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प्रादेशिक

बिहार में मतदान के दौरान पीठासीन अधिकारी की हार्ट अटैक से मौत

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पटना। बिहार में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के तहत शांतिपूर्ण मतदान जारी है, लेकिन इस बीच वहां से एक दुखद खबर सामने आई है। सुपौल लोकसभा क्षेत्र के सरायगढ़ में चुनाव कार्य में लगे एक पीठासीन अधिकारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया गया है और मृतक के परिजनों को भी घटना की सूचना दे दी गई है। मृतक की पहचान शैलेंद्र कुमार के रूप में हुई है जो पिपरा थाना क्षेत्र के महेशपुर का रहने वाले थे।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि निर्मली विधानसभा के सरायरंजन के मतदान केंद्र संख्या 163 पर मतदान शुरू होने के बाद पीठासीन अधिकारी शैलेंद्र कुमार की तबीयत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। मृतक पीआरएलएन हाई स्कूल (रतनपुर) में बतौर शिक्षक पदस्थापित थे। सुपौल डीएम के निर्देश पर शैलेंद्र कुमार के स्थान पर दूसरे पीठासीन अधिकारी की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है।

बता दें कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए बिहार की पांच सीटों पर आज मतदान हो रहा है। अररिया, झंझारपुर, खगड़िया, मधेपुरा और सुपौल में शाम छह बजे तक वोट डाले जाएंगे। इस चरण में कुल 54 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जिनमें 51 पुरुष और 3 महिला प्रत्याशी हैं। इन सीटों में एनडीए, महागठबंधन के अतिरिक्त अन्य दलों की दलों की स्थिति देखें तो JDU से 3, RJD से 3, BJP से 1, LJPR से 1, BSP से 1 और CPI M से 1 उम्मीदवार सहित 19 निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं और शेष निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं।

 

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प्रादेशिक

ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा: सुखविंदर सिंह सुक्खू

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि ऋणी गरीब लोगों के लिए सहकारी बैंकों की वन टाइम सेटलमेंट नीति को बदलने पर विचार किया जाएगा।

विधायक सतपाल सिंह सत्ती के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वन टाइम सेटलमेंट के मामले 10 लाख रुपये से ऊपर के कर्ज के लिए भी लागू रहेंगे। पिछली सरकार ने पॉलिसी लाई तो कुछ ने फायदा उठाया और कुछ ने नहीं। ऐसे लोग जिनका लोन 10 लाख या इससे ऊपर हो गया। गरीब लोग जो ऋणी हैं, उनके लिए विचार करेंगे कि उन्हें कैसे राहत मिले। यह नीति न केवल सहकारी बैंक बल्कि राज्य कृषि सहकारी बैंक में भी लागू होगी।

सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरा अध्ययन करने के बाद होटलों और भवनों के अतिक्रमण पर संबंधित संचालकों को एकमुश्त राहत देगी। कहा कि जिनके एटिक बने हैं, उनका पूरा अध्ययन करेंगे। देखा जाएगा कि उनके लिए क्या किया जा सकता है। कानून की परिधि में रहकर ही विचार किया जा सकता है। इस बारे में पहले रिटेंशन पॉलिसी भी आ चुकी है। कोर्ट का भी इस पर फैसला आया है। एटिक बनाई है तो उसे रेगुलर करने का नियमानुसार काम होगा।

 

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