उत्तर प्रदेश
महाकुंभ-2025: फसाड लाइट से रोशन होंगे शहर के प्रमुख मंदिर
प्रयागराज| प्रयागराज में महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके तहत शहर के प्रमुख मंदिरों को अलौकिक स्वरूप देने के लिए नव्य प्रयोग के रूप में फसाड लाइट का काम किया जा रहा है। इसमें कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर के प्रमुख प्राचीन मंदिरों को शामिल किया गया है।
27 प्रोजेक्ट पर खर्च किये जा रहे 106 करोड़
महाकुंभ में पर्यटन विभाग को 27 प्रोजेक्ट दिए गए हैं। इनकी लागत 106 करोड़ है । इसमें ज्यादातर प्रोजेक्ट पर विभाग के कार्य रफ्तार पकड़ चुके हैं। इसमें एक प्रोजेक्ट मंदिरों में फसाड लाइट का भी है। कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर के सभी प्रमुख मंदिर महाकुंभ में आधुनिक रंगीन फसाड लाइट से जगमगाएंगे। पर्यटन विभाग को इसकी जिम्मेदारी मिली है। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि महाकुंभ में आने वाले पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए शहर के प्रमुख मंदिर और धार्मिक महत्व के स्थानों को विशेष आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए फसाड लाइट से सुसज्जित किया जा रहा है। शहर के इन प्रमुख मंदिरों में 924 लाख की लागत से फसाड लाइट का कार्य कराया जा रहा है। कुंभ के दौरान शाम होते ही कुंभ मेला क्षेत्र और उसके बाहर शहर के सभी मंदिर रंग-बिरंगी रोशनी से नहा उठेंगे।
इन मंदिरों में होगा फसाड लाइट का कार्य
प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन के पहले कुंभ क्षेत्र में पड़ने वाले और क्षेत्र के बाहर के पांच प्रमुख प्राचीन मंदिरों में फसाड लाइट का कार्य किया जाएगा। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि इसके लिए टेंडर भी जारी हो चुके हैं। कुंभ क्षेत्र में शंकर विमान मंडपम मंदिर, दारागंज के नागवासुकी मंदिर और दारागंज का ही श्री अलोप शंकरी देवी मंदिर शामिल है। कुंभ क्षेत्र के बाहर सिविल लाइंस में श्री हनुमंत निकेतन मंदिर और श्रृंगवेरपुर धाम का प्रमुख मंदिर शामिल है। इसमें शंकर विमान मंडपम मंदिर के लिए सबसे अधिक 355 लाख खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा नागवासुकी मंदिर के लिए 195 लाख, श्री अलोप शंकरी देवी के लिए 166 लाख, श्रृंगवेरपुर के लिए 107 लाख और हनुमंत निकेतन मंदिर सिविल लाइंस के लिए 101 लाख शामिल हैं। इसमें सिविल लाइंस के हनुमंत निकेतन मंदिर में इसकी शुरुआत हो चुकी है। शेष सभी मन्दिरों पर कार्य महाकुंभ के पूर्व पूरा कर लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।
मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।
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