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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार का बड़ा निर्णय, आईसीयू एक्सपर्ट से लैस होंगे सरकारी अस्पताल

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लखनऊ| गंभीर मरीजों की जान बचाने के लिए मरीजों को इंटेंसिव केयर की आवश्यकता होती है इसीलिए सभी अस्पतालों में इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) की स्थापना की जाती है। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में भी आईसीयू की व्यवस्था है, जिसे योगी सरकार अब और अधिक सुदृढ़ करने जा रही है। इसके लिए आईसीयू विशेषज्ञों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इन्हे केयर-अप (क्रिटिकल केयर एडवांसमेंट एंड रेडीनेस एन्हांसमेंट फॉर अपकमिंग आईसीयू प्रोफेशनल्स) कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसके तहत झांसी में एक बैच का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है जबकि दूसरा बैच चल रहा है। ट्रेनिंग पाने वालों में चिकित्सकों के अलावा नर्स व लैब टेक्नीशियन भी शामिल हैं।

एमएलबी के प्रोफेसर को सौंपी गयी प्रशिक्षण की जिम्मेदारी

प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) हैं लेकिन प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण गंभीर मरीजों को रेफर करना पड़ता है। आईसीयू में वेंटिलेटर व आॅक्सीजन की सुविधा मौजूद होने के बावजूद प्रशिक्षित स्टाफ की कमी के कारण उनका सम्पूर्ण इस्तेमाल नहीं हो पाता है। योगी सरकार ने इस बाधा को समझा और गंभीर कदम उठाते हुए सभी जिला अस्पतालों के कुछ डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया। योगी सरकार ने इसकी जिम्मेदारी महारानी लक्ष्मी बाई (एमएलबी) मेडिकल काॅलेज, झांसी के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अंशुल जैन को दी है। वह एमएलबी पैरामेडिकल काॅलेज के निदेशक भी हैं। डॉ. अंशुल ने बताया कि पहले बैच में लखनऊ के सिविल अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अभिषेक कुमार सिंह समेत 10 स्टाफ नर्स व लैब टेक्नीशियन, लोकबंधु अस्पताल के डॉ. दीपक कुमार मौर्य समेत पांच स्टाफ और झांसी जिला अस्पताल के स्टाफ ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है। अब तीनों अस्पतालों की आईसीयू पूर्ण रूप से सक्रिय हैं और वे गंभीर मरीजों का इलाज कर रहे हैं।

डॉक्टर्स संग पैरामेडिकल स्टाफ को वेंटीलेटर के संचालन में किया जा रहा प्रशिक्षित

परिवार कल्याण के डीजी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि दूसरे बैच में गोरखपुर, बांदा और प्रयागराज जिला अस्पताल के डाक्टरों की ट्रेनिंग चल रही है। इसी तरह बाकी जिला अस्पताल के डाॅक्टरों को भी बारी-बारी से आईसीयू आॅपरेशन के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। अगले साल के अंत तक सभी आईसीयू पूर्ण रूप से सक्रिय हो जाएंगे। हमारी कोशिश है कि अधिक से अधिक डॉक्टर, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को वेंटीलेटर एवं अन्य आधुनिक चिकित्सा उपकरणों के सफल उपयोग में पारंगत कर सकें ताकि प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिल सके। उनको बेहतर चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा मिले और उनपर वित्तीय बोझ कम हो सके।

वर्जन

प्रशिक्षण से बहुत लाभ मिला है। लोकबंधु अस्पताल में 11 बेड का आईसीयू शुरू किया गया है। बीते एक महीने में 150 से अधिक मरीजों को यहां भर्ती कर इलाज किया गया है। अब प्रशिक्षित स्टाफ वेंटीलेटर व अन्य उपकरण चला रहे हैं और मरीजों को यहां सुचारू इलाज मिल रहा है।

-डॉ. दीपक कुमार मौर्या, आईसीयू इंचार्ज, लोकबंधु अस्पताल

प्रशिक्षण में गए सभी स्टाफ को बहुत फायदा मिला है। स्टाफ नर्स वेंटीलेटर व अन्य उपकरण अब चला रही हैं जिसका लाभ मरीजों को मिल रहा है। इसी वजह से सिविल अस्पताल के आईसीयू में बीते एक महीने में मरीजों की संख्या बढ़ी है।

-डॉ. अभिषेक सिंह, आईसीयू इंचार्ज, सिविल अस्पताल

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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