे।

1 से 10 करोड़ की 8 हजार 735 परियोजनाएं

ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के माध्यम से प्रदेश में कुल 10 लाख 15 हजार 583 करोड़ की 14 हजार 537 परियोजनाएं धरातल पर उतरने को पूरी तरह तैयार हैं। इनमें 500 करोड़ की 300 परियोजनाएं, 100 से 500 करोड़ की 895 परियोजनाएं, 10 से 100 करोड़ की 4 हजार 577 परियोजनाएं, 1 से 10 करोड़ की सर्वाधिक 8 हजार 735 परियोजनाएं शामिल हैं। सभी परियोजनाओं के धरातल पर आने के बाद 34 लाख से अधिक रोजगार सृजित होंगे। कुल मिलाकर ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी-4.0 संपूर्ण प्रदेश के साथ ही प्रत्येक जिले में भी औद्योगिक विकास को नई गति प्रदान करेगी।

ओडीओपी की लगेगी प्रदर्शनी

सीएम योगी के निर्देश है कि जिलों में होने वाले जीबीसी 4.0 आयोजन के दौरान वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट की प्रदर्शनी लगाई जाए। साथ ही जीबीसी के लिए रेडी प्रोजेक्ट के ग्राउंड वैरिफिकेशन का कार्य शत प्रतिशत पूरा किया जाए। साथ ही इस बात को भी सुनिश्चित कर लिया जाए कि जीबीसी 4.0 के आयोजन के वक्त होने वाले नये निवेश के लिए भी लैंड फैसिलिटेशन की सुविधा हो। जनपदों में होने वाले आयोजन के दौरान निवेशकों और स्थानीय उद्यमियों के सामने ‘उद्यम प्रदेश’ के रूप में तब्दील होते नए यूपी की झलकियां भी प्रस्तुत की जाएंगी। इतना ही नहीं राजधानी लखनऊ में आयोजित हो रहे ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी 4.0 के मुख्य कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी सभी जिलों में आयोजित समारोह के दौरान किया जाएगा।

बता दें कि गत वर्ष फरवरी माह में योगी सरकार ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (यूपी जीआईएस – 2023) का आयोजन किया था। इससे पहले सरकार के मंत्रीगण और अधिकारियों ने दुनिया के बड़े औद्योगिक शहरों के साथ ही देशों के सभी बड़े महानगरों में रोड शो का आयोजन करके उद्योग जगत के साथ संवाद स्थापित किया। इसका परिणाम रहा कि प्रदेश को बीते एक साल में तकरीबन 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। सुधरी कानून व्यवस्था, विभिन्न सेक्टर के लिए बनाई गईं नई नीतियां, बेहतरीन ट्रांसपोर्ट कनेक्टिविटी और निर्बाध बिजली की आपूर्ति, जैसे तमाम सुधारों ने दुनियाभर के उद्योगपतियों को यूपी की तरफ आकर्षित किया है।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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