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उत्तर प्रदेश

नया स्वरूप लेने लगी कुंभ नगरी

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प्रयागराज महाकुंभ-2025 के लिए प्रयागराज की तस्वीर बदलना प्रारंभ हो गई है। कुंभ नगरी और गंगा, यमुना व संगम के घाटों पर कार्यों की गति तेज हो गई है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन द्वारा शहर में चल रहे सौंदर्यीकरण और विकास के कार्यों को 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। वहीं, मेला प्रशासन द्वारा भी मेला क्षेत्र के कार्य 15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे।

गंगा का जल उतारने के साथ ही मेला क्षेत्र में भूमि को समतल करने का कार्य तेज गति से शुरू रहा है। पूरे मेला क्षेत्र में बिजली के खंभे गाड़े जा रहे हैं। बिजली के तारों को खींचा जा रहा है और लाइटें लगाई जा रही हैं। परेड ग्राउंड में मेला प्राधिकरण का बड़ा कार्यालय बनना प्रारंभ हो गया है। पुलिस ने सुरक्षा को लेकर अभी से कमर कस ली है। पुलिस के जवान मेला क्षेत्र में पहुंच चुके हैं और उनके लिए बैरकों का निर्माण हो गया है। इन दिनों पुलिस की मेला क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर ट्रेनिंग चल रही है।

पीडब्ल्यूडी ने पांटून पुल बनाना शुरू कर दिए हैं। जैसे-जैसे गंगा का जल कम होगा, इस कार्य को और गति दी जाएगी। फिलहाल ओल्ड जीटी रोड पर दो, गंगोली शिवालय मार्ग और हरिशचंद्र मार्ग घाट पर एक-एक पांटून पुल का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। इस बार 30 पांटून पुल बनाए जाएंगे।

शहर में वॉल पेंटिंग के अलावा चौराहों का सुंदरीकरण तेज गति से चल रहा है। प्रमुख सड़कों का पुनर्निर्माण हो रहा है। अधिकांश सड़कें बनाई जा चुकी हैं। घाटों के आसपास भी सड़कों को बनाया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो और आवागमन सुचारू बना रहे।

4200 हेक्टेयर में बन रहे मेला क्षेत्र में 10,000 से अधिक संस्थाएं अपने टेंट लगाने वाली हैं। मेला क्षेत्र के कार्यों को देख रहे एक अधिकारी ने बताया कि महाकुंभ में एक लाख से अधिक टेंट लगेंगे। कल्पवासियों के लिए खाक चौक, दंडीबाड़ा, आचार्य बाड़ा, प्रयागवाल में व्यवस्था रहेगी।

अपर कुंभ मेलाधिकारी विवेक चतुर्वेदी के अनुसार, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि सभी कार्य समय तक पूर्ण कर लिए जाएं, ताकि महाकुंभ में आने वाले कल्पवासियों, श्रद्धालुओं और पर्यटकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप सभी कार्य तेजी से संपन्न हो रहे हैं और सभी को डेडलाइन के पहले समाप्त कर लिया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप

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अयोध्या|  22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।

रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।

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