उत्तर प्रदेश
कुंभ नगरी प्रयागराज के सड़क, चौराहों और दीवारों को सजाने-संवारने के बाद अब शहर के उद्यानों का भी श्रृंगार कर रही योगी सरकार
प्रयागराज। कुंभ नगरी प्रयागराज में 2025 में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ को प्रदेश की योगी सरकार दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारियां कर रही है। एक तरफ जहां कुंभ क्षेत्र के अंदर उच्च स्तरीय सुविधाओं के विकास का प्रयास जारी हैं तो वहीं कुंभ क्षेत्र के बाहर शहर को भव्य स्वरूप देने के लिए सड़कों, चौराहों से लेकर शहर की दीवारों तक को कुंभ की पौराणिकता में रंगने की कवायद चल रही है। महाकुंभ के पहले कुंभ नगरी प्रयागराज सज रही है, संवर रही है। सड़क , चौराहे और दीवारों के बाद अब बारी है शहर के उन प्रमुख पार्कों की जहां महाकुंभ आने वाले आगंतुक भ्रमण कर सकते हैं।
6 प्रमुख पार्कों का सौंदर्यीकरण
उप निदेशक उद्यान कृष्ण मोहन चौधरी बताते हैं कि उद्यान विभाग की तरफ से शहर के 6 प्रमुख पार्कों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। इसके लिए सरकार ने 495.97 लाख का बजट जारी कर दिया है। टेंडर की प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। शहर के जिन पार्कों को इसके लिए चुना गया है उसमें शहीद चंद्र शेखर आजाद पार्क, खुसरो बाग, सर्किट हाउस पार्क, बोर्ड ऑफ रेवेन्यू पार्क, हाईकोर्ट परिसर पार्क और टीबी सप्रू हॉस्पिटल पार्क शामिल है। इनमे सबसे अधिक 276.89 लाख का बजट आजाद पार्क के लिए है। इसके बाद खुसरो बाग के 59.09, हाईकोर्ट के लिए 44.18 , सर्किट हाउस के लिए 37.58 लाख , रेवेन्यू बोर्ड के लिए 33.13 लाख और टीबी सप्रू हॉस्पिटल के लिए 30.34 लाख का बजट आवंटित किया गया है।
आधुनिक प्रकाश व्यवस्था
इसके लिए जहां पार्कों में गुलाब वाटिका बनाई जाएंगी तो वहीं टवेयरी और रॉकेरी का निर्माण होगा। पार्कों को शाम के समय खास लुक देने के लिए आधुनिक प्रकाश व्यवस्था भी होगी। पार्कों में बोलार्ड लाइट, एलईडी स्टिंग लाइट, सोलर डेकोरेटिव लाइट और एलईडी रोप लाइट भी यहां लगाई जाएंगी।महाकुंभ आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु कुम्भ क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद शहरी क्षेत्र में इन पार्कों की खूबसूरती भी देख सकेंगे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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