उत्तर प्रदेश
मैं योगी हूं, योगी के लिए देश पहलेः आदित्यनाथ
अमरावती | उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा की गई टिप्पणी का जवाब दिया। सीएम योगी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि मैं योगी हूं, मेरे लिए देश पहले है, राजनीति बाद में, लेकिन आपके लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति पहले है।
मेरा हर काम पहले देश के नाम
महाराष्ट्र के अचलपुर में रैली को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तीन दिन से मुझ पर नाराज हो रहे हैं कि मैं ऐसी भाषा का प्रयोग क्यों कर रहा हूं। खड़गे जी! मैं योगी हूं, योगी के लिए देश पहले है। राजनीति बाद में। मेरे और आपमे यही अंतर है। मेरे नेता मोदी ने यही बताया है कि हर काम, पहले देश के नाम। आपके लिए कांग्रेस की तुष्टिकरण की नीति पहले है। यही कारण है कि आप न सच्चाई बोल पा रहे हैं, न समझ पा रहे हैं।
मुस्लिम लीग के कारण सरेंडर कर चुका था कांग्रेस नेतृत्व
सीएम योगी ने कहा कि खड़गे जी के परिवार के साथ आजादी के तत्काल बाद घटना घटित हुई थी। खड़गे जी का गांव बारावत्ती हैदराबाद के निजाम के अधीन था। देश की आजादी के पहले अंग्रेजों को लगा कि अब भारत के क्रांतिकारियों के सामने अधिक दिन तक नहीं टिक पाएंगे तो उसने भारत के विभाजन को लेकर रोडमैप तय किया। वे देश में मुस्लिम लीग को देश में प्रोत्साहित करने का कार्य कर ही रहे थे। उस समय कांग्रेस नेतृत्व भी मुस्लिम लीग के सामने सरेंडर कर चुका था। यही कारण था कि मुस्लिम लीग निर्ममता से हिंदुओं को काट रहा था, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व सत्तालोलुप होकर मौन बना था।
सरदार पटेल गृह मंत्री थे तो हैदराबाद के निजाम को लगा कि बहुत दिन तक अलग अस्तित्व नहीं बना पाऊंगा
सीएम योगी ने कहा कि ब्रिटिशरों ने देसी रियासतों को स्वतंत्रता दी कि वे चाहें तो भारत का हिस्सा बनें, चाहें तो पाकिस्तान का हिस्सा और चाहें तो स्वतंत्र अस्तित्व भी रख सकते हैं। भारत में जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद के निजाम ने खुद को स्वतंत्र रियासत के रूप में स्थापित करने की चेष्टा की। जिस समय लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल गृह मंत्री थे तो हैदराबाद के निजाम को लगा कि बहुत दिनों तक अलग अस्तित्व नहीं बना पाऊंगा, तब उसने निर्ममता से हिंदुओं का कत्लेआम शुरू कराया था।
वोटबैंक की खातिर परिवार के बलिदान को भूल गए खड़गे
सीएम योगी ने कहा कि डॉ. आंबेडकर ने हैदराबाद रियासत के सभी अनुसूचित जाति, जनजाति व हिंदुओं का आह्वान किया कि वे वहां सुरक्षित नहीं हैं, महाराष्ट्र की तरफ आ जाएं। उस समय हैदराबाद रियासत के अधीन बारावत्ती गांव भी जलाया गया था। यह मल्लिकार्जुन खड़गे जी का गांव था। इसमें खड़गे जी की मां, चाची और बहन को निजाम के रजाकारों द्वारा जलाया गया, लेकिन खड़गे जी सच्चाई को नहीं बोलना चाहते। उन्हें लगता है कि निजाम पर आरोप लगाऊंगा तो मुस्लिम वोट खिसक जाएगा। कांग्रेस इतिहास को झूठलाने का कार्य कर रही है। निजाम के रजाकारों ने हैदराबाद रियासत के अंदर निर्ममता से हिंदुओं का कत्लेआम किया। गांव के गांव जलाए गए थे। खड़गे जी उस सच्चाई को स्वीकार नहीं करना चाहते। खड़गे जी वोटबैंक की खातिर परिवार के बलिदान को भूल गए। सीएम ने दो टूक कहा कि इनके लिए सत्ता महत्वपूर्ण है, देश नहीं।
उत्तर प्रदेश
गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश दिला रही योगी सरकार, प्रथम चरण में 1.32 लाख से अधिक आवेदन आए
लखनऊ | उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सरकार के ‘मिशन शिक्षा’ के तहत, गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। इसका परिणाम यह है कि आवेदन प्रक्रिया के प्रथम चरण (01 दिसंबर से 19 दिसंबर) के दौरान 1.32 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।
ज्ञातव्य हो कि योगी सरकार इस वर्ष यह प्रयास कर रही है कि किसी भी गरीब बच्चे की पढ़ाई में एक दिन भी देरी न हो और उसे समय से स्कूल में प्रवेश दिलाकर अप्रैल के पहले दिन से ही उसकी नियमित पढ़ाई शुरू करा दी जाए। इस प्रथम चरण में वंचित और अलाभित परिवारों के अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक आवेदन किया है, जिनमें सर्वाधिक आवेदन वाराणसी (10,278), लखनऊ (8,714) और कानपुर नगर (8,276) से प्राप्त हुए हैं। अब सरकार ने इन आवेदनों के सत्यापन कार्य में तेजी लाकर बच्चों को उनके अधिकार शीघ्र प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया है। योगी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में एक नई उम्मीद और परिवर्तन की लहर दौड़ रही है, जिससे हर बच्चे के लिए शिक्षा का दरवाजा खुल रहा है।
19 दिसंबर तक आये सर्वाधिक आवेदन की स्थिति
सभी जिलों से प्राप्त हुए कुल 1,32,446 आवेदनों में जिन जिलों से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें शीर्ष पर वाराणसी (10,278) है, जबकि दूसरे स्थान पर लखनऊ (8,714) है। इसी प्रकार तीसरे स्थान पर कानपुर नगर (8,276), चौथे स्थान पर अलीगढ़ (4,880) और पांचवें स्थान पर आगरा (4,626) ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।
सरकार ने दिये हैं निर्देश
इसके साथ ही बीईओ और बीएसए स्तर पर लंबित आवेदनों को लेकर सरकार ने जिलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं। सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि 23 दिसंबर को पोर्टल स्वतः बंद हो जाएगा, इसलिए अधिकारी 22 दिसंबर तक सर्वोच्च प्राथमिकता पर आरटीई आवेदन सत्यापन को रखते हुए आवेदनों का सत्यापन कार्य पूर्ण करें।
चार चरणों में दिया जा रहा मौका
बच्चों का समय पर नामांकन सुनिश्चित करने के लिए सत्र 2025-26 के लिए 4 चरणों में आवेदन प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है, जो क्रमशः 1 दिसंबर, 1 जनवरी, 1 फरवरी और 1 मार्च से उस महीने की 19 तारीख तक चलाई जा रही है। पहले चरण में आवेदनों की संख्या आने के बाद उनके सत्यापन का कार्य गतिशील है, जबकि शेष चरणों में आने वाले प्रार्थना पत्रों के बाद निर्धारित समय से सत्यापन कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।
–पिछले सत्रों में यह रही स्थिति
शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71,214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत 1,14,196 बच्चों का प्रवेश गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कराया गया था, जो कि एक बड़ा उछाल था। इसके अतिