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उत्तर प्रदेश

नेता प्रतिपक्ष के सुझावों का सीएम योगी ने किया स्वागत

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लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे समेत पूरे विपक्ष पर हमलावार रहे, लेकिन उन्होंने उनके द्वारा दिए गए सुझावों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने बहुत सारे महत्वपूर्ण सुझाव भी हमें दिए हैं। आपके सुझावों के लिए आपका अभिनंदन करता हूं। बुजुर्गों और वयोवृद्ध सदस्यों को हमारे यहां हमेशा सम्मान दिया गया है। सीएम योगी ने मानसून सत्र को सकुशल संपादित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का भी आभार जताया।

काला नमक चावल और मेडिकल कॉलेज पर कसा तंज

विधानसभा में बजट पर चर्चा करते हुए सीएम योगी ने नेता प्रतिपक्ष पर कई बार तंज भी कसा। उन्होंने सिद्धार्थ नगर के कला नमक चावल का जिक्र करते हुए कहा कि प्रोटीन से भरपूर इस उत्पाद को हमारी सरकार ने ही पहचान दिलाई जो अब इस जनपद की पहचान बन चुका है। उन्होंने कहा कि वर्षों से इस क्षेत्र में काला नमक चावल की पैदावार होती थी, लेकिन कभी किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने को लेकर भी व्यंग्य किया। उन्होंने कहा कि पांडे जी आप तो जिस जनपद में आते हैं आपने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बदलाव को महसूस किया होगा। गोरखपुर का बीआरडी मेडिकल कॉलेज हो या सिद्धार्थनगर का जिला चिकित्सालय सभी को अपने देखा होगा। आपके जिले में भी माधवबाऊ के नाम पर माधवबाऊ त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज का निर्माण हो चुका है। कल ही महाराजगंज के पीपीपी मोड पर बने मेडिकल कॉलेज को एडमीशन के लिए मान्यता भी प्राप्त हुई है।

नेता प्रतिपक्ष ने की सीएम योगी की तारीफ

इस बीच, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने भी अपने भाषण में कई मौकों पर सीएम योगी और सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों की तारीफ की। उन्होंने परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। अपने पूरे भाषण के दौरान उन्होंने कई बार सीएम योगी के लिए सम्मानजनक शब्दों का उपयोग किया।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार के अथक प्रयास से बीमारू से स्वस्थ प्रदेश बना यूपी

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लखनऊ| मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में बीमारू प्रदेश कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश की कमान संभालने के बाद प्रदेश को स्वस्थ प्रदेश बनाने के लिए वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज का संकल्प लिया। साढ़े सात वर्षों में निरंतर किए गए प्रयासों के चलते आज उनका संकल्प साकार होता दिखाई दे रहा है। जहां वर्ष 2017 के पहले प्रदेश के छात्रों को मेडिकल की डिग्री के लिए दूसरे राज्यों और विदेशों का रुख करना पड़ता था, वहीं आज उन्हे प्रदेश में ही मेडिकल की पढ़ाई करने की सुविधा मिल रही है। इससे न सिर्फ प्रदेश में पहले की अपेक्षा डॉक्टर्स की कमी दूर हुई है, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं में भी व्यापक सुधार हुआ है। सीएम योगी के प्रयासों का ही नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों की तुलना में प्रदेश में मेडिकल कॉजेल की संख्या में दोगुने का इजाफा हुआ है। वर्तमान में प्रदेश में 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जबकि वर्ष 2017 में इनकी संख्या महज 39 थी। इसी तरह प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।

एमबीबीएस की 11,200 तो पीजी की 3,781 सीटोंं पर हो रहा दाखिला

मेडिकल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग उत्तर प्रदेश की महानिदेशक किंजल सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वन डिस्ट्रिक्ट वन मेडिकल कॉलेज के संकल्प की दिशा में लगातार काम हो रहा है। इसी का नतीजा है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज की संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2016-2017 में कुल 39 मेडिकल कॉलेज थे। इनमें 14 सरकारी और 25 प्राइवेट कॉलेज शामिल थे। वहीं योगी सरकार के अथक प्रयासों से पिछले साढ़े सात वर्षों में प्रदेश में मेडिकल कॉलेज की संख्या में दोगुने का इजाफा हआ है। वर्तमान में प्रदेश में कुल 78 मेडिकल कॉलेज संचालित हैं। इनमें 43 सरकारी और 35 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। इतना ही नहीं, प्रदेश में पिछले साढ़े सात वर्षों में एमबीबीएस की सीटों में 108 प्रतिशत और पीजी की सीटों में 181 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वर्ष 2016-2017 में प्रदेश में एमबीबीएस की कुल सीटें 5,390 थी। इनमें एमबीबीएस की 1,840 सीटें सरकारी और 3550 सीटें प्राइवेट थीं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में कुल सीटें 11,200 हैं। इनमें एमबीबीएस की कुल 5150 सरकारी सीटें और 6050 प्राइवेट सीटें शामिल हैं। इसी तरह पीजी की सीटों की बात करें तो वर्ष 2016-17 में 1,344 सीटें थी। इनमें सरकारी 741 और प्राइवेट की 603 सीटें शामिल हैं। वहीं आज वर्ष 2024-25 में इनकी कुल संख्या 3,781 हैं। इनमें सरकारी 1,759 और प्राइवेट की 2022 सीटें शामिल हैं।

बागपत, हाथरस और कासगंज में भी होगी मेडिकल कॉलेज की स्थापना

डीजीएमई किंजल सिंह ने बताया कि वर्तमान सत्र 2024-25 में प्रदेश के 12 स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय क्रमश: बिजनौर, कुशीनगर, सुल्तानपुर, गोंडा, ललितपुर, लखीमपुर खीरी, चंदौली, बुलंदशहर, पीलीभीत, औरैया, कानपुर देहात और कौशांबी के कॉलेजों की 15 प्रतिशत सीटों को ऑल इंडिया कोटा के तहत काउंसिलिंग की प्रक्रिया चल रही है जबकि 85 प्रतिशत सीटों पर राज्य स्तरीय यूजी नीट प्रथम चक्र की काउंसिलिंग से अधिकांश पर आवंटन किया जा चुका है। वहीं सोनभद्र के मेडिकल कॉलेज को मान्यता देने के लिए केंद्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के समक्ष द्वितीय अपील योजित की गई। अमेठी में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय का निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है। इसका निर्माण कार्य 34 प्रतिशत पूर्ण किया जा चुका है। वर्ष 2025-26 में 100 सीटों की लेटर ऑफ परमिशन प्राप्त करने के लिए एनएमसी, नई दिल्ली का पोर्टल खुलते ही आवेदन किया जाएगा। इसी तरह पीपीपी मोड के तहत मऊ में कल्पनाथ राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यहां पर एनएमसी के लेटर ऑफ परमिशन के लिए आगामी शैक्षणिक सत्र 2025-26 में आवेदन किया जाएगा। इसके साथ ही पीपीपी मोड के वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) स्कीम के तहत बागपत, हाथरस और कासगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा।

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