उत्तर प्रदेश
सीएम योगी के मिशन शक्ति का दिखा असर, बेटियां बनीं एक दिन की डीएम-एसपी
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेटियों को आत्मनिर्भर, स्वावलंबी और प्रोत्साहित करने के लिए लगातार कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसी के तहत सीएम योगी के निर्देश पर शारदीय नवरात्र में मिशन शक्ति के तहत प्रदेश में कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। इसी कड़ी में शारदीय नवरात्र के अवसर पर प्रदेश के एक दर्जन से अधिक जिलों में बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए एक दिन का डीएम, सीडीओ, एसडीएम और एसपी बनाया गया। इस दौरान बेटियों ने शिकायतों को सुन त्वरित निस्तारण भी किया। सीएम योगी का आभार जताते हुए बेटियों ने कहा कि इस पहल से आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कड़ी मेहनत कर भविष्य में प्रशासनिक सेवा में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की बात भी कही।
अग्रिमा बनीं लखीमपुर की डीएम तो जौनपुर में मेधावी सजल ने संभाला चार्ज
लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने बताया कि सीएम योगी की मंशा के अनुरूप मिशन शक्ति और बेटी बचाओ बेटी पढ़ओ के तहत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी परिवार की आठवीं की छात्रा अग्रिमा धवन ने डीएम की कुर्सी संभाली। एक दिन की डीएम अग्रिमा ने जनसुनवाई के दौरान सब्जियों के दाम कंट्रोल करने के निर्देश दिये। इसके अलावा जिले की सभी सातों तहसील क्रमश: लखीमपुर में भाव्या सिंह, गोला में स्मृति सिंह, पलिया में निधि गुप्ता, धौरहरा में अनन्या रस्तोगी, निघासन में अनुष्का पटेल, मोहम्मदी में नन्दिनी गुप्ता, मितौली में खुशबू राठौर ने सांकेतिक रूप से एसडीएम की भूमिका अदा की। जौनपुर के डीएम दिनेश चंद्र सिंह ने बताया कि इंटर में जिले की टॉपर सजल गुप्ता ने डीएम की कुर्सी संभाली। उन्होंने 87 मामलों की सुनवाई कर 14 मामलों का निस्तारण किया। मीरजापुर की डीएम प्रियंका निरंजन ने बताया कि मेधावी छात्रा शिवांशी द्विवेदी को डीएम और लक्ष्मी रतन मौर्य को सीडीओ बनाया गया। बेटियों ने महिला संबंधी मामलों के निस्तारण में लापरवाही न बरतने के निर्देश दिये।
महराजगंज की सांकेतिक डीएम अर्पिता और एसपी प्रतीक्षा ने सुनीं समस्याएं
गाजीपुर डीएम आर्यका अखौरी ने बताया कि हाईस्कूल की मेधावी छात्रा प्रियंका कुशवाहा को एक दिन का डीएम बनाया गया। उन्होंने जनता दर्शन में समस्याएं सुनकर कार्रवाई के निर्देश दिये। शामली डीएम अरविंद चौहान ने बताया कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के तहत जिले की इंटर की टॉपर आकांक्षा को डीएम बनाया गया। उन्होंने संपूर्ण समाधान दिवस में शिकायतों को सुनकर निस्तारण के निर्देश दिये। सीतापुर डीएम अभिषेक आनंद ने बताया कि बेटी अर्पिता सिंह को एक दिन का डीएम, प्रतीक्षा सिंह को एसपी, संध्या मिश्रा को सीडीओ बनाया गया। बेटियों ने जनसुनवाई कर समस्या का निस्तारण किया। महराजगंज के डीएम अनुनय झा ने बताया कि अष्टमी पर हाईस्कूल की जिले की टॉपर निधि यादव को एक दिन का डीएम बनाया गया। उन्होंने 8 शिकायतें सुनीं और एक का तुरंत निस्तारण किया। जिलाधिकारी न्यायालय का दौरा कर निधि ने मुआवजे से संबंधित मामलों को देखा। एनएच हाईवे के मुआवजे को तेजी से वितरित करने के निर्देश दिये। इसके अलावा बृजमनगंज ब्लॉक का भी निरीक्षण किया। महराजगंज एसपी सोमेंद्र मीना ने बताया कि गोल्डी को एक दिन का एसपी बनाया गया। एसपी गोल्डी ने 5 शिकायतें सुनकर दो का तुरंत निस्तारण किया। उन्होंने अधिकारियों को महिला संबंधी मामलों में लापरवाही न करने के निर्देश दिये। इसके अलावा वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण किया।
