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उत्तर प्रदेश

यूपी के दो शिक्षकों को मिलेगा ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ और मिर्जापुर के परिषदीय विद्यालयों के दो शिक्षकों को ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024’के लिए चयनित किया गया है। इन्हें शिक्षक दिवस के अवसर पर 05 सितंबर को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में पुरस्कृत किया जाएगा। उत्तर प्रदेश से चयनित शिक्षकों में प्रतापगढ़ के मान्धाता ब्लॉक स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय मल्हूपुर के श्याम प्रकाश मौर्या और मिर्जापुर के प्राथमिक विद्यालय भगेसर के रविकांत द्विवेदी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2024’ के लिए देश भर से 50 शिक्षकों के नाम की घोषणा की है। चयनित शिक्षकों को पुरस्कार के रूप में 50-50 हजार रुपए नगद, चांदी का मेडल व प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र के तहत इनोवेटिव तरीकों से पठन पाठन को प्रोत्साहित करते रहे हैं। इस क्रम में उन्होंने परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया है। विभिन्न एप्स के माध्यम से बच्चों के लिए पाठ्यक्रम उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, अध्ययन के नए-नए तरीकों को अपनाने वाले शिक्षकों को आगे बढ़ाकर उन्हें दूसरे शिक्षकों के लिए प्रेरणा के तौर पर प्रस्तुत किया जा रहा है।

छात्रों को छात्रवृत्ति दिलाने में निभाई भूमिका

राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित प्रतापगढ़ जनपद के मान्धाता विकासखण्ड के मल्हौरपुर स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक श्याम प्रकाश मौर्य द्वारा परिषदीय बच्चों को पीपीटी के माध्यम से पढ़ाई कराई जाती है। प्रोजेक्टर के माध्यम से आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए ये बच्चों को इस तरह से अध्ययन कराते हैं, ताकि उन्हें आसानी से समझ में आ सके। इन्होंने 2022 में ऑनलाइन एक ग्रुप बनाकर पूरे जिले के बच्चों को राष्ट्रीय आय आधारित परीक्षा के लिए प्रेरित किया था। इसमें 785 चयनित बच्चों को 03.76 करोड़ की छात्रवृत्ति मिल रही है। इसी तरह, मिर्जापुर के भगेसर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बतौर प्रधानाध्यापक अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे रविकांत द्विवेदी द्वारा बनाया गया ‘गणित का बगीचा’ काफी चर्चित रहा। विद्यालय में बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के लिए ये अनेक प्रकार की नई तकनीक का प्रयोग कर चुके हैं। इसमें गणित का बगीचा, डिजिटल क्लास आदि प्रमुख हैं। बता दें कि यह पुरस्कार देशभर के उन शिक्षकों को दिया जाता है, जिन्होंने अपनी प्रतिबद्धता और परिश्रम से विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार किया है और अपने छात्रों के शैक्षिक एवं व्यवहारिक जीवन को नैतिकता व मूल्यों से समृद्ध बनाया है।

इन प्रदेशों के शिक्षकों को भी ‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’

‘राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार’ पाने वालों में कुल 31 राज्य शामिल हैं, जिनमें 4 केंद्र शासित प्रदेश और 27 राज्य शामिल हैं। चयनित शिक्षकों में जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के शिक्षक शामिल हैं, उनमें हिमांचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, उत्तराखंड, गोवा, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक (बेंगलुरू), ओडिशा, पश्चिमी बंगाल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, अंडमान निकोबार, अरुणांचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा, असम, झारखंड, केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा, तमिलनाडु और महाराष्ट्र शामिल हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।

अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर

प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।

हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी

उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।

अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग

2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।

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