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उत्तर प्रदेश

विकास व जनकल्याण के कार्यों की सतत निगरानी करें एमपी-एमएलए : सीएम योगी

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गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सांसद, विधायक समेत सभी जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया है कि वे विकास और जन कल्याण के कार्यों की सतत निगरानी करें। सभी जनप्रतिनिधि अपने अपने क्षेत्र में पात्रों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने को तत्पर रहें, विकास कार्यों के नए प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराएं। सुरक्षित माहौल में विकास और जनकल्याण सरकार की प्रतिबद्धता है।

सीएम योगी रविवार को एनेक्सी भवन में गोरखपुर मंडल के जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद कर रहे थे। अनौपचारिक अंदाज में हुए इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने नवनिर्वाचित सांसदों को बधाई दी और लोकसभा चुनाव में पूरे मनोयोग से परिश्रम करने वाले विधायकगण को साधुवाद दिया। उन्होंने संवाद के लिए आहुत इस बैठक में उपस्थित सभी विधायकों से उनके क्षेत्र में जारी विकास कार्यों, जनकल्याण के कार्यक्रमों की उपलब्धियों की जानकारी ली। कहा कि विकास सतत चलने वाली प्रक्रिया है। क्षेत्र में विकास की जितनी भी गुंजाइश है, सभी जनप्रतिनिधि उस पर प्रस्ताव तैयार कराएं। साथ ही ऐसे पात्र लोगों को केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं से जोड़ें जिन्हें किन्हीं कारणवश किसी योजना का लाभ न मिल पाया हो।

सीएम योगी ने कहा कि लोकतंत्र में जनता ही जनार्दन होती है। हर जनप्रतिनिधि की जिम्मेदारी है कि वह जनता की समस्याएं और उनकी अपेक्षाएं सुनें तथा उसके अनुरूप विकास और जनकल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाए। आमजन की संतुष्टि ही किसी जनप्रतिनिधि के काम का मानक है, इसलिए आम आदमी का विश्वास जीतें और इस विश्वास की डोर को और मजबूत करते रहें। संवाद के दौरान मुख्यमंत्री ने हालिया संपन्न लोकसभा चुनाव में पार्टी के विधानसभावार प्रदर्शन पर भी चर्चा की और सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे अभी से आगामी लक्ष्य के संधान में जुट जाएं।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम, सांसद रविकिशन, विजय दूबे, शशांक मणि, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, विधायकगण फतेह बहादुर सिंह, राजेश त्रिपाठी, महेन्द्रपाल सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, जयप्रकाश निषाद, शलभ मणि त्रिपाठी, विपिन सिंह, प्रदीप शुक्ल, सरवन निषाद, प्रेम सागर पटेल, ऋषि त्रिपाठी समेत कई विधायक, एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, रतनपाल सिंह आदि उपस्थित रहे।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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