श्रावस्ती की सांकेतिक डीएम रश्मि ने देखी डाक फाइलें, एसपी सरिता ने दिया रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश
श्रावस्ती डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि कक्षा-12 की रश्मि कसौधन को एक दिन का डीएम, प्राची तिवारी को एडीएम और रीना को एसडीएम बनाया गया। डीएम रश्मि ने डाक फाइलों पर हस्ताक्षर किये और जनता दर्शन में फरियादियों की समस्याओं को सुना। एसपी घनश्याम चौरसिया ने बताया कि कक्षा-11 की मेधावी छात्रा सरिता कुमारी को एक दिन का एसपी बनाया गया। इसी विद्यालय की लक्ष्मी को एएसपी बनाया गया। एसपी सरिता ने भवानीनगर थाना को एक मामले में इंस्पेक्टर को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये। इस पर एफआईआर दर्ज की गयी। ललितपुर डीएम अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि कक्षा-9 की बेटी शिवानी राजपूत को डीएम बनाया गया। तहसील की बेटियों को एसडीएम बनाकर जनसमस्याओं का निस्तारण कराया गया। बेटियों ने 114 जनसमस्याएं सुनीं और 27 का मौके पर निस्तारण किया। झांसी डीएम अविनाश कुमार ने बताया कि छात्रा अदिति साहू को डीएम बनाया गया। वहीं रामपुर डीएम जोगिंदर सिंह ने बताया कि कक्षा 10 की मेधावी कामिनी गंगवार को एक दिन का डीएम बनाया गया। उन्होंने जनसुनवाई की। ब्लॉक का निरीक्षण कर विकास कार्यों की प्रगति जानी और अधिकारियों को विकास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। कासगंज डीएम मेधा रूपम ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत टॉपर भूमिका को एक दिन की डीएम बनाया गया। डीएम भूमिका ने संपूर्ण समाधान दिवस पर तहसील कासगंज में लोगों की समस्याएं सुनकर निस्तारण किया।
खीरी में 1100 बेटियों का हुआ कन्या पूजन, गोंडा में एक हजार पिंक ई रिक्शा की कमान महिलाओं को सौंपी
लखीमपुर खीरी में कन्या पूजन शक्ति वंदन समारोह हुआ। इसमें परिषदीय विद्यालयों की 1100 बेटियों का कन्या पूजन किया गया। उन्हें उपहार से भरा बैग (टिफिन, बोतल, स्टील की प्लेट, दीवार घड़ी एवं एनीमिया चार्ट) भेंट किया गया। 6 माह की 11 बालिकाओं को खीर खिलाकर अन्नप्राशन संस्कार कराया गया। इन बेटियों को गर्म कपड़े और हाइजीन किट भी प्रदान की गई। डीएम शक्ति नागपाल ने कहा कि कन्याओं को मदद की नहीं बल्कि मौके की जरूरत है। इसी तरह गोंडा में “शक्ति सारथी” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसके तहत 1000 पिंक कलर के ई-रिक्शा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इनका उपयोग 90% से अधिक महिलाओं द्वारा किया जाएगा। डीएम नेहा शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में 108 कन्याओं का पूजन और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 9 महिलाओं को सम्मानित किया गया।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच
महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।
कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी
महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।
131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय
डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।
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