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उत्तर प्रदेश

पांच महीने में 2.86 करोड़ भक्तों ने बाबा के दरबार में लगाई हाजिरी

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वाराणसी| श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में साल दर साल श्रद्धालुओं की संख्या और आय में रिकॉर्ड वृद्धि होती जा रही है। श्री बाबा विश्वनाथ के दरबार में सुगमता से दर्शन और सुविधाओं के कारण श्रद्धालुओं की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। अन्य शहरों से अच्छी कनेक्टिविटी ने भी काशी का समग्र विकास करते हुए धार्मिक पर्यटन को बढ़ाया है। जनवरी से मई 2023 (पांच महीने) के सापेक्ष 2024 में इस अवधि में शिव भक्तों की संख्या में 48.23 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वहीं इस अवधि के दौरान बाबा की आय में भी 33 फीसदी का इजाफा हुआ है।

बाबा की आय में भी हुई 33 फीसदी की वृद्धि

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के दिव्य और भव्य निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि 1 जनवरी से 31 मई 2023 तक 1,93,32,791 ( एक करोड़ तिरानवे लाख बत्तीस हजार सात सौ इक्यानबे) श्रद्धालुओं ने बाबा का दर्शन किया था, जबकि वर्ष 2024 में 1 जनवरी से 31 मई तक कुल 2,86,57,473 (दो करोड़ छियासी लाख सत्तावन हजार चार सौ तिहत्तर) श्रद्धालु श्री काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के चौखट पर हाजिरी लगाने पहुंचे। 2023 के मुकाबले वर्ष 2024 में 9,324,682 ( तिरानबे लाख चौबीस हजार छह सौ बयासी) श्रद्धालु अधिक पहुंचे। मिश्र के मुताबिक इस अवधि के दौरान बाबा की आय में भी 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

अब तक 16.46 करोड़ भक्तों ने किए बाबा के दर्शन

13 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण किया था। इसके बाद से 16 जून तक 16.46 करोड़ भक्त श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में शीश नवा चुके हैं। योगी सरकार के निर्देश पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में ठंड,गर्मी और बरसात में श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा जाता है। काशी में बढ़ी श्रद्धालुओं की संख्या के पीछे डबल इंजन की सरकार में यहां का अनवरत विकास भी शामिल है। अच्छी सड़क, सफाई और सुरक्षा ने पर्यटकों की वाराणसी आने की सभी मुश्किलों को दूर किया है।
बॉक्स

जनवरी से मई 2023 तक श्रद्धालुओं की संख्या – 1, 93,32,791

जनवरी – 4229590
फरवरी – 4004807
मार्च – 3711060
अप्रैल – 4231858
मई – 3155476

जनवरी से मई 2024 तक श्रद्धालुओं की संख्या- 2,86,57,473

जनवरी – 4650272
फरवरी – 3267772
मार्च – 9563432
अप्रैल – 4988040
मई – 6187957

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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