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प्रादेशिक

महाराष्ट्र के भिवंडी में गणेश विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी, मूर्ति खंडित, कई हिरासत में

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ठाणे। महाराष्ट्र के भिवंडी में गणेश विसर्जन के दौरान पत्थरबाजी का मामला सामने आया है। भिवंडी में गणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान पत्थर फेंके गए हिंदुस्तानी मस्जिद के पास रखी गई भगवान गणेश की मूर्ति खंडित हो गई। बताया जा रहा है कि घटना 12.30 बजे हुई। दो गुटों में टकराव की स्थित बनी, लेकिन कुछ देर में पुलिस-प्रशासन ने उसे कंट्रोल कर लिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। घटना में शामिल असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, भीड़ ने एक युवक को पकड़कर उसकी पिटाई की और पुलिस के हवाले कर दिया। मूर्ति खंडित को लेकर लोगों की मांग थी कि जब तक पुलिस सभी पत्थरबाजों को नहीं पकड़ लेती, तब तक प्रतिमा का विसर्जन नहीं किया जाएगा। घटना की खबर फैलते ही मंडल के कुछ और लोग वहां पहुंच गए और जय श्री राम के नारे लगाने लगे।

हालात बिगड़ते देख डीसीपी, एसीपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। मामले को लेकर ठाणे के अतिरिक्त आयुक्त डॉ. ज्ञानेश्वर चव्हाण ने बताया कि भिवंडी शहर के वंजारपट्टी नाका स्थित हिंदुस्तानी मस्जिद के बाहर मंडप बनाकर, मोहल्ला मोहल्ला कमेटी और पुलिस बैठकर गणेश मंडल का स्वागत करते थे। यहां कई सालों से हर साल पारंपरिक तरीके से ऐसा होता आ रहा है। इसकी शुरुआत शांतिपूर्ण तरीके से हुई थी। भक्त रात लगभग 12 बजे घुघट नगर से विर्सजन के लिए मूर्ति को कामवारी नदी ले जा रहे थे।

गणेश मूर्ति जब वंजरपट्टी नाका से गुजर रही थी, इसी दौरान पथराव हुआ है, जिसके कारण मूर्ति खंडित हो गई। इसके बाद दोनों समुदाय के युवकों में बहस हुई, जिसके बाद तनाव बढ़ गया। उन्होंने आगे कहा कि वहां मौजूद पुलिस अधिकारी ने विसर्जन के लिए जुटी भीड़ को तितर-बितर कर दिया। फिलहाल, स्थिति नियंत्रण में है। जो लोग इस तरह की गतिविधियों में शामिल हैं, उन सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। भिवंडी के लोगों से अपील है कि यहां शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखें। किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न दें। अगर किसी को कोई जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। इस मामले को लेकर कोई भी गलत संदेश प्रसारित न करे। मौके पर कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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