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उत्तर प्रदेश

लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर सीएम ने किया ‘जनता दर्शन’, हर एक फरियादी की सुनी पीड़ा

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास पर ‘जनता दर्शन’ किया। इस दौरान आए सैकड़ों फरियादियों ने अपनी पीड़ा रखी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी फरियादियों के पास स्वयं पहुंचे और समस्याएं सुनीं। रविवार को सर्वाधिक शिकायत शाहजहांपुर से पहुंची। इसमें से अधिकांश शिकायतें जमीन कब्जे व पैमाइश में हीलाहवाली से जुड़ी थीं। जिस पर सीएम काफी नाराज हुए।

सीएम ने जल्द से जल्द कार्रवाई के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जनता दर्शन में हर पीड़ित के पास पहुंचकर उनकी समस्याओं को सुना। यहां शाहजहांपुर जनपद से कई फरियादी आए थे। जिले से जमीन कब्जे और जमीन पैमाइश की काफी शिकायतें थीं। फरियादियों ने लेखपाल-कानूनगो की लापरवाही की शिकायत भी सीएम से की। जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल जिलाधिकारी को तीन दिन के भीतर कार्रवाई कर अवगत कराने का निर्देश दिया। ऐसे ही मामले आगरा-कानपुर से भी आए। सीएम ने सभी फरियादियों को आश्वस्त किया कि उन्हें कतई परेशान होने की जरूरत नहीं है। जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी।

धन के अभाव में नहीं रुकेगा किसी का इलाज

वहीं धनाभाव के कारण इलाज में आ रही समस्या को लेकर भी एक महिला पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि आयुष्मान कार्ड है, लेकिन इलाज में इससे अधिक पैसे की आवश्यकता है, जिस पर सीएम ने उन्हें आश्वस्त किया कि धन के अभाव में इलाज कतई नहीं रुकेगा। तत्काल ही सीएम आवास से केजीएमयू वीसी और सीएमएस को इस संदर्भ में सूचित कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया गया। वहीं उन्नाव में तैनात सहायक अध्यापिका भी पहुंची, जिन्होंने बताया कि बच्चा काफी अस्वस्थ है और उसका इलाज लखनऊ में चल रहा है। पति भी बाहर रहते हैं। वे लखनऊ स्थानांतरण चाहती हैं। इस पर सीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

कानून से खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि फरियादियों की शिकायत जनपद स्तर पर हर हाल में सुनी जाए। किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जमीन कब्जे से जुड़े मामलों में सीएम ने कहा कि पीड़ितों की सुनवाई सुनिश्चित हो। कानून से खिलवाड़ करने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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