Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

महाराष्ट्र चुनाव के लिए बीजेपी ने जारी किया अपना संकल्प पत्र, महिलाओं को हर महीने 2100 रु देने का वादा

Published

on

Loading

मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए बीजेपी का संकल्प पत्र जारी कर दिया है। बीजेपी ने अपने इस संकल्प पत्र में राज्य की जनता से कई वादे किए हैं। इसमें किसानों का कर्ज माफ करने समेत महिलाओं को प्रति माह 2100 रुपये देने की बात कही गई है। इसके अलावा राज्य में 25 लाख नौकरियां और किसानों के लिए भावांतर योजना का वादा किया गया है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की ओर से रविवार को जारी किए गए संकल्प पत्र में पार्टी ने युवाओं, महिलाओं और किसानों पर विशेष फोकस किया है जिसमें बीजेपी ने किसानों का कर्ज माफ करने का ऐलान किया है।

इसके साथ ही राज्य के किसानों के लिए भावांतर योजना लागू करने का भा ऐलान किया है। इसके अलावा राज्य के युवाओं को 25 लाख नई नौकरियां देने का भी वादा किया गया है। बीजेपी ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में राज्य में स्किल सेंटर्स खोलने की बात कही है। साथ ही वृद्धा पेंशन की राशि 2100 रुपये प्रतिमाह करने का वादा किया है।

बीजेपी का संकल्प पत्र जारी करने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, आज चुनाव में हमारा मुकाबला अघाड़ी से है। मैं निश्चित रूप से कहना चाहता हूं कि अघाड़ी की सारी योजनाएं, सत्ता के लालच में तुष्टिकरण की है और विकार धाराओं का अपमान करने वाली है और महाराष्ट्र की संस्कृति से छलकर कर केवल सत्ता प्राप्ति के लिए आगे बढ़ने वाली विचारधारा है। शाह ने आगे कहा कि, बीजेपी का संकल्प पत्र आकांक्षाओं का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि, ‘मैं उद्धव ठाकरे से पूछना चाहता हूं क्या वह कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से वीर सावरकर के लिए दो अच्छे शब्द बोलने को कह सकते हैं।

Continue Reading

नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

Published

on

Loading

कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

Continue Reading

Trending