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उत्तर प्रदेश

कोई छात्र स्कूल से वंचित न रहे, ये देश की सबसे बड़ी सेवा होगीः सीएम योगी

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश के मेधावी छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित किया। साथ ही सीएम योगी ने ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी एवं स्कूल बैग की खरीद के लिए प्रति छात्र-छात्रा 1200 रुपए की धनराशि उनके माता/पिता/अभिभावक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरण प्रक्रिया का भी शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि कोई छात्र स्कूल से वंचित न रह जाए। हम अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करें, ये देश की सबसे बड़ी सेवा है। श्रीमद्भगवतगीता में तो किसी को शिक्षित करना सबसे पवित्र कार्य माना गया है। उन्होंने शिक्षा विभाग से जुड़े शिक्षकों और अधिकारियों से कहा कि आप उस पवित्र कार्य से जुड़े हुए है। आपका आचरण एक शासकीय अधिकारी की तरह नहीं, बल्कि समाज के एक मार्गदर्शक के रूप में, एक शिक्षक के रूप में होना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि हमारे विद्यालय इनोवेशन और रिसर्च के नए सेंटर के रूप में स्थापित हों, हमारे छात्र-छात्राओं के अंदर कठिन से कठिन चुनौतियों से जूझने का जज्बा हो, इसके लिए हम अपने आपको तैयार करें।

नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं मेधावी छात्र

मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के बाद सीएम योगी ने कहा कि सचमुच एक गुरु के लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि जिसको उन्होंने गाइड किया वो देश में, प्रदेश में, जनपद में उच्च स्थान प्राप्त कर उन्हें गौरवान्वित कर रहे हैं। इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए नई पीढ़ी के सामने उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं कि अगर वो भी ऐसे ही परिश्रम करेंगे तो उन्हें भी सम्मान प्राप्त होगा। सीएम योगी ने छात्र-छात्राओं को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि जीवन में किसी भी फील्ड में जाना हो याद रखना परिश्रम का कोई विकल्प नहीं हो सकता। जीवन में शॉर्टकट का रास्ता अपनाने वाला व्यक्ति कभी भी अपनी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकता। इसलिए जीवन में जितना कठिन परिश्रम कर सकते हैं, करना चाहिए। जिन छात्रों ने कठिन परिश्रम किया, मेरिट में उनका नाम आया। सफलता हमें ये भी बताती है कि हमने मंजिल पा ली है, हमारी दिशा सही है, हमें दिशा भ्रम में नहीं पड़ना है।

मेधावी छात्रों के नाम पर रखा जाएगा सड़क का नाम

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा, उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन नई दिल्ली और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली से जुड़े छात्र-छात्राओं को यहां सम्मानित किया गया है। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की मेरिट में जगह बनाने वाले कुल छात्र-छात्राओं की संख्या 170 है, जिनमें छात्र 58 हैं और छात्राएं 112 हैं। ये सफलता बताती है कि बेटियों ने लंबी छलांग मारी है और बेटी पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा की हाईस्कूल परीक्षा की मेरिट सूची में कुल 17 में 4 छात्र हैं और 13 छात्राएं हैं। इंटरमीडिएट की मेरिट लिस्ट में कुल 36 में से 14 छात्र हैं और 22 छात्राएं हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद की हाईस्कूल परीक्षा की मेरिट लिस्ट में कुल 11 में से 2 छात्र एवं 9 छात्राएं सम्मिलित हैं। इंटरमीडिए में 11 की मेरिट लिस्ट में एक छात्र और 10 छात्राएं शामिल हैं। सीबीएसई की 10वीं मेरिट सूची में प्रदेश के 26 छात्रों में 11 छात्र और 15 छात्राएं हैं। 10+2 में 22 में 3 छात्र और 19 छात्राएं हैं। आईसीएससी में 30 में 18 छात्र और 12 छात्राएं है, वहीं 10+2 में 17 में से 5 छात्र हैं और 12 छात्राएं हैं। इन सभी मेरिट में आने वाले छात्र-छात्राओं को सर्टिफिकेट, टैबलेट और एक लाख रुपए नगद उपलब्ध कराने का कार्य सरकार कर रही है। इसके साथ ही ये छात्र जिस गांव, मोहल्ले के होंगे वहां की सड़क का नामकरण इनके नाम पर या वहां की सड़क का निर्माण कार्य सरकार के स्तर पर होगा। विधायक और सांसद के साथ मिलकर इन्हीं के द्वारा इसका शिलान्यास भी कराया जाना चाहिए।

