Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

वाराणसी: काशी विश्वनाथ मंदिर के पास दो मकान ढहे, एक महिला की मौत, 7 को मलबे से निकाला गया

Published

on

Loading

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित दो पुराने मकान मंगलवार सुबह अचानक ढह गए। इस हादसे में एक महिला की मौत हो गई है जबकि एक महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना पर तुरंत रेस्‍क्‍यू टीमें पहुंची और राहत और बचाव कार्य किया गया। मलबे में दबे 7 लोगों को निकालकर उन्‍हें उपचार के लिए मंडलीय अस्पताल लाया गया। इनमें से एक महिला की मौत हो गई।

पुलिस ने बताया कि यह घटना चौक इलाके के खोया गली में हुई, जहां काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बने दो पुराने मकान अचानक ढह गए और उसके मलबे के नीचे कम से कम आठ लोग दब गए। एनडीआरएफ की टीम ने पांच लोगों को मलबे से सुरक्षित निकालकर अस्पताल पहुंचाया। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर राहत और बचाव अभियान जारी है। स्थानीय लोगों के अनुसार, दोनों मकान 70 साल से अधिक पुराने थे।

मकान गिरने की घटना में घायलों में एक महिला सिपाही भी शामिल हैं जिसे उपचार हेतु ट्रामा सेंटर भेजा गया है। मौके पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल, अपर पुलिस आयुक्त एस चिनप्पा और डीसीपी काशी गौरव बंशवाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद हैं। इस संबंध में वाराणसी मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने जानकारी दी है।

मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने बताया कि रात तकरीबन 3:30 बजे वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर परीक्षेत्र के येलो जोन में दो मकान ढह गए। एक मकान में चार लोग फंसे थे जो स्वयं निकल गए। इसके अलावा दूसरा गुप्ता जी के मकान में तकरीबन 9 लोग फंसे थे, जिसमें 2 लोग स्वयं निकल गए। उन्होंने बताया कि लेकिन NDRF / SDRF की मदद से 7 लोगों कों बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. फिलहाल रेस्क्यू ऑपरेशन खत्म हो चुका है। दबे 7 लोगों को निकाला जा चुका है जिसमें 1 महिला की मृत्यु हुई है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

Published

on

Loading

लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

Continue Reading

Trending