Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

पीएम मोदी ने लाल किले पर लगातार 11वीं बार तिरंगा फहराया, कहा- देश स्वतंत्रता सेनानियों का ऋणी है

Published

on

Loading

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुरुवार को लगातार 11वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराया। लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने देश को आज़ादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को नमन भी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज वह शुभ घड़ी है जब हम देश के लिए मर मिटने वाले, देश की आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले, आजीवन संघर्ष करने वाले, फांसी के तख्त पर चढ़कर भारत माता की जय का नारे लगाने वाले अनगिनत आजादी के दीवानों को हम नमन कर रहे हैं। आजादी के दीवानों ने आज हमें आजादी के इस पर्व में स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है। यह देश उनका ऋणी है और ऐसे हर महापुरुष के प्रति हम अपना श्रद्धा भाव व्यक्त करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आज जो राष्ट्र की रक्षा के लिए और राष्ट्र निर्माण के लिए पूरी लगन से, पूरी प्रतिबद्धता के साथ देश की रक्षा कर रहे हैं, देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास कर रहे हैं, चाहे वह हमारा किसान हो, हमारा जवान हो, हमारे नौजवानों का हौसला हो, हमारे माता-बहनों का योगदान हो, दलित, शोषित, वंचित या पीड़ित हो, अभावों के बीच भी स्वतंत्रता के प्रति उसके निष्ठा, लोकतंत्र के प्रति उनकी श्रद्धा यह पूरे विश्व के लिए एक प्रेरक घटना है। मैं आज ऐसे सभी को आदरपूर्वक नमन करता हूं।

नेशनल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से नाराज

Published

on

Loading

नई दिल्ली। किसानों के मुद्दे पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ नाराज हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले पर सीधा सवाल पूछा है। उन्होंने कहा, ‘मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि किसान से वार्ता क्यों नहीं हो रही है। हम किसान को पुरस्कृत करने की बजाय, उसका सही हक भी नहीं दे रहे हैं।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने क्या कहा?

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, ‘कृषि मंत्री जी, एक-एक पल आपका भारी है। मेरा आप से आग्रह है कि कृपया करके मुझे बताइये। क्या किसान से वादा किया गया था? किया गया वादा क्यों नहीं निभाया गया? वादा निभाने के लिए हम क्या कर रहे हैं?’

उन्होंने कहा, ‘गत वर्ष भी आंदोलन था, इस वर्ष भी आंदोलन है। कालचक्र घूम रहा है, हम कुछ कर नहीं रहे हैं। पहली बार मैंने भारत को बदलते हुए देखा है। पहली बार मैं महसूस कर रहा हूं कि विकसित भारत हमारा सपना नहीं लक्ष्य है। दुनिया में भारत कभी इतनी बुलंदी पर नहीं था। जब ऐसा हो रहा है तो मेरा किसान परेशान और पीड़ित क्यों है? किसान अकेला है जो असहाय है।

Continue Reading

Trending