7 वर्ष से लगातार इनोवेशन को आगे बढ़ा रहा बेसिक शिक्षा परिषद

सीएम योगी ने कहा कि आज यहां पर बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अनेक कार्यक्रमों का शुभारंभ किया गया। इनमें 88 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के खाते में 1200 रुपए प्रति छात्र भेजे गए हैं। बेसिक शिक्षा परिषद ने विगत 7 वर्ष में अनेक इनोवेशन को आगे बढ़ाया है। 2017 के पहले जैसे सरकार अंधकार में रहती थी, वैसे ही इन्होंने शिक्षा को भी अंधकार में ढकेलने का काम किया था। आज आप देख रहे हैं कि 12 दिन के अंदर शुचितापूर्ण तरीके से नकल विहीन परीक्षा संपन्न हुई है और 14 दिन के अंदर परिणाम भी आ गए। पहले तीन महीने में परीक्षा होती थी, तीन महीने परिणाम आने में लगते थे, तीन महीने एडमिशन में लगते थे और शेष तीन महीने पर्व और त्योहार में चले जाते थे और साल निकल जाता था। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन कायाकल्प के अगले चरण के कार्यक्रम को लेकर बेसिक शिक्षा परिषद ने नए कदम उठाए हैं, जिसमें पीएम श्री स्कूल के रूप में स्कूलों का आधुनिक स्वरूप भी हम सबको देखने को मिल रहा है। हमने 18 कमिश्नरी में 18 अटल आवासीय विद्यालय बनाए हैं। 57 नए सीएम कंपोजिट स्कूल हम लोग प्रदेश के अन्य जनपदों में शुरू करने जा रहे हैं। आज प्रदेश में निपुण भारत अभियान के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग ने एक लंबी छलांग लगाई है। साथ ही कस्तूरबा गांधी बालिका इंटर कॉलेज बालिकाओं के पढ़ने का एक नया प्लेटफॉर्म बना है। अब इन्हें कक्षा 9 से 12 में भी अपग्रेड किया गया।

इस अवसर पर माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार, बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव एम के एस सुंदरम, महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा समेत तमाम अधिकारीगण उपस्थित रहे।

टेक्नोलॉजी और आधुनिक शिक्षा से बना रहे बच्चों का बेहतर भविष्य : संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि बिना शिक्षा के विकसित समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसलिए, हमारी सरकार ने सर्वसमाज को ध्यान में रखकर एक बेहतर शिक्षा व्यवस्था बनाई है और उसी दिशा में आगे बढ़ रही है। सरकार और विभागीय प्रयासों से अब तक प्रदेश के लगभग 95 प्रतिशत विद्यालयों में 19 बिंदुओं पर होने वाले कार्य पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने प्रदेश के सभी 2 लाख 9 हजार 863 विद्यालयों को दो-दो टैबलेट उपलब्ध करावाकर बच्चों की बेहतर पढ़ाई को सुनिश्चित कराने का कार्य किया है। बच्चों के बेहतर शिक्षा के लिए 880 आईसीटी लैब्स भी स्थापित किए गए है। 18 हजार 381 परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्मार्ट क्लास की स्थापना करने का कार्य भी पूर्ण हो चुका है।

कार्यक्रम में सीएम योगी ने इन योजनाओं का किया शुभारंभ

▪️ड्रेस, जूता-मोजा, स्वेटर, स्टेशनरी एवं स्कूल बैग क्रय के लिए प्रति छात्र-छात्रा 1200 रुपए की धनराशि उनके माता-पिता या अभिभावक के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से अंतरण प्रक्रिया का शुभारंभ

▪️विभिन्न बोर्डों के मेधावी छात्र एवं छात्राओं का सम्मान

▪️165 उच्चीकृत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का लोकार्पण

▪️11 जनपदों के डायट में अतिरिक्त कक्षा-कक्ष, ऑडिटोरियम तथा टॉयलेट ब्लॉक का शिलान्यास

▪️कक्षा 1 व 2 की एनसीईआरटी पर आधारित पाठ्य पुस्तकों के वितरण अभियान का शुभारंभ

▪️विभागीय क्रियाकलापों की जानकारी एवं समस्याओं के निराकरण के लिए टोल फ्री नंबर 1800-889-3277 का शुभारंभ

▪️शैक्षणिक शोध संकलन ‘शोध संगम’का विमोचन

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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी का स्पष्ट निर्देश- धनाभाव में नहीं रुकेगा किसी का इलाज

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लखनऊ| सबका साथ, सबका विकास’ को चरितार्थ करते हुए आचार संहिता हटने के तत्काल बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनसमस्याओं के समाधान में जुट गए। आचार संहिता हटते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने छह जून को लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर ‘जनता दर्शन’ किया। उनकी मंशा के अनुरूप पीड़ितों की समस्याओं का समाधान तत्काल शुरू हुआ। वहीं इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए पीड़ितों को भी राहत देते हुए समयसीमा के भीतर अस्पताल के लिए राशि जारी कर दी गई। महज 26 दिन के भीतर 3749 मरीजों को इलाज के लिए 78.31 करोड़ से अधिक की राशि स्वीकृत की गई।

3749 लोगों को 78.31 करोड़ से अधिक की मदद

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जनता दर्शन’ के साथ ही जनप्रतिनिधियों के पत्र पर भी पीड़ित लोगों को रिपोर्ट के आधार पर धनराशि जारी की गई है। छह जून से पहली जुलाई के मध्य 3749 पीड़ितों को 78 करोड़, 31 लाख, 54 हजार 134 रुपये जारी किए गए। महज 26 दिन में यह राशि जारी होने से सभी वर्गों के पीड़ितों को किडनी, कैंसर, ब्रेन हैमरेज, ऑपरेशन समेत कई जटिल बीमारियों के इलाज में मदद मिली।

जून में चार दिन लखनऊ में स्वयं भी ‘जनता दर्शन’ में पहुंचे सीएम योगी

‘जनता दर्शन’ सीएम योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रतिदिन सुबह 9 से दोपहर दो बजे तक उनके सरकारी आवास पर जनता दर्शन कार्यक्रम चलता है। समय-समय पर सीएम खुद भी लखनऊ और गोरखपुर में ‘जनता दर्शन’ करते हैं। जून माह में सीएम ने अपने लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर छह जून, आठ जून, 20 जून और 30 जून को स्वयं आमजन की समस्याओं को सुनकर समयसीमा के भीतर निस्तारण कराने का निर्देश दिया।

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