उत्तर प्रदेश
रामलला की उपस्थिति’ में दीपोत्सव के मंच पर उतरेगा समूचा भारत
लखनऊ| योगी सरकार इस बार सबसे खास दीपोत्सव मनाने जा रही है, क्योंकि प्रभु श्रीराम के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा (22 जनवरी 2024) के उपरांत यह पहला दीपोत्सव है। वहीं 2017 से दीपोत्सव का अनवरत यह आठवां आयोजन होगा। योगी सरकार ‘रामलला की उपस्थिति’ में इस दीपोत्सव पर समूचे भारत को एक बार फिर रामनगरी में एकत्र करेगी। एक तरफ छह देशों के कलाकार रामलीला का मंचन करेंगे तो वहीं देश-प्रदेश के कलाकार भी अपनी कला का दीदार कराएंगे। उत्तर प्रदेश के अनेक लोकनृत्यों को लेकर 250 कलाकारों द्वारा शोभायात्रा निकाली जाएगी। अन्य प्रदेशों के भी 240 कलाकार दीपोत्सव पर रामनगरी में भव्य प्रस्तुति देंगे। इसके अलावा अनेक स्थलों पर 800 कलाकारों द्वारा लोकनृत्य व लोकगायन के कार्यक्रम होंगे। तीन दिन (28 से 30 अक्टूबर) के भीतर दीपोत्सव के मंच पर 1200 से अधिक कलाकार आध्यात्मिक भक्ति से सराबोर करेंगे।
तीन दिन में देश, विदेश-प्रदेश के 1200 से अधिक कलाकार लेंगे हिस्सा
श्रीराम मंदिर निर्माण के उपरांत पहले दीपोत्सव में तीन दिन तक देश-प्रदेश व विदेश के 1200 से अधिक कलाकार हिस्सा लेंगे। इसमें मलेशिया, म्यांमार, इंडोनेशिया, कंबोडिया, थाईलैंड व नेपाल के साथ-साथ स्थानीय दलों द्वारा भी रामलीला का मंचन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त लोकसंस्कृति पर आधारित फरुआही, बहुरूपिया, अवधी लोकनृत्य, बमरसिया, थारू लोकनृत्य, दीवारी, धोबिया, राई, ढेढिया, मयूर, आदिवासी लोकनृत्य के माध्यम से 250 कलाकारों द्वारा शोभाय़ात्रा निकाली जाएगी।
अन्य प्रदेशों के 240 कलाकार भी रामनगरी में देंगे भव्य प्रस्तुति
दीपोत्सव के दौरान अन्य प्रदेशों के 240 से अधिक कलाकार हिस्सा लेंगे। इसमें रउफ लोकनृत्य कश्मीर, छपेली लोकनृत्य उत्तराखंड, घूमर नृत्य हरियाणा, बरेदी लोकनृत्य मध्य प्रदेश, पंजाब का भांगड़ा/गतका नृत्य, महाराष्ट्र के कलाकारों द्वारा ढोलताशा, गुजरात के कलाकार डांडिया-गरबा, हिमाचल प्रदेश के कलाकार शिरमौर नाटी नृत्य, छत्तीसगढ़ के कलाकार गैंडी नृत्य प्रस्तुत करेंगे। इसके अलावा सिक्किम, असम, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, झारखंड, बिहार, राजस्थान समेत 15 राज्यों के 240 कलाकार तीन दिन तक रामनगरी में अपने राज्य की कला-संस्कृति से श्रोताओं, दर्शकों को रूबरू कराएंगे।
800 कलाकारों द्वारा अनेक स्थलों पर लोकनृत्य व लोकगायन के होंगे कार्यक्रम
योगी सरकार के मार्गदर्शन में तीन दिन तक अयोध्या में अनेक स्थानों पर भी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें लगभग 800 कलाकारों द्वारा लोकनृत्य व लोकगायन होंगे। श्री अयोध्या धाम में गुप्तार घाट, बड़ी देवकाली, रामघाट, बिड़ला धर्मशाला, भरतकुंड, तुलसी उद्यान, भजन संध्या स्थल, नाका, हनुमानगढ़ी, बस अड्डा बाईपास, नया घाट आदि स्थानों पर लगभग 800 कलाकार अपनी प्रस्तुति देंगे। रामकथा पार्क में आगरा की प्रीति सिंह की प्रस्तुति होगी तो वहीं मैत्रेय पहाड़ी हनुमान चालीसा पर आधारित नृत्य नाटिका प्रस्तुत करेंगी। सहारनपुर की रंजना नेव रामायण पर नृत्यमयी प्रस्तुति देंगी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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