नेशनल
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का आज आखिरी कार्य दिवस
नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से विदाई दी गई. उन्होंने अपना दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित एक फेयरवेल समारोह में विदाई दी गई. इस दौरान उन्होंने सीजीआई के तौर पर अपना आखिरी संदेश भी दिया.इस समारोह में जस्टिस संजीव खन्ना जो देश के अगले चीफ जस्टिस बनेंगे, उन्होंने CJI चंद्रचूड़ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उनके (डी.वाई. चंद्रचूड़) हटने से उच्चतम न्यायलय में एक खालीपन आ जाएगा जिसे हम सोमवार से महसूस करेंगे।
बार एसोसिएशन का दिया धन्यवाद
अपने विदाई समारोह को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि इतने बड़े सम्मान के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को धन्यवाद दिया. इस दौरान उन्होंने अपने नाम से जुड़ा एक वाक्या सुनाया. उन्होंने कहा कि उनकी मां ने एक बार कहा था कि मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है, लेकिन ‘धनंजय’ में जो ‘धन’ है, वह भौतिक धन नहीं है.’
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को अपनी विदाई भाषण में कहा कि अगर मैंने किसी को जाने-अनजाने में ठेस पहुंचाई हो तो मुझे माफ कर देना. सीजेआई ने कहा कि जरूरतमंदों और उन लोगों की सेवा करने से बड़ा कोई एहसास नहीं है, जिन्हें वह नहीं जानते थे या जिनसे कभी नहीं मिले थे. अपने विदाई समारोह में सीजेआई ने एक युवा विधि छात्र के रूप में न्यायालय की अंतिम पंक्ति में बैठने से लेकर सुप्रीम कोर्ट के गलियारों तक के अपने सफर के बारे में बताया.
नेशनल
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात
कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’
4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।
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