उत्तर प्रदेश
बीआरडी मेडिकल कॉलेज को 55 करोड़ रुपये की सौगात देंगे सीएम योगी
गोरखपुर, । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज को 55 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों और सुविधाओं की सौगात देंगे। मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में दोपहर बाद 3:30 बजे से प्रस्तावित कार्यक्रम में सीएम योगी कई विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के साथ ही जनहित में विभिन्न नई सुविधाओं का शुभारंभ करेंगे। लोकार्पण, शिलान्यास और सुविधाओं के शुभारंभ समारोह के मंच से मुख्यमंत्री स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण के तहत एमबीबीएस और पैरामेडिकल छात्रों को 483 टैबलेट-स्मार्टफोन का वितरण भी करेंगे।
बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों जिन प्रमुख सुविधाओं का शुभारंभ होगा उनमें 7 करोड़ 17 लाख रुपये की लागत से सीटी स्कैन मशीन और 11.25 लाख रुपये की लागत वाली लिथोट्रिप्सी मशीन का लोकार्पण प्रमुख है। इसके अलावा सीएम जेनेटिक मेडिसिन और पीडियाट्रिक्स आर्थोपेडिक्स ओपीडी तथा मिल्क बैंक का भी शुभारंभ करेंगे।
मेडिकल कॉलेज में मुख्यमंत्री द्वारा माइक्रोबायोलॉजी विभाग में सैम्पल कलेक्शन सेन्टर की स्थापना, पैथालॉजी विभाग में फुली आटोमेटिक टिशु प्रोसेसर, फुली आटोमेटिक यूरिन एनालाइजर, 5 पार्ट सिमेक्स सीबीसी एनलाइजर तथा न्यू एडवांस टेक्नोलॉजी का हारमोन ट्यूमर मेकर डिडक्शन की एलाइनिटी मशीन की स्थापना का शुभारम्भ और आईएचसी पैनल के रेंज की वृद्धि कार्य का शुभारम्भ किया जाएगा। साथ ही वह फार्मेसी कालेज के विस्तार निर्माण कार्य का लोकार्पण करेंगे। इस पर 8 करोड़ 5 लाख रुपये की लागत आई है।
सीएम योगी मेडिकल कॉलेज में 6 करोड़ 12 लाख रुपये की लागत से स्थापित बर्न यूनिट, 2 करोड़ 68 लाख रुपये की लागत से स्थापित नेशनल इमरजेन्सी लाइफ सपोर्ट लैब और 98 लाख रुपये से बनी स्टेडियम की चहारदीवारी का लोकार्पण करने के अलावा सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल में कार्यरत उपचारिकाओं के लिए 100 सीटेड मैरिड छात्रावास के निर्माण कार्य का शिलान्यास करेंगे। इस छात्रावास के निर्माण पर 30 करोड़ 31 लाख रुपये की लागत आएगी।
उत्तर प्रदेश
योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच
लखनऊ | योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।
लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।
कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान
राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।
हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश
टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।
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