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उत्तर प्रदेश

एकता हत्याकांड: आरोपी को शव गाड़ने में लगे 45 मिनट, पुलिस से बचने के लिए होटल में बन गया था वेटर

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कानपुर| यूपी के कानपुर में कारोबारी राहुल गुप्‍ता की पत्‍नी एकता को मारकर लाश डीएम आवास कैंपस में दफनाने मामले में अहम खुलासा हुआ है। पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी जिम ट्रेनर ने महिला की हत्या चार जून को ही कर दी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद वह आगरा होते हुए अमृतसर जा पहुंचा। अमृतसर में एक होटल में उसने वेटर का काम किया और बर्तन मांजे। मोबाइल बंद करके परिवार से संबंध तोड़ लिए। इधर जमानत का प्रयास करने के लिए वह परिवार के संपर्क में आया और कानपुर आते ही पुलिस ने उसे दबोच लिया।

पूछताछ में विमल सोनी ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि शादीशुदा एकता ना तो खुद उससे शादी कर रही थी और ना ही उसे किसी और से शादी करने दे रही थी। इसी के चलते विमल ने एकता को रास्‍ते से हटाने का प्‍लान बनाया। विमल ने बताया कि दोनों 6 महीने पहले ही एक दूसरे के नजदीक आए थे। जिम ट्रेनर विमल सोनी ने पुलिस को बताया कि ‘मैं कानपुर में अधिकारियों को जिम में ट्रेनिंग देता था, अकसर मेरा उनके यहां भी आना-जाना था। जब मैं अफसरों और उनकी पत्नियों को ट्रेनिंग देता तो एकता मुझे एकटक देखती रहती थी। वह मुझसे इंप्रेस थी। जिम में और भी ट्रेनर थे, लेकिन एकता ने मुझसे ही ट्रेनिंग लेनी चाही। धीरे-धीरे हम करीब आ गए। इसी बीच मेरी शादी तय हो गई। मेरी शादी की बात पता चलने पर एकता गुस्से में करीब 20 दिनों तक जिम नहीं आई। 24 जून को वह जिम आई और करीब सात बजे बाहर निकल आई। वह जिम के पीछे वाले रास्ते से बाहर आया और दोनों की मुलाकात उसकी कार में हुई। महिला ने शादी करने और जिम आने वाली उसकी अन्य सहेलियों से बातचीत करने पर आपत्ति जताई।

गुस्से में उसने महिला के मुंह पर मुक्का मार दिया। मुक्का खाकर महिला बेहोश हो गई, जिसके बाद उसने रस्सी से गला दबाकर उसे मार डाला। महिला आगे वाली सीट पर ही बैठी थी। सीट तोड़कर उसने शव को नीचे छिपा दिया और काफी देर तक शहर में इधर उधर घूमता रहा। करीब सवा आठ बजे वह कार लेकर ऑफीसर्स क्लब कंपाउंड पहुंचा और गड्ढे में शव को गाड़ दिया। हत्यारोपित ने बताया कि इस काम में उसे 45 मिनट लगे। हालांकि उसे लगा कि शव कम गहराई में है तो दोपहर को वह दोबारा आया और शव को और गहराई में गाड़ दिया। जब पता चला कि पुलिस उसे तलाश रही है तो वह आगरा होते हुए अमृतसर जा पहुंचा। और वहीं एक होटल में वेटर का काम करने लगा

 

 

 

उत्तर प्रदेश

भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप

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अयोध्या|  22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।

रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।

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