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उत्तर प्रदेश

अगर एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था बेहतर होती तो यूपी में सबसे बेहतरीन लॉ एंड आर्डर होता: अखिलेश यादव

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लखनऊ। बहराइच हिंसा के मामले में यूपी पुलिस से मुठभेड़ में आरोपी सरफराज और मोहम्मद तालीम के घायल होने की घटना पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। अखिलेश यादव ने कहा कि ये घटनाएं सरकार की नाकामी हैं। सरकार नाकामी छुपाने के लिए एनकाउंटर कर रही है। यदि एनकाउंटर से कानून-व्यवस्था बेहतर होता तो उत्तर प्रदेश में सबसे बेहतरीन लॉ एंड आर्डर होता।

अखिलेश यादव ने आगे कहा कि उत्तर प्रदेश की पुलिस को बिगाड़ दिया गया है। सपा ने पुलिस को बेहतर करने के लिए डॉयल 100 समेत कई सुविधाएं दी, कई कार्यालय दिए। उन्होंने कहा कि जब भी जांच होगी, तो उस पर कार्रवाई भी होगी और दोषी जेल भी जाएंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि सबने देखा था कि इस सरकार के पहले डीजीपी ने कहा था कि पुलिस जो आज एनकाउंटर कर रही है, कल इनके साथ कोई खड़ा नहीं दिखाई देगा। इनकी सरकार के पहले डीजीपी इन पर सवाल खड़े रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस सरकार में जितने भी एनकाउंटर हो रहे हैं, वो एनकाउंटर नहीं, बल्कि हत्या है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहराइच स्थित महाराजगंज में हुए हत्याकांड में शामिल पांच लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, जिसमें दो लोगों को मुठभेड़ के दौरान पैरों में गोली लगी है। दोनों का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने बताया कि 13 अक्टूबर को महाराजगंज में एक युवक की गोली मारकर हत्या करने के मामले में गुरुवार को बहराइच पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया।

उनके नाम मोहम्मद फहीन (नामजद), मोहम्मद तालीम उर्फ सबलू, मोहम्मद सरफराज (नामजद), अब्दुल हमीद (नामजद) और मोहम्मद अफजल हैं। डीजीपी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की निशानदेही पर मर्डर में प्रयुक्त हुए हथियार की बरामदगी के लिए पुलिस टीम उन्हें लेकर गई थी। इसी दौरान उन्होंने वहां रखे हथियारों से पुलिस पर फायरिंग कर दी। जवाबी फायरिंग में दोनों आरोपियों को गोली लगी है, जो गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने बताया कि मर्डर में इस्तेमाल किए गए हथियार को बरामद कर लिया गया है।

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उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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