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ब्रेकअप के बाद लवर बन रहे क्रिमिनल, लड़कियों की फेक आईडी बनाकर कर रहे बदनाम

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लखनऊ। प्यार में ठोकर खाने के बाद लड़के साइबर क्राइम की दुनिया में घुस रहे हैं। लड़कियों को बदनाम कर उनकी इज्जत से न केवल खिलवाड़ कर रहे हैं, बल्कि उनकी जिंदगियां भी बर्बाद कर रहे है। आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहते हैं जब लड़कियों की फेक प्रोफाइल बनाने, दूसरे लड़कों के साथ चैट वायरल करने, एडिटिंग करके उनकी न्यूड फोटो वायरल करने की तमाम शिकायतें पुलिस के के पास पहुंच रही हैं।

शादी का प्रपोजल ठुकराने पर लखनऊ निवासी एक युवती का यहीं के रहने वाले युवक ने फेसबुक पर फेक प्रोफाइल बना दिया। यही नहीं कई दूसरे लड़कों की भी फर्जी आईडी बना डाली। लड़की के फेक अकाउंट पर उन्हें फ्रेंड बनाकर अश्लील चैट करता। फिर उन्हें कई ग्रुप में वायरल कर देता। शिकायत पर जांच हुई और इसका खुलासा हुआ। पता चला कि युवक और युवती का बीते कई महीनों से प्रेम प्रसंग चल रहा था। लड़की के घरवालों को रिश्ता मंजूर नहीं था इसलिए लड़की ने लड़के को मना कर दिया था। जिसके बाद गुस्साए युवक ने ये रास्ता अपनाया।

इसके अलावा भी एक ऐसा ही एक और केस लखनऊ में सामने आया था जिसमें गोमती निवासी 22 वर्षीय एक युवती का कॉलेज के लड़के के साथ कई साल से अफेयर था। लड़के के पास रोजगार नहीं था। घरवालों ने बाद में लड़की को शादी कहीं और तय कर दी। लड़के का दिल टूट गया। उसने इंस्टाग्राम पर लड़की की फेक प्रोफाइल बनाई। उसकी कई फोटो आपत्तिजनक तरीके से एडिट कर पोस्ट कर दी। लड़की के पड़ोसियों, दोस्तों के साथ भी चैट करने लगा। बदनामी हुई तो लड़‌की का रिश्ता टूट गया। लड़की की शिकायत पर मामले की जांच हुई तो इसका खुलासा हुआ।

जिले में फेक प्रोफाइल बनाकर बदनामी करने के कई मामले लगातार पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध से जुड़े 20 फीसदी केस इसी तरह के दर्ज हो रहे हैं। महीने भर में 20 से 25 शिकायतें थाने में पहुंच रही हैं। कुछ मामलों में हुई जांच में पता चला कि किसी न किसी वजह से लड़कियों का ब्रेकअप हो गया था जिसके बाद ही इस तरह की घटनाएं उनके साथ घटित होनी शुरू हुई थी।

इस मामले में एक प्रसिद्द मनोवैज्ञानिक ने बताया कि प्यार में ठुकराए जाने को लड़के अपने इगो पर चोट मानते हैं। ब्रेकअप के बाद अक्सर लड़के बदला लेने पर उतारू हो जाते हैं। फेक प्रोफाइल बनाकर लड़कों को बदनाम करना उन्हें सबसे सरल तरीका लगता है। पुलिस पूछताछ में भी कई लड़कों ने यह बात स्वीकार की है। वहीं, साइबर एक्सपर्ट ने कहाकि कई आरोपी लड़कों ने जांच के दौरान यह भी बताया कि इस तरह के मामलों में उन्हें फंसने का रिस्क कम दिखाई दिया। अन्य किसी भी तरह से यदि बदला लिया जाता तो पकड़े जाने का डर अधिक रहता है। इस तरह से वो सीधे शक के घेरे में भी नहीं आ पाते हैं। लड़कियां बदनामी के डर से चुप रहती हैं।

साइबर सेल में काम कर रहे एक पुलिसकर्मी ने बताया कि इस तरह के मामलों में लड़कियां अक्सर बदनामी के डर से चुप्पी साध लेती हैं। इसकी वजह से क्रिमिनल्स के मंसूबे बढ़ जाते हैं। वह इस तरह की घटनाओं को लगातार अंजाम देने लगते हैं। कई मामलों में ब्लैकमेलिंग भी शुरू हो जाती है। पीड़ित लड़कियां बिना डरे पुलिस को अपनी शिकायत दर्ज करा सकती हैं। हेल्पलाइन नंबर 1930 पर भी डायरेक्ट शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।

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प्रादेशिक

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के छोटे भाई का, 72 साल की उम्र में निधन

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आंध्र प्रदेश। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के छोटे भाई और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के पूर्व विधायक एन. राममूर्ति नायडू (72) का शनिवार को यहां एक निजी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निधन हो गया. अस्पताल ने यह जानकारी दी जहां वह इलाज करा रहे थे.

अस्पताल ने एक बुलेटिन में बताया कि राममूर्ति नायडू को हृदयाघात के बाद 14 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्होंने दोपहर 12:45 बजे अंतिम सांस ली. अस्पताल ने कहा कि वह श्वसन संबंधी समस्या के बाद वेंटिलेटर पर थे.

हार्ट अटैक से हुई मौत

जानकारी के अनुसार, एक्टर नारा रोहित के पिता और सीएम चंद्रबाबू नायडू के छोटे भाई नारा राममूर्ति नायडू का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। परिवार के सदस्य उन्हें हैदराबाद के एक अस्पताल ले गए, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।

अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक, राममूर्ति नायडू को कार्डियक अरेस्ट के बाद 14 नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हृदय और फेफड़े के प्रत्यारोपण के बावजूद, उच्च रक्तचाप जैसी जटिलताओं के कारण वह बेहद परेशान थे। अस्पताल ने कहा कि सांस लेने में तकलीफ के कारण उन्हें वेंटिलेशन पर रखा गया था। उनके सर्वोत्तम चिकित्सा प्रयासों के बावजूद, उनकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ।

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