उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर में सर्राफा व्यवसायी ने रची लूट की फर्जी कहानी, पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
अम्बेडकरनगर। उत्तर प्रदेश के अम्बेडकरनगर जनपद में सर्राफा व्यवसायी ने खुद के ऊपर हमला कराकर किराए के युवाओं से लूट का नाटक कराकर पुलिस को सूचना दी थी। अज्ञात के विरुद्ध लूट की धारा में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस जब जांच में जुटी तो उसके होश उड़ गए पता चला रफीगंज निवासी विनय सोनी आभूषण विक्रेता ने अपने ही गांव के दो युवकों को लालच देकर लूट की साजिश रची थी।
मामला जलालपुर कोतवाली के मांगुराडिला स्थित एक गैस एजेंसी के पास बीते सोमवार को सुबह घटित की गई थी लूट की घटना को फर्जी साबित करने में सीसीटीवी फुटेज का अहम रोल रहा लूट की घटना फर्जी और मनगढ़ंत साबित होने के बाद पुलिस ने जहां राहत की सांस ली वहीं इस घटना में शामिल आभूषण विक्रेता और उसके दो साथियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया फर्जी लूट की घटना का खुलासा पुलिस अधीक्षक पूर्वी श्यामदेव ने किया
श्याम देव अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) अंबेडकर नगर
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर समाजवादी पार्टी के मुखिया ने उठाया सवाल, जानें अब कैसे चुने जाएंगे डीजीपी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह जो नियम बना है उससे साबित हो रहा है कि लखनऊ और दिल्ली में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा नेता ने कहा कि सरकार के इस फैसले से कई सीनियर आईपीएस अधिकारी निराश हैं।
क्या है पूरा मामला
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने डीजीपी पद पर तैनाती के लिए नई नियमावली बना दी है. इस प्रत्सव पर सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में मुहर भी लग गई. इसके लागू होते ही राज्य सरकार अपने स्तर से ही डीजीपी की तैनाती कर सकेगी. इससे पहले राज्य सरकार नामों का पैनल यूपीएससी को भेजती थी, जहां से मुहर लगती थी. हालांकि योगी सरकार के इस फैसले पर सियासत के साथ ही पुलिस महकमे में भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
क्या है नया नियम
नई नियमावली के तहत पे मैट्रिक्स 16 लेवल के सभी अधिकारी डीजीपी बनने के लिए अब क्वालीफाई कर सकेंगे, जिनकी छह महीने की नौकरी बची हो. आमतौर पर डीजी स्तर के सभी अधिकारी इस लेवल पर होते हैं. अभी तक यूपीएससी गाइडलाइंस के तहत डीजी स्तर के सभी अफसरों का नाम प्रदेश सरकार यूपीएससी को भेजती है, यूपीएससी इनमें से सीनियर मोस्ट तीन अफसरों के नाम प्रदेश सरकार को वापस भेजती थी. इनमें से ही किसी एक को ही विजिलेंस क्लियरेंस के बाद डीजीपी बनाना होता है. सितंबर 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को एक पुलिस एक्ट बनाने के लिए कहा था, जिससे डीजीपी के चयन की व्यवस्था को दबाव से मुक्त रखा जाए, लेकिन तब से अब तक चयन के लिए यूपी ने कोई अलग व्यवस्था नहीं की थी. अब यूपी में डीजीपी के चयन की अपनी नियमावली कैबिनेट से पास करके बना ली है.
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