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उत्तर प्रदेश

श्रीराम के जीवन दर्शन से नवोदित कलाकारों को रूबरू कराएगी योगी सरकार

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लखनऊ| अयोध्या में श्रीरामलला के अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान होने के उपरांत योगी सरकार नवोदित कलाकारों को श्रीराम के जीवन दर्शन से रूबरू कराएगी। रामोत्सव-2024 के अंतर्गत राज्य ललित कला अकादमी की ओर से 11 से 16 मार्च तक राष्ट्रीय चित्रकला शिविर इसका माध्यम बनेगा। इसमें देश के विभिन्न प्रदेशों से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार हिस्सा लेंगे। अयोध्या में देश के सभी प्रदेशों से आए सुप्रसिद्ध कलाकार भगवान श्रीराम के जीवन दर्शन एवं उनसे संबंधित पात्रों को चित्र के माध्यम से जीवंत एवं मूर्त रूप में सृजित करेंगे। चित्रकला शिविर में नवोदित कलाकार एवं कला के विद्यार्थियों को चित्रकला की बारीकियों को देखने एवं सीखने का सुअवसर प्राप्त होगा।

51 वरिष्ठ कलाकार चित्रकला के जरिए युवाओं को बताएंगे श्रीराम का जीवन दर्शन

शिविर के तहत 51 वरिष्ठ कलाकार चित्रकला के जरिए युवाओं को श्रीराम का जीवन दर्शन बताएंगे। अयोध्या में होने वाले शिविर में प्रोफेसर एस प्रणाम सिंह, किशन सोनी, राजेंद्र प्रसाद, कन्नू पटेल, नवल किशोर सरीखे कलाकार हिस्सा लेंगे। शिविर अवधि में सभी प्रतिभागी कलाकारों द्वारा एक-एक कलाकृति का सृजन किया जाएगा। साथ ही कम से कम एक-एक स्केच भी चित्रित किया जाएगा। शिविर अवधि में सृजित चित्र और स्केच अकादमी के होंगे। इन्हें शिविर के पश्चात प्रदर्शित भी किया जाएगा।

स्लाइड शो, कलाकृतियों के जरिए युवा छात्र-छात्राओं को कराया जाएगा परिचित

राज्य ललित कला अकादमी की निदेशक डॉ. श्रद्धा शुक्ला ने बताया कि रामोत्सव 2024 के जरिए अयोध्या में देश-प्रदेश के कलाकारों को कला-संस्कृति, साहित्य का बड़ा मंच उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में कलाकृतियों के जरिए भी दिग्गज कलाकारों की शैली और तकनीक को जानने का अवसर भी छात्र छात्राओं को मिलेगा। राममय अयोध्या को कलाकार किस दृष्टि से देखते हैं, इस शिविर का आयोजन भी इसी उद्देश्य के साथ किया गया है। शिविर अवधि में वरिष्ठ कलाकारों द्वारा अपने कार्यों का स्लाइड शो व व्याख्यान भी दिया जाएगा। शिविर में स्थानीय स्तर पर डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के छात्र-छात्राओं व शिक्षकों का सहयोग भी रहेगा।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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