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उत्तर प्रदेश

पेरिस में देश का मान बढ़ाने वाले खिलाड़ियों का होगा भव्य सम्मान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए संकल्पित सीएम योगी आदित्यनाथ पेरिस में देश और प्रदेश का मान बढ़ाने व परचम लहराने वाले खिलाड़ियों को भव्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। मंगलवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ‘जिन्होंने बढ़ाया देश का मान, ऐसी प्रतिभाओं का सम्मान’ कार्यक्रम में 14 ओलंपियंस व पैरालंपिक एथलीट्स को सम्मानित किया जाएगा। इनमें कुल 7 मेडलिस्ट ओलंपियन व पैरालंपियंस तथा खेलों के वैश्विक महाकुंभ में प्रतिभाग करने वाले प्रदेश के 7 खिलाड़ियों व पैरालंपियंस को भी सम्मानित किया जाएगा। कुल 22.70 करोड़ रुपए की पुरस्कार सम्मान राशि इन सभी खिड़ाडियों को सीएम योगी के हाथों वितरित की जाएगी। इस सम्मान समारोह के जरिए जहां एक ओर वैश्विक पटल पर देश व दुनिया का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों की प्रशस्ति होगी, वहीं युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करने का मार्ग प्रशस्त होगा। सम्मानित होने वाले मेडलिस्ट्स में प्रवीण कुमार, सुहास एलवाई, अजीत सिंह, प्रीति पाल, सिमरन, ललित उपाध्याय व राज कुमार पाल प्रमुख हैं।

मेडलिस्टस समेत प्रतिभागियों को भी दी जाएगी प्रोत्साहन राशि

पेरिस पैरालंपिक गेम्स में के टी 64 इवेंट में हिस्सा लेकर गोल्ड मेडल जीतने वाले प्रवीण कुमार को 6 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान की जाएगी। वहीं, पेरिस पैरालंपिक गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले सुहास एल वाई और अजीत सिंह को 4-4 करोड़ रुपए, प्रीति पाल को 2 कांस्य पदक जीतने पर 4 करोड़ रुपए तथा सिमरन को कांस्य पदक जीतने पर एक करोड़ रुपए की धनराशि दी जाएगी। इसी प्रकार, पेरिस ओलंपिक गेम्स में ब्रांज मेडलिस्ट रही भारतीय हाकी टीम में शामिल ललित उपाध्यक्ष व राजकुमार पाल को एक-एक करोड़ रुपए की धनराशि पुरस्कार राशि के तौर पर वितरित की जाएगी। इसी प्रकार, पेरिस ओलंपिक व पैरालंपिक गेम्स में प्रतिभाग कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए पारुल चौधरी, अनु रानी, प्रियंका गोस्वामी, प्राची चौधरी, साक्षी कसाना, दीपेश कुमार तथा यश कुमार को 10-10 लाख रुपए के पुरस्कार दिए जाएंगे। इन सभी खिलाड़ियों के साथ संवाद कर सीएम योगी इनकी प्रेरक कहानियों को भावी खिलाड़ियों के सामने रखकर उनको प्रेरित करने का कार्य करेंगे।

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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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