उत्तर प्रदेश
दीपोत्सव की सफलता के लिए राम की पैड़ी पर हुआ पूजन-अर्चन
अयोध्या। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में आठवें दीपोत्सव को भव्य और दिव्य बनाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। इसी क्रम में डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो0 प्रतिभा गोयल ने दीपोत्सव-2024 को ऐतिहासिक बनाने के लिए मंगलवार को प्रातः 7 बजे राम की पैड़ी पर मुख्य यजमान के रूप में वैदिक मंत्रोचार के साथ पूजन अर्चन किया। इस पूजन में सरयू मन्दिर के पुजारी नेत्रजा मिश्र सहित अन्य ने विधि विधान से दीपोत्सव की सफलता के लिए पूजन कराया। कुलपति ने बताया कि प्रभु श्रीराम के आशीर्वाद से प्रांतीय दीपोत्सव का विश्व रिकॉर्ड बनेगा। श्रीरामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का होने वाले इस पहले दीपोत्सव के लिए भारतीय जनमानस सहित देश-दुनिया के लोग बड़ी उत्सुकता से प्रतीक्षारत हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन दीपोत्सव की तैयारियों के दे रहा अंतिम रूप
विश्वविद्यालय प्रशासन दीपोत्सव की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है जिससे दीपोत्सव के वॉलेंटियर्स व पदाधिकारी 30 अक्टूबर को पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए विश्व पटल पर नया रिकॉर्ड स्थापित करेंगे। कुलपति प्रो0 गोयल ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल मार्गदर्शन में दीपोत्सव को और भव्य बनाने के लिए 28 लाख से अधिक दीए सजाने के साथ 25 लाख से अधिक दीए प्रज्ज्वलित किए जायेंगे। इस कार्य में आवासीय परिसर, संबद्ध महाविद्यालयों, इण्टर कालेज एवं स्वयंसेवी संस्थाओं के 30 हजार वॉलेंटियर्स लगाए जा रहे हैं। कुलपति के अनुसार, सभी के सहयोग से आठवें दीपोत्सव में सातवीं बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करायेंगे।
पूजन कार्यक्रम में यह भी रहे उपस्थित
इस दीपोत्सव पूजन कार्यक्रम में विवि के कुलसचिव डाॅ0 अंजनी कुमार मिश्र, परीक्षा नियंत्रक उमानाथ, दीपोत्सव नोडल अधिकारी प्रो0 संत शरण मिश्र, प्रो0 नीलम पाठक, प्रो0 सिद्धार्थ शुक्ला, प्रो0 गंगाराम मिश्र, प्रो0 अनूप कुमार, डाॅ0 सुरेन्द्र मिश्र, डाॅ0 विजयेन्दु चतुर्वेदी, डाॅ0 त्रिलोकी यादव, डाॅ0 अंशुमान पाठक, प्रोग्रामर रवि मालवीय, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश पाण्डेय व पूर्व अध्यक्ष डाॅ0 राजेश सिंह, अभियंता आरके सिंह, आशीष मिश्रा सहित अन्य मौजूद रहे।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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