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उत्तर प्रदेश

पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में की यूपी के झांसी की महिलाओं की प्रशंसा

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लखनऊ/झांसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए देशवासियों को संबोधित करते हुए एक बार फिर उत्तर प्रदेश का जिक्र किया। उन्होंने जल संकट से निपटने में देशभर में किए जा रहे जल संरक्षण के प्रयासों को लेकर खासतौर पर उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद का नाम लिया। उन्होंने झांसी की महिलाओं की जमकर तारीफ की, जिन्होंने घुरारी नदी को नया जीवन दिया और पानी की बर्बादी को रोका। उत्तर प्रदेश और खासकर कभी पानी के लिए तरसने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र के जनपद झांसी में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं के योगदान को अपने कार्यक्रम में स्थान देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का आभार जताया।

पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि झांसी में कुछ महिलाओं ने घुरारी नदी को नया जीवन दिया है। ये महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप (एसएचजी) से जुड़ी हैं और उन्होंने जल सहेली बनकर इस अभियान का नेतृत्व किया है। इन महिलाओं ने मृतप्राय हो चुकी घुरारी नदी को जिस तरह से बचाया है, उसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। इन्होंने बोरियों में बालू भरकर चेकडैम तैयार किया। बारिश का पानी बर्बाद होने से रोका और नदी को पानी से लबालब कर दिया। इससे इस क्षेत्र के लोगों की पानी की समस्या तो दूर हुई ही, उनके चेहरे पर खुशियां भी लौट आईं। उन्होंने कहा कि कहीं नारी शक्ति जल शक्ति को बढ़ाती है तो कहीं जल शक्ति भी नारी शक्ति को मजबूत करती है।

उल्लेखनीय है कि झांसी के बबीना विकास खंड के सिमरावारी गांव में जल सहेलियों ने यह अनोखी पहल की थी। उन्होंने घुरारी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 6 दिनों तक श्रमदान किया। बोरियों में बालू भरकर नदी का पानी रोक कर डैम बनाया और नदी को पानी से लबालब कर दिया। जल सहेलियों ने केवल एक नदी के पुनर्जीवन का काम ही नहीं किया है, बल्कि इससे उन्होंने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है। नदी में रोके गए पानी से स्थानीय लोगों को नहाने, जानवरों को पीने का पानी उपलब्ध हो रहा है।

झांसी ही नहीं, पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में योगी सरकार ने जल संरक्षण के लिए युद्धस्तर पर प्रयास किए हैं और तमाम चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए विंध्य और बुंदेलखंड के ज्यादातर परिवारों को पानी के कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए हैं। योगी सरकार हर घर नल से जल योजना में 95 प्रतिशत घरों तक नल से जल की आपूर्ति सुनिश्चित कर रही है। वहीं, गांवों में तालाबों का पुनर्निर्माण, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की स्थापना और जलाशयों की सफाई जैसे कदम उठाए गए हैं। इसके अतिरिक्त योगी सरकार प्रदेश में सेल्फ हेल्प ग्रुप की महिलाओं को भी प्रोत्साहित कर रही है।

जल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों के चलते जल सहेलियों को प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार पहले भी सम्मानित कर चुकी है। बुंदेलखंड में जल संरक्षण से जुड़े कार्यों में ये जल सहेलियां सरकार का निरंतर सहयोग कर रही हैं। जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का काम भी ये जल सहेलियां कर रही हैं।

जल संरक्षण के लिए प्रेरणा बनी मातृशक्ति का सीएम योगी ने भी किया अभिनंदन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का आभार जताते हुए जल संरक्षण के लिए प्रेरणा बनीं मातृशक्ति का अभिनंदन किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा मन की बात कार्यक्रम में जनपद झांसी के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा ‘जल सहेली’ बनकर मृतप्राय घुरारी नदी के संरक्षण और पुनर्जीवन के प्रयासों का उल्लेख, पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। निश्चित ही इससे जल संरक्षण के कार्यों को नई ऊर्जा प्राप्त होगी। सैकड़ों जलाशयों के निर्माण में सहयोग कर महिला सशक्तिकरण की अद्भुत प्रतीक बनीं इन ‘जल सहेली’ महिलाओं ने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए जल संरक्षण एवं संवर्धन का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। जल संरक्षण के लिए प्रेरणा बनीं मातृशक्ति का हार्दिक अभिनंदन एवं प्रधानमंत्री जी का आभार।’

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उत्तर प्रदेश

राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार

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प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।

मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।

रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।

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