उत्तर प्रदेश
रेशम उद्योग के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को मिलेगा पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान
लखनऊ। योगी सरकार के रेशम विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में रेशम उत्पादन और संबंधित क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को पं. दीनदयाल उपाध्याय रेशम रत्न सम्मान प्रदान किया जाएगा। यह सम्मान 08 विभिन्न श्रेणियों में दिया जाएगा, जिसका उद्देश्य रेशम उद्योग में नवाचार, उत्पादन और डिजाइनिंग को प्रोत्साहन देना है।
रेशम क्षेत्र में उत्कृष्टता की पहचान करने और इसे बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह सम्मान उन व्यक्तियों को दिया जाएगा, जिन्होंने कोकून उत्पादन, रेशम फिनिश्ड प्रोडक्ट में नवाचार, सर्वोच्च कोया/धागा विक्रय, सर्वोच्च फिनिश्ड प्रोडक्ट विक्रय, रेशम निर्मित परिधान एवं अन्य उत्पाद में सर्वोत्तम डिजाइनिंग और लाइफटाइम एचीवमेंट जैसी श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य किया है।
कारीगरों और उद्यमियों को मिलेगा प्रोत्साहन
उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि रेशम उद्योग प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इस सम्मान का उद्देश्य प्रदेश के उन कारीगरों और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना है जो रेशम उद्योग में निरंतर सुधार और नवाचार कर रहे हैं।
हर श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में मिलेंगे 50 हजार रुपए
हर श्रेणी में प्रथम पुरस्कार के रूप में 50,000 रूपए की नकद राशि और द्वितीय पुरस्कार के रूप में 25,000 रूपए की धनराशि दी जाएगी। साथ ही विजेताओं को प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में रेशम उद्योग से संबंधित “रेशम मित्र” पत्रिका का विमोचन भी किया जाएगा। इसके साथ ही, रेशम मित्र पोर्टल का शुभारंभ किया जाएगा, जो रेशम उत्पादन और व्यापार से जुड़े व्यक्तियों के लिए ज्ञान और संसाधनों का एक अनूठा मंच प्रदान करेगा।
10 अक्तूबर तक कर सकेंगे आवेदन
सम्मान के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और आवेदन की अंतिम तिथि 10 अक्टूबर, 2024 निर्धारित की गई है। इच्छुक प्रतिभागी अपने आवेदन पत्र रेशम निदेशालय, विश्वास खंड-3, गोमतीनगर, लखनऊ को भेज सकते हैं। आवेदन पत्र विभाग की वेबसाइट www.sericulture.up.gov.in और रेशम मित्र पोर्टल http://reshammitraup.in/ पर उपलब्ध हैं।
उत्तर प्रदेश
राम नगरी अयोध्या के बाद भगवान श्री राम से जुड़ी एक और नगरी को भव्य स्वरूप दे रही योगी सरकार
प्रयागराज। योगी सरकार प्रयागराज महाकुंभ को दिव्य और भव्य स्वरूप प्रदान कर रही है। प्रयागराज नगरी के साथ ही जिले में गंगा किनारे स्थित निषादराज गुह्य की राजधानी रहे श्रृंगवेरपुर धाम का भी कायाकल्प सरकार कर रही है। श्रृंगवेरपुर धाम में धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन के साथ रूरल टूरिज्म की भी संभावनाएं विकसित हो रही हैं।
मिल रहा है भव्य स्वरूप
राम नगरी अयोध्या में भगवान श्री राम के मंदिर के भव्य निर्माण और गर्भ ग्रह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब प्रभु राम के अनन्य भक्त निषादराज की राजधानी श्रृंगवेरपुर को भी भव्य स्वरूप दिया जा रहा है। यूपी की पूर्व की सरकारों में उपेक्षित रहे प्रयागराज के श्रृंगवेरपुर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई पहचान दी है। सामाजिक समरसता के प्रतीक इस स्थान को धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन के साथ अब रूरल टूरिज्म के साथ भी जोड़ कर विकसित किया जा रहा है।
प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह बताती हैं कि श्रृंगवेरपुर धाम का कायाकल्प का कार्य समापन के चरण में है। इसके अंतर्गत यहां ₹3732.90 लाख की लागत से निषादराज पर्यटन पार्क स्थल का निर्माण कार्य दो फेज में किया गया है। निषादराज पार्क (फेज-1) के निर्माण हेतु ₹ 1963.01 लाख के बजट से निषादराज एवं भगवान श्रीराम मिलन की मूर्ति की स्थापना व मूर्ति के पैडेस्टल का कार्य, पोडियम का कार्य, ओवर हेड टैंक, बाउण्ड्रीवाल, प्रवेश द्वार का निर्माण, गार्ड रूम आदि कार्य कराया गया। इसी तरह श्रृंगवेरपुर धाम में निषादराज पार्क (फेज-2) के ₹ 1818.90 लाख के बजट से इस भगवान श्रीराम के निषादराज मिलन से सम्बन्धित गैलरी , चित्रांकन, ध्यान केन्द्र, केयर टेकर रूम, कैफेटेरिया, पॉथ-वे, पेयजल व टॉयलेट ब्लॉक, कियास्क, पार्किंग, लैंड स्केपिंग, हॉर्टिकल्चर,आउटर रोड, सोलर पैनल, मुक्ताकाशी मंच आदि कार्य कराए गए हैं। 6 हेक्टेयर में बनाए गए इस भव्य पार्क का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे।
रूरल टूरिज्म का हब बनेगी निषादराज की नगरी
धार्मिक और आध्यत्मिक पर्यटन के साथ श्रृंगवेरपुर धाम को ग्रामीण पर्यटन के साथ जोड़कर विकसित करने का रोड मैप तैयार किया गया है ।अपराजिता सिंह के मुताबिक रूरल टूरिज्म के अन्तर्गत श्रृंगवेरपुर धाम को विकसित किये जाने के लिए सबसे पहले यहां ग्रामीण क्षेत्र में होम स्टे की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। इसके लिए यहां स्थानीय लोगों को अपने यहां मड हाउस या हट बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि पर्यटकों को कुछ अलग अनुभव हो सके। इन सभी स्थानों पर थीमेटिक पेंटिंग होगी, स्थानीय खानपान और स्थानीय संस्कृति को भी यहां संरक्षित किया जाएगा । पर्यटक भी यहां स्टे करने के दौरान स्थानीय ग्रामीण क्राफ्ट का हिस्सा बन सके ऐसी उनकी कोशिश है।
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