Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

क्वेस्ट इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी मलेशिया से हुआ महायोगी गोरखनाथ विवि का एमओयू

Published

on

Loading

गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर एवं क्वेस्ट इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी मलेशिया के बीच शैक्षणिक और अनुसंधान क्रियाकलापों को बढ़ावा देने के लिये समझौता ज्ञापन (एमओयू) का आदान-प्रदान हुआ। एमओयू पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और क्वेस्ट इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो. जीटा मोहम्मद फहमी ने हस्ताक्षर किए। दोनों कुलपति ऑनलाइन जुड़े और एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद इसका डिजिटली आदान-प्रदान किया।

इस एमओयू के माध्यम से दोनों संस्थाओं के बीच सहयोग के प्रमुख क्षेत्रों में कृषि, जैव प्रौद्योगिकी, फार्मा व चिकित्सा में संयुक्त शोध परियोजनाओं पर कार्य के साथ वर्तमान एवं भविष्य की जरूरतों को पूरा करने एवं कौशल बढ़ाने के लिए क्षमता विकास, छात्र, संकाय और तकनीकी विनिमय आदि विषयों पर पारस्परिक सहयोग की प्रतिबद्धता जताई गई है। इसके अतिरिक्त दोनों संस्थानों का लक्ष्य इस साझेदारी के माध्यम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में संयुक्त कार्यशाला का आयोजन व विकास परियोजना को विकसित और कार्यान्वित करना है।

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने संस्थानों के बीच समझौते का स्वागत करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित की है। इस एमओयू से दोनों विश्वविद्यालय शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण संबंधी गतिविधियों के प्रचार- प्रसार को एक नई दिशा देंगे। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के छात्रों को शिक्षा के वैश्विक परिवेश को व्यापक फलक पर समझने का मौका मिलेगा, जिससे भविष्य में नए नवाचारों से नए अवसर सृजित होंगे।

इस अवसर पर क्वेस्ट इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी मलेशिया की कुलपति प्रो. जीटा मोहम्मद फहमी ने एमओयू पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों विश्वविद्यालयों ने आज अकादमिक स्तर पर नई शुरुआत की है। पूर्ण विश्वास है कि अकादमिक गुणवत्ता में दोनों संस्थान एक दूसरे का सहयोग कर शिक्षा के क्षेत्र में नवाचारों से नया अध्याय लिखेंगे। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने समझौता करार पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय छात्रों के व्यक्तित्व विकास के साथ उच्च शिक्षा में अनुसंधान की नवीन दृष्टि विकसित करने के लिए संकल्पित है। उन्होंने कहा कि इस समझौते से दोनों पक्षों के विद्यार्थियों को विशेष लाभ मिलेगा I एमओयू पर हस्ताक्षर के समय महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में एमओयू समन्वयक व अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. विमल कुमार दूबे, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा, पैरामेडिकल के प्राचार्य रोहित श्रीवास्तव और फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. शशिकांत सिंह उपस्थित रहे।

Continue Reading

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

Continue Reading

Trending