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उत्तर प्रदेश

मीडिया की भूमिका को कोई नहीं कर सकता नजरअंदाजः सीएम योगी

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गाजियाबाद/लखनऊ| सीएम योगी ने कहा कि लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने के लिए भले ही हमने देश में संसदीय लोकतंत्र को अपनाया हो पर न्यायपालिका, कार्यपालिका व विधायिका की भी अपनी लक्ष्मण रेखा है, लेकिन चौथे स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका को कोई नजरअंदाज नहीं कर सकता है। लोगों को सही तथ्यों से अवगत कराना, सही जानकारी उपलब्ध करवाना, आवश्यकता पड़ने पर किसी बड़े ऑपरेशन का नेतृत्व करना और अगर लेखनी के माध्यम से किसी का पोस्टमार्टम भी करना है तो मीडिया की भूमिका दिखती है। हमने आजादी के बाद भी अलग-अलग समय, अलग-अलग स्तर पर इसे महसूस किया है। उक्त बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कही। उन्होंने शुक्रवार को गाजियाबाद में एक निजी चैनल का शुभारंभ किया।

जनता को जनार्दन मानने वाली सत्ता के निर्णय बनते हैं लोकप्रिय

सीएम योगी ने कहा कि भारत को लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है। हम सभी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में रह रहे हैं। ऐतिहासिक व पौराणिक कालखंड में ऐसे अनेक उदाहरण देखने को मिलते हैं, जब आम जनभावनाओं को सर्वोपरि रखकर उस समय की राजसत्ता ने निर्णय लेने में कोई संकोच नहीं किया। जनता को जनार्दन मानकर जब भी शासन सत्ता आगे बढ़ती है तो उसके निर्णय लोकप्रिय, सर्वमान्य व सर्वग्राह्य बनते हैं।

समय के अनुरूप बदलना और चलना होगा

सीएम योगी ने कहा कि हमें समय के अनुरूप बदलना और चलना होगा। समाज, युवा, सामान्य गृहस्थ, किसान, आधी आबादी की आवश्यकता क्या है, मीडिया उनके पसंद के अनुरूप जानकारी उपलब्ध करा सके। एक समय था, जब लोग रेडियो, समाचार पत्रों के माध्यम से देश-दुनिया की घटनाओं को देखते थे। बाद में मीडिया में अनेक चैनल आए, जितनी तेजी के साथ प्रचार-प्रसार किया, उतनी तेजी से उनके सामने चुनैतियां भी आईं। इसके बाद सोशल मीडिया समेत अलग-अलग प्लेटफॉर्म भी बन गए।

आम जनमानस के विश्वास का प्रतीक बनाने में सफल होगा मीडिया संस्थान

सीएम ने कहा कि इस चुनाव में हमने देखा कि डिजिटल व सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म कैसे प्रभावित कर रहे थे। अगले दो-पांच वर्ष में जब हम चुनाव में जाएंगे तो हो सकता है कि प्रिंट व विजुअल मीडिया की भूमिका कुछ गौण हो, डिजिटल मीडिया और प्रभावी हो जाए। इन सबको समाहित करते हुए आज इस चैनल का शुभारंभ हो रहा है। मुझे विश्वास है कि भारत के डीएनए के अनुरूप खबरों को प्रत्येक भारतवासी तक प्रभावी-निष्पक्ष ढंग से पहुंचाने के लिए कलम की ताकत का अहसास कराने में यह मीडिया संस्थान सफल होगा। सीएम ने विश्वास जताया कि यह ग्रुप लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए मीडिया का प्रभावी स्तंभ बनने के साथ-साथ आम जनमानस के विश्वास का प्रतीक भी बनेगा।

इस अवसर पर प्रदेश सरकार के मंत्री जेपीएस राठौर, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. वीके सिंह समेत अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों को कामयाबी, एक दिन-एक शिफ्ट में होगी PCS की परीक्षा

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प्रयागराज। प्रयागराज में प्रदर्शनकारी छात्रों की बड़ी जीत हुई है। UPPSC ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली हैं। RO/ARO की परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही अब PCS की परीक्षा एक ही शिफ्ट में होगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने प्रारंभिक परीक्षाओं के दो दिन दो शिफ्ट में कराने का निर्णय लिया था, जिसके विरोध में हजारों की संख्या में छात्र सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे थे। छात्रों ने आयोग के नोटिस जारी होने के साथ ही फैसले के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सामने प्रदर्शन किया।

अधिकारियों ने प्रदर्शनकरी छात्रों से कई बार बात करने की कोशिश की लेकिन छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे। जिसके बाद पूरे मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप करते हुए आयोग को छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक आयोग से छात्रों के हितों में फैसले के लिए कहा। सीएम योगी की पहल के बाद आयोग ने अपना फैसला वापस ले लिया और छात्रों की एक दिन एक शिफ्ट में पेपर की मांग को मान स्वीकार कर लिया।

वहीँ आरओ/एआरओ (प्री.) परीक्षा-2023 के लिए आयोग द्वारा एक समिति गठित की गई है। समिति सभी पहलुओं पर विचार कर अपनी विस्तृत रिपोर्ट शीघ्र प्रस्तुत करेगी। आसान भाषा में कहें तो आयोग ने सीएम योगी के निर्देश पर फैसला लिया है कि यूपीपीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा पुराने पैटर्न से होंगी यानी एक ही दिन में यह परीक्षा आयोजित होगी। जबकि RO/ARO परीक्षा पर फैसले के लिए कमेटी बनाने की घोषणा की गई है।

कब होंगे पेपर?

जानकारी के लिए बता दें कि पीसीएस की परीक्षा के लिए दो चरण होते हैं, पहला प्रीलिम्स और दूसरा मेंस। पहले ये पेपर चार शिफ्ट में 7 और 8 दिसंबर को होने थे पर अब नए आदेश में यह परीक्षा एक ही दिन में दो शिफ्ट में आयोजित होगी। वहीं, RO/ARO परीक्षा में एक ही पेपर होता है, जो पहले 22 और 23 दिसंबर को तीन पालियों में होनी थी, जिस पर अब कमेटी बना दी गई है जो जल्द ही अपना रिपोर्ट देगी।

 

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