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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने आरओ-एआरओ और पीसीएस प्री परीक्षा की तारीख घोषित की

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लखनऊ |  लंबे समय से आरओ-एआरओ प्री और पीसीएस प्री की परीक्षा की नई तारीख का इंतजार कर रहे लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अनुसार आरओ-एआरओ की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को तीन शिफ्टों में होगी जबकि पीसीएस प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो सत्रों में होगी।

पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को होगी दो सत्रों में परीक्षा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा का आयोजन 7 और 8 दिसंबर को किया जाएगा। यह परीक्षा प्रदेश के 41 जिलों में दो सत्रों में होगी।

परीक्षा का पहला सत्र सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरा सत्र दोपहर 2:30 बजे से 4:30 बजे तक होगा। वहीं आरओ-एआरओ (समीक्षा अधिकारी एवं सहायक समीक्षा अधिकारी) प्री की परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा कुल तीन शिफ्टों में आयोजित कराई जाएगी।

22 दिसंबर को दो शिफ्ट में होगी परीक्षा

आरओ-एआरओ प्री की परीक्षा पहली और दूसरी शिफ्ट 22 दिसंबर को होगी, जिसमें पहली शिफ्ट सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक आयोजित की जाएगी। वहीं तीसरी शिफ्ट 23 दिसंबर को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक होगी। इस परीक्षा के लिए 10.76 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश के अनुसार, यदि एक पाली में 5 लाख से अधिक परीक्षार्थी होते हैं तो परीक्षा को कई पालियों में आयोजित करना अनिवार्य हो जाता है। इसी कारण इस परीक्षा को तीन शिफ्टों में बांटा गया है

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स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0: छठ महापर्व पर घाटों की स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के लिए योगी सरकार ने बढ़ाए कदम

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लखनऊ| छठ महापर्व के अवसर पर योगी सरकार प्रदेश में स्वच्छ घाट प्रतियोगिता 2.0 का आयोजन कर रही है। 8 नवम्बर, 2024 तक आयोजित इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य घाटों पर स्वच्छता, सौंदर्यीकरण, और प्लास्टिक मुक्त परिवेश सुनिश्चित करना है। विभिन्न निकायों के बीच इस प्रतियोगिता को बढ़ावा देने के लिए अनेक गतिविधियों का भी आयोजन किया गया है।

स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जागरूकता लाने का प्रयास

प्रतियोगिता के अंतर्गत घाटों पर साफ-सफाई बनाए रखने हेतु अर्पण कलश स्थापित किए गए हैं, जिससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके। इसके साथ ही, घाटों को नो प्लास्टिक जोन घोषित किया गया है ताकि प्लास्टिक और थर्माकोल के उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सके।

सुविधाएं और रखरखाव पर विशेष ध्यान

प्रतियोगिता के दौरान घाटों पर शौचालयों और स्नान घरों की स्थापना की जा रही है। इन सुविधाओं का नियमित रखरखाव भी सुनिश्चित किया जा रहा है। स्वच्छ सारथी क्लब, स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, एनजीओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं की भागीदारी से इन सुविधाओं को सुदृढ़ बनाया जा रहा है।

नवाचार और सौंदर्यीकरण

घाटों का सौंदर्यीकरण और पूर्ण रूप से बदलाव लाने के लिए नवाचार गतिविधियों का आयोजन किया गया है। कूड़े के उचित निपटान हेतु डस्टबिन की व्यवस्था की गई है ताकि घाट क्षेत्र हमेशा साफ-सुथरा बना रहे। साथ ही, घाटों की स्वच्छता में अधिकतम नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

सामाजिक संगठनों की भूमिका

इस स्वच्छता अभियान में एनजीओ, सीएसओ और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग प्राप्त हो रहा है। इन संगठनों द्वारा घाटों पर सफाई अभियान चलाया जा रहा है और लोगों को स्वच्छता का महत्व समझाया जा रहा है।

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