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उत्तर प्रदेश

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंटरनेशनल फिल्म सिटी के करीब ‘अपने घर’ का सपना पूरा कर रही योगी सरकार

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लखनऊ/ग्रेटर नोएडा। दिल्ली एनसीआर में रहना हर किसी का सपना होता है और अगर वो घर इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी और टॉय पार्क जैसे बड़े डेस्टिनेशंस के पास हो तो कहना ही क्या। योगी सरकार प्रदेश के ऐसे ही लोगों का सपना पूरा कर रही है। लोगों को इन डेस्टिनेशंस के पास न सिर्फ अपना फ्लैट खरीदने का अवसर मिलेगा, बल्कि यहां मिल रही अंतर्राष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं का लाभ उठाने का मौका मिल रहा है और वो भी अपेक्षाकृत कम पैसों में। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (यीडा) यमुना एक्सप्रेसवे के सेक्टर 22डी में बिल्ट अप हाउसिंग स्कीम लांच की है, जिसमें पहले आओ पहले पाओ के आधार पर फ्लैट्स बुक किए जा सकेंगे। इस स्कीम की शुरुआत 19 सितंबर को हुई है और स्कीम बंद होने की अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 है। इसके तहत 21 लाख से 45 लाख रुपए तक में वन बीएचके से लेकर 2 बीएचके फ्लैट बुक किए जा सकेंगे।

तीन कैटेगरीज में उपलब्ध होंगे फ्लैट्स

स्कीम के तहत तीन कैटेगरी में कुल 1239 फ्लैट्स उपलब्ध कराए जाएंगे। पहली कैटेगरी अफोर्डेबल हाउसिंग की है। इसमें 29.76 स्क्वायर मीटर सुपर एरिया और 21.62 स्क्वायर मीटर कारपेट एरिया के कुल 276 वन बीएचके फ्लैट्स उपलब्ध होंगे। इसके ग्राउंड फ्लोर फ्लैट की कीमत 23.37 किमी., जबकि फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड फ्लोर पर फ्लैट की कीमत 20.72 लाख है। इसी तरह, दूसरी कैटेगरी में 713 वन बीएचके फ्लैट्स होंगे, जिनका सुपर एरिया 54.75 स्क्वायर मीटर और कारपेट एरिया 36.97 स्क्वायर मीटर होगा। यह सभी फ्लैट 33.05 लाख में उपलब्ध कराए जाएंगे। वहीं, तीसरी और अंतिम कैटेगरी में 2 बीएचके फ्लैट होंगे, जिनकी कुल संख्या 250 है। 99.85 स्क्वायर मीटर सुपर एरिया और 64.72 स्क्वायर मीटर कारपेट एरिया वाले इन फ्लैट की कीमत 45.09 लाख रुपए है।

चॉइस के आधार पर कर सकेंगे बुकिंग

खास बात ये है कि पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आवेदकों को उनकी चॉइस के आधार पर डायरेक्ट अलॉटमेंट प्रदान किया जाएगा। इसमें 18 वर्ष से ऊपर का कोई भी भारतीय आवेदन कर सकता है। हालांकि, यीडा क्षेत्र में पहले किसी स्कीम में रेजीडेंशियल फ्लैट पा चुके लोग आवेदन नहीं कर सकेंगे। वहीं, यीडा क्षेत्र के ऐसे किसान जिनकी जमीन विकास कार्यों के लिए अधिग्रहीत की गई है, उन्हें इस स्कीम में 17.5 प्रतिशत का रिजर्वेशन प्रदान किया जाएगा।

इंटरनेशनल डेस्टिनेशंस के साथ होगी कनेक्टिविटी

इस रेजीडेंशियल स्कीम की सबसे खास बात इसकी लोकेशन है। यह स्कीम सेक्टर 22डी में लांच की गई है, जो कि जेवर में निर्माणाधीन नोएडा इंटरनेशनल से काफी करीब है। इसी तरह, इंटरनेशनल फिल्म सिटी भी इसके काफी करीब है। यही नहीं, डेडिकेटेड एमएसएमई, एमडीपी अपैरल, हैंडीक्राफ्ट और टॉय पार्क से भी इसकी कनेक्टिविटी होगी। यह लोकेशन यमुना एक्सप्रेसवे के बेहद क्लोज है, जबकि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (ईएमसी) भी इसके काफी करीबप है। ये स्कीम उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जो एफ-1 और मोटो ग्रैंप्रि जैसे खेलों के मुरीद हैं, क्योंकि यहां से उन्हें एफ-1 और मोटो ग्रैंप्रि ट्रैक रेस (बुद्ध सर्किट) की दूरी भी काफी कम है। इन सभी इंटरनेशनल डेस्टिनेशंस को कनेक्ट करने के लिए योगी सरकार ने यहां जो सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं, उसका लाभ यहां फ्लैट लेने वाले लोगों को भी मिल सकेगा। इच्छुक आवेदक यीडा की वेबसाइट पर जाकर ब्रोशर को निर्धारित फीस अदा करके डाउनलोड कर सकते हैं।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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