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लॉकडाउन में यमराज बनकर लोगों को जागरूक करने वाले हेड कांस्टेबल की करंट लगने से मौत

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नई दिल्ली। लॉकडाउन के समय लोगों को यमराज बनकर जागरूक करने वाले मध्य प्रदेश के हेड कांस्टेबल जवाहर सिंह जादौन की मौत हो गई है। शुक्रवार को अपने घर की सफाई के दौरान वे करंट की चपेट में आ गए। घटना के वक्त वे घर पर अकेले थे, जबकि उनका परिवार घर के बाहर था। पड़ोसियों ने उनकी चीखें सुनकर परिजनों को सूचित किया, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

जानकारी के अनुसार, जवाहर सिंह क्राइम ब्रांच में बतौर हेड कांस्टेबल अपनी सेवाएं दे रहे थे। वह जूनी इंदौर पुलिस लाइन में रहते थे। अपने घर के पास ही उन्होंने एक छोटा सा बाड़ा बना रखा था। जिसमें उन्होंने एक गाय रखी हुई थी। वह हर दिन गौसेवा करते थे। शुक्रवार सुबह भी वह अपनी गाय को नहला रहे थे, उसी समय बाड़े में अचानक करंट फैल गया। इसकी चपेट में आकर वह बेसुध होकर जमीन पर गिर गए। बाड़े के नजदीक से गुजरने वाले एक व्यक्ति ने उन्हें बेसुध देखकर पुलिस को सूचना दी।

इसके बाद मौके पर पहुंचे परिजन और पुलिस उन्हें लेकर नजदीकी निजी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां से उन्हें बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी गई। उन्हें चोइथराम अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उनके शव का पोस्टमार्टम करवा कर जूनी इंदौर पुलिस जांच कर रही है।

बता दें कि जिस समय कोरोना के खौफ से पूरी दुनिया घर में कैद थी, उस समय लोगों को जागरूक करने के लिए जवाहर खुद यम बनकर यह संदेश दे रहे थे कि लोग घरों में रहें और बिना काम के बाहर न जाएं नहीं तो कोरोना के शिकार हो जाएंगे। वह लोगों से कहते थे कि हमारा सौभाग्य है कि देश में वैक्सीन लग रहा है, सभी लोग वैक्सीन लगवाएं।

 

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दिवाली में क्यों पकड़े जा रहे है उल्लू, घर की आर्थिक स्थिति सुधरने से है कनेक्शन

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नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में उल्लू को माता लक्ष्मी का वाहन माना जाता है. इसलिए धार्मिक मान्यता है कि य​दि आपको दिवाली के दिन उल्लू दिखाई देता है तो यह अत्यंत शुभ है. य​ह आपके घर में शुभता के आगमन के संकेत देता है. ऐसा भी कहा जाता है कि, दिवाली पर उल्लू का दिखाई देना आपके घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होने का संकेत होता है. यह दर्शाता है कि दिवाली पर आपके घर मां लक्ष्मी का आगमन होने वाला है और साथ ही घर में सकारात्मकता आने वाली है.

संरक्षित श्रेणी में आने वाले उल्लू की जान दिवाली के दौरान सांसत में रहती है। तंत्र पूजा के कारण दिवाली के दौरान उल्लू के शिकारियों के सक्रिय होने की आशंका है। इसे रोकने के लिए वन विभाग को पहरेदारी बढ़ा देनी चाहिए ।

उल्लू की खासियत

उल्लू को एक छोटा और शांत पक्षी माना जाता है. दुनिया में पाए जाने वाले उल्लुओं की प्रजातियों में सबसे छोटा उल्लू लगभग 5 से 6 इंच का होता है. इसके साथ ही सबसे बड़े उल्लू की लंबाई लगभग 32 इंच होती है. आम तौर पर उल्लू के पंजे बहुत जहरीले और शक्तिशाली होते हैं. यह एक मांसाहारी प्राणी है जो अपने पंजों का इस्तेमाल करके शिकार करता है. इसकी आंखें बहुत बड़ी होती हैं. उल्लू एक ऐसा प्राणी है जो अपना सिर 270 डिग्री तक घुमा सकता है. खास बात है कि उल्लू 23-30 साल जीवित रहता है.

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