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उत्तर प्रदेश

दोषी अफसरों को बचाने वाले जांच अधिकारियों पर होगी सख्त कार्रवाई

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लखनऊ | योगी सरकार ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ के तहत लगातार भ्रष्टाचार पर शिकंजा कस रही है। साथ ही, कार्यों में लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त एक्शन ले रही है। इसी के तहत योगी सरकार ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के जांच अधिकाारियों को जांच के दायरे में आने वाले अधिकारी और कर्मचारी की रिपोर्ट को स्पष्ट करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने अधिकारियों को जांच रिपोर्ट में ‘आंशिक रूप से आरोप प्रमाणित’ शब्द का उल्लेख न करने के निर्देश दिये हैं। सीएम ने जांच रिपोर्ट में ‘आरोप सही’ या ‘निराधार पाया गया’ जैसे स्पष्ट शब्दों का प्रयोग करने के निर्देश दिए ताकि दोषी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। सीएम ने ऐसा न करने वाले नामित जांच अधिकारी के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिये है।

दोषी को बचाने वाले नामित जांच अधिकारी के खिलाफ भी होगी सख्त कार्रवाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में सिंचाई एवं जल विभाग की समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों ने विभागीय लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ होने वाली विभागीय और अनुशासनिक कार्रवाई को नामित जांच अधिकारी द्वारा संस्थित किये जाने वाली रिपोर्ट के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट में नामित अधिकारी द्वारा ‘आंशिक रूप से आरोप प्रमाणित’ शब्द का प्रयोग किये जाने की बात बतायी। उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को बताया कि जांच रिपोर्ट में स्पष्ट आरोप न होने की वजह से कार्रवाई करने में अक्सर परेशानी आती है। सीएम ने इस जांच रिपोर्ट के नामित अधिकारियों को जांच रिपोर्ट में ‘आंशिक रूप से आरोप प्रमाणित’ शब्द का प्रयोग न करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि नामित जांच अधिकारी इस शब्द का प्रयोग कर कहीं न कहीं दोषी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, विभागीय नियमावली में भी ऐसे किसी शब्द का उल्लेख नहीं है। सीएम ने कहा कि आगे से किसी भी जांच अधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस शब्द का प्रयोग किया तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

सीएम के निर्देश के बाद दोषी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ तेज होगी कार्रवाई

सीएम ने बैठक में अधिकारियों को जांच रिपोर्ट में ‘आरोप सिद्ध पाया गया’ या ‘निराधार पाया गया’ का स्पष्ट उल्लेख करने का निर्देश दिया ताकि लापरवाह अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ एक्शन लिया जा सके। सीएम योगी की नाराजगी पर विभाग में हड़कंप मच गया है। इस पर शासन ने विभाग को आनन फानन में जीओ जारी कर निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिये हैं। सीएम योगी के इस कदम से कई वर्षों से टेक्नीकल शब्दों के जरिये दोषी अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ लटकी कार्रवाई में भी अब तेजी देखने को मिलेगी।

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उत्तर प्रदेश

भगवान रामलला के मंदिर में मुख्यमंत्री ने जलाए श्रद्धा के दीप

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अयोध्या|  22 जनवरी 2024 को रामलला 500 वर्ष बाद अपने दिव्य-भव्य मंदिर में विराजमान हुए। इसके बाद 30 अक्टूबर को पहला दीपोत्सव हुआ, जब लला स्वयं के महलों में विराजमान होकर अपनी नगरी को अपलक निहारते रहे। अयोध्या का सौंदर्य देख रामलला खुद भी भाव-विह्वल हो उठे। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव में राममंदिर की अनुपम छटा हर किसी को आह्लादित कर रही थी।

रामलला की मौजूदगी में बुधवार को पहला दीपोत्सव मनाया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार शाम श्रीराम मंदिर भी पहुंचे। मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का दर्शन किया, फिर उनके चरणों में श्रद्धा निवेदित की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने प्रभु के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किए। बाहर भी मुख्यमंत्री ने पांच-पांच दीप जलाए। वहीं मंदिर प्रांगण में हजारों दीप प्रज्ज्वलित किए गए।

श्रीराम मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव संजय प्रसाद, श्रीराम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, ट्रस्टी अनिल मिश्र, गोपाल जी, विनोद जी आदि भी रहे।

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