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उत्तर प्रदेश

यूपी में आवश्यक सेवा प्रदाता के रूप में पहचानी जाएंगी सेमीकंडक्टर यूनिट

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लखनऊ। देश में पहली बार सेमीकंडक्टर पॉलिसी लागू कर भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की दिशा में योगी सरकार महत्वपूर्ण काम कर रही है। प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट लगाने वाले उद्यमियों को योगी सरकार न सिर्फ वित्तीय प्रोत्साहन देगी, बल्कि गैर वित्तीय प्रोत्साहन भी प्रदान करेगी। सेमीकंडक्टर पॉलिसी के अनुसार राज्य में सेमीकंडक्टर उद्योग को आवश्यक सेवा और रख-रखाव अधिनियम (ईएसएमए) के तहत एक आवश्यक सेवा प्रदाता के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस अधिनियम की स्थापना कुछ सेवाओं की डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए की गई थी, जिनके बाधित होने पर लोगों का सामान्य जीवन प्रभावित होगा। ऐसे में सेमीकंडक्टर यूनिट की सफलता के लिए यह योगी सरकार का बहुत बड़ा कदम होगा।

24 घंटे होगी जल और बिजली की आपूर्ति

इसके अतिरिक्त, पॉलिसी में प्रोत्साहन के लिए कई और महत्वपूर्ण उपाय भी किए गए हैं। इसके अनुसार औद्योगिक प्राधिकरण चौबीस घंटे पर्याप्त पानी उपलब्ध कराएंगे तथा एसटीपी निस्तारण की सुविधा भी प्रदान करेंगे अथवा बनाएंगे। इसके साथ ही इकाई को ‘ओपन एक्सेस’ के माध्यम से विद्युत प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी। यही नहीं, इकाई को नवीकरणीय हरित ऊर्जा के लिए पॉवर बैंकिंग भी प्रदान की जाएगी। यह राज्य के विद्युत नियामक आयोग (ईआरसी) दिशानिर्देशों के अनुसार शासित होगा। सरकार पावर ग्रिड में पर्याप्त अतिरिक्तता (redundancy) सुनिश्चित करेगी, ताकि फैब परियोजनाओं के निर्बाध संचालन के लिए विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति प्रदान की जा सके।

नॉन-डिस्टर्बेन्स प्राविधान भी होंगे लागू

इकाइयों के प्रोत्साहन के लिए नॉन-डिस्टर्बेन्स प्राविधान भी लागू किए जाएंगे। इसके अंतर्गत सेमीकंडक्टर इकाइयों को संरक्षण दिया जाएगा, ताकि उनको बाधारहित व्यवसाय के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान किया जा सके। इसके तहत सुनिश्चित व्यापार निरंतरता प्रदान करने के लिए इकाइयों को कुछ इम्यूनिटी भी दी गई है। इसके तहत विकासकर्ता द्वारा निवेश पूर्ण करने और संबंधित प्राधिकरण से पूर्णता प्राप्त करने के साथ ही पूरा लीज रेंट भुगतान करने के बाद किसी सेमीकंडक्टर इकाई द्वारा किसी भी मानदंड उपनियम के उल्लंघन के मामले में पट्टा विलेख निरस्त करने के लिए प्राधिकरण के निदेशक मंडल की स्वीकृति एक पूर्व आवश्यकता होगी।

24×7 एवम तीन पालियों में हो सकेगा परिचालन

सेमीकंडक्टर इकाइयों को 24×7 परिचालन और तीन पालियों में महिलाओं के रोजगार की अनुमति होगी, लेकिन इसके लिए कुछ विशेष शर्तें रखी गई हैं। इसके अनुसार जो इकाइयां महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के संबंध में आवश्यक सावधानी पुख्ता करेंगी उन्हें इसकी अनुमति प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त सेमीकंडक्टर इकाइयों को विशिष्ट शिकायतों के कारण होने वाले निरीक्षणों को छोड़कर कई अधिनियमों और उनके तहत नियमों के अंतर्गत निरीक्षण से छूट है। इन इकाइयों को निर्धारित प्रारूपों में स्व-प्रमाणन प्रमाण-पत्र दाखिल करने की अनुमति है। इनमें फैक्ट्री अधिनियम, मातृत्व लाभ अधिनियम, दुकान एवं प्रतिष्ठान अधिनियम, अनुबंध श्रम (विनियमन एवं उन्मूलन) अधिनियम, वेतन भुगतान अधिनियम, न्यूनतम वेतन अधिनियम एवं रोजगार कार्यालय (रिक्तियों की अनिवार्य अधिसूचना) अधिनियम शामिल है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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