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आध्यात्म

माता विंध्यवासिनी देवी से जुड़ीं कथाओं को शोकेस करेगी योगी सरकार, आर्ट गैलरी बनेगी माध्यम

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लखनऊ/ मीरजापुर। उत्तर प्रदेश की आध्यात्मिक चेतना के केंद्रों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार ने श्री काशी विश्वनाथ धाम और अयोध्या के कायाकल्प के बाद मीरजापुर में माता विंध्यवासिनी देवी के धाम को भी नव्य-भव्य रूप देने की शुरुआत कर दी है। यहां आने वाले भक्तों को अब माता विंध्यवासिनी की लीलाओं से जुड़ी कथाओं और तीर्थ के माहत्म को दर्शाने वाली विभिन्न कलाकृतियों को आर्ट गैलरी के माध्यम से शोकेस किया जाएगा। आर्ट गैलरी के निर्माण ये यहां आने वाले पर्यटकों को आस्था, कला और संस्कृति का अनुपम संगम देखने को मिलेगा। उल्लेखनीय है कि भगवती विंध्यवासिनी आद्या महाशक्ति हैं तथा विन्ध्याचल सदा से उनका निवास-स्थान रहा है। यही कारण है कि विंध्यगिरि को एक जागृत शक्तिपीठ माना जाता है और न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि देश-दुनिया से भक्त माता विंध्यवासिनी के चरणों में निरंतर शीश नवाने आते हैं।

पर्यटन विकास का माध्यम बनेगी आर्ट गैलरी

विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ समेत विभिन्न प्रकार के निर्माण व विकास कार्यों को गति दी जा रही है। इसी क्रम में, आर्ट गैलरी के निर्माण के जरिए विंध्य क्षेत्र के पर्यटन विकास की प्रक्रिया को और बल मिलेगा। गौरतलब है कि सीएम योगी की मंशा अनुरूप मीरजापुर व विंध्य क्षेत्र के समेकित विकास का जो खाका खींचा गया था उसे क्रियान्वित करते हुए सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। यही कारण है कि आर्ट गैलरी के निर्माण कार्य को गति देने की प्रक्रिया भी तेज हुई है।

यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड को सौंपा गया है जिम्मा

आर्ट गैलरी के निर्माण का जिम्मा यूपी प्रोजेक्ट्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) को सौंपा गया है। यूपीपीसीएल द्वारा कार्यों की पूर्ति के लिए स्पेशेलाइज्ड एजेंसियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ई-निविदा माध्यम के जरिए संबंधित एजेंसियों की नियुक्ति के लिए यूपीपीसीएल ने आवेदन मांगे हैं। गौरतलब है कि आर्ट गैलरी से संबंधित सभी निर्माण कार्यों को 3.43 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया जाएगा। कार्यावंटन के बाद नियुक्त एजेंसियों को वर्षा अवधि के अतिरिक्त 6 माह में सभी निर्माण कार्यों को पूर्ण किया जाएगा।

विभिन्न प्रकार के कार्यों को दी जा रही गति

विंध्य कॉरिडोर योजना के अंतर्गत मां विंध्यवासिनी माता मंदिर के अंतर्गत परिक्रमा पथ परकोटा (ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक) बनाया जा रहा है। परकोटों के छत पर ए ब्लॉक से लेकर एच ब्लॉक तक कुल आठ केंद्र बिंदु हैं। 16 स्थानों पर मंदिर का अलग-अलग गुम्बद नुमा डिजाइन पत्थरों से बनाया जा रहा है। यहां देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना की जाएगी जो मां विंध्यवासिनी मंदिर की छत से इसकी भव्यता एवं दिव्यता प्रदर्शित करेगी। इसके अतिरिक्त, गलियों का चौड़ीकरण करने के पश्चात सड़क के बीच डिवाइडर का भी निर्माण कार्य चल रहा है। डिवाइडर को तरह-तरह के रंग बिरंगे पौधे, आर्क लैंप्स और रोशनी सज्जा युक्त किया जाएगा।

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आध्यात्म

बाबा बर्फानी के दर्शन को उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, 4 दिन में 74,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने लगाई हाजिरी

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नई दिल्ली। कश्मीर की पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए चल रही श्री अमरनाथ यात्रा का आज पांचवा दिन है। चौथे दिन मंगलवार को 22715 श्रद्धालुओं ने बाबा के दरबार में हाजिरी लगाई। इस के साथ ही पिछले चार दिनों में 74,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ के पवित्र गुफा मंदिर में दर्शन किए हैं, जबकि 5,725 यात्रियों का एक और जत्था बुधवार को कश्मीर के लिए रवाना हुआ।

अधिकारियों ने कहा, “आज सुबह 5,725 यात्रियों का एक और जत्था भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिलों में रवाना हुआ। इनमें से 2514 यात्री 118 वाहनों के सुरक्षा काफिले में उत्तरी कश्मीर बालटाल बेस कैंप के लिए रवाना हुए, जबकि 3,211 यात्री सुरक्षा बलों की सुरक्षा में 120 वाहनों में सवार होकर दक्षिण कश्मीर नुनवान (पहलगाम) बेस कैंप के लिए रवाना हुए।”

मौसम विभाग ने दोनों यात्रा मार्गों पर आमतौर पर बादल छाए रहने और सुबह के समय हल्की बारिश/गरज के साथ छींटे पड़ने की संभावना जताई है। यात्री या तो 48 किलोमीटर लंबे पारंपरिक पहलगाम गुफा मंदिर मार्ग से या फिर 14 किलोमीटर लंबे छोटे बालटाल मार्ग से यात्रा करते हैं। पहलगाम मार्ग का उपयोग करने वालों को गुफा मंदिर तक पहुंचने में चार दिन लगते हैं, जबकि बालटाल मार्ग का उपयोग करने वाले लोग गुफा मंदिर के अंदर ‘दर्शन’ करने के बाद उसी दिन आधार शिविर में लौट आते हैं। समुद्र तल से 3888 मीटर ऊपर स्थित गुफा मंदिर में बर्फ की एक संरचना है जो चंद्रमा के चरणों के साथ घटती-बढ़ती रहती है। भक्तों का मानना ​​है कि बर्फ की यह संरचना भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों का प्रतीक है।

इस वर्ष लगभग 300 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग, जुड़वां यात्रा मार्गों, दो आधार शिविरों और गुफा मंदिर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं ताकि यात्रा को सुचारू और दुर्घटना-मुक्त बनाया जा सके। दोनों मार्गों और पारगमन शिविरों और गुफा मंदिर में 124 से अधिक ‘लंगर’ (सामुदायिक रसोई) स्थापित किए गए हैं। इस वर्ष की यात्रा के दौरान 7,000 से अधिक ‘सेवादार’ (स्वयंसेवक) यात्रियों की सेवा कर रहे हैं। यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए रेलवे ने 3 जुलाई से अतिरिक्त ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है। यात्रियों के लिए दोनों मार्गों पर हेलीकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

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