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उत्तर प्रदेश

अन्नदाता किसानों, उपभोक्ताओं और जनजातीय समुदाय के कल्याण हेतु लिए गए निर्णयों की सीएम योगी ने की सराहना

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लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में अन्नदाता किसानों, उपभोक्ताओं और जनजातीय समुदाय के कल्याण हेतु लिए गए निर्णयों की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सराहना की और प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। केंद्रीय कैबिनेट ने एक ओर जहां वर्ष 2025-26 तक ₹35,000 करोड़ से पीएम-आशा योजना को जारी रखने का निर्णय लिया है तो वहीं रबी फसल सत्र, 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरें तय करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। वहीं ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ को स्वीकृति प्रदान की गई है।

पीएम-आशा योजनाओं को जारी रखने के निर्णय को लेकर सीएम योगी ने एक्स पर लिखा, “अन्नदाता किसानों के उत्थान एवं उपभोक्ताओं के कल्याण हेतु प्रतिबद्ध प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा वर्ष 2025-26 तक ₹35,000 करोड़ के कुल वित्तीय व्यय से प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (पीएम-आशा) योजनाओं को जारी रखने हेतु मिली मंजूरी सराहनीय है। अन्नदाता किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने और उपभोक्ताओं के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने हेतु लिए गए इस जनहितकारी निर्णय के लिए प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार।”

पोषक तत्व आधारित सब्सिडी दरें तय करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दिए जाने पर सीएम योगी ने लिखा, “अन्नदाता किसानों की उन्नति व खुशहाली ही डबल इंजन की भाजपा सरकार का संकल्प है। इस संकल्प की सिद्धि के क्रम में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा रबी फसल सत्र, 2024 के लिए फॉस्फेटिक और पोटैसिक (P&K) उर्वरकों पर पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) दरें तय करने के प्रस्ताव को मिली स्वीकृति अत्यंत सराहनीय है। इस निर्णय से किसान साथियों को उचित मूल्य पर उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित होने के साथ ही उनकी समृद्धि के नए द्वार भी खुलेंगे। आभार प्रधानमंत्री जी।”

इसी तरह, सीएम योगी ने ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ को मंजूरी मिलने पर लिखा, “प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में केंद्रीय कैबिनेट द्वारा ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान’ को मिली स्वीकृति अभिनंदनीय है। जनजातीय समुदाय के उत्थान की दिशा में लिए गए इस ऐतिहासिक निर्णय से 63,000 से अधिक गांवों के 5 करोड़ से अधिक आदिवासी भाई-बहनों के जीवन-स्तर में सुधार एवं समृद्धि आएगी। जनजातीय बहुल ग्रामों का समग्र विकास सुनिश्चित करते इस निर्णय हेतु प्रधानमंत्री जी का हार्दिक आभार एवं देश वासियों, विशेषकर जनजातीय समुदाय से जुड़े भाई-बहनों को बधाई।”

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उत्तर प्रदेश

लंगड़े भेड़िए ने बनाया अपना नया झुंड, डर के साए में जीने को मजबूर लोग

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बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक जारी है। माता-पि‍ता अपनी और अपने बच्चों की जान को लेकर फिक्र मंद हैं। यहां पांचवें भेड़िए के पकड़े जाने के बाद अब बस एक लंगड़ा भेड़िया बचा है। यह छठा भेड़िया लगातार महिलाओं और बच्चों को अपना निशाना बना रहा है।

इस बीच बहराइच में भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी के फार्म हाउस पर की बुधवार शाम चार भेड़ियों का झुंड देखा गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस झुंड में एक लंगड़ा भेड़िया भी है। माना जा रहा है कि ये वही भेड़िया है जिसकी वन विभाग को तलाश है। हालांकि भेड़ियों के नए झुंड ने लोगों का डर और ज्यादा बढ़ गया है।

भाजपा के विधान परिषद सदस्य पदमसेन चौधरी ने बताया है कि सिसैया चूरामनि गांव से मात्र पांच किलोमीटर दूरी पर उनके फार्म हाउस पर बुधवार शाम चार भेड़ियों का एक झुंड देखा गया। इनमें से एक भेड़िया लंगड़ा बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने भेड़ियों को घेरना शुरू किया तो वे हमारे मक्के के खेत से होते हुए पड़ोसी के खेत में चले गये। अब संभवतः किसी खेत में ही भेड़िए छिपे हैं। हालांकि, वन अधिकारी ने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि इस नये झुंड में आदमखोर भेड़िया शामिल होगा। अधिकारी ने कहा कि भेड़ियों का ये झुंड अगर नरभक्षी नहीं है, फिर भी इसे पकड़ने की कवायद हुई तो इसके सदस्य भेड़िये भी बदले की भावना से इंसानों पर हमलावर हो सकते हैंर और ज्यादा बढ़ा दिया है।

बहराइच के महसी तहसील अंतर्गत घाघरा नदी के कछार में स्थित 50 गांवों के हजारों लोग भेड़ियों के हमलों से दहशत में हैं। यहां आदमखोर भेड़ियों ने इस साल मार्च में सबसे पहले एक बच्चे पर हमला कर दिया था, लेक‍िन जुलाई के बाद से भेड़ियों का हमला बढ़ता जा रहा है। ये भेड़िये अक्सर घरों में सो रहे बच्चों को निशाना बनाते हैं। डेढ़ महीने में भेड़ियों का झुंड महिलाओं और बच्चों समेत दस लोगों की जान ले चुका है. इसके अलावा भेड़ियों ने 35 लोगों को घायल कर द‍िया है।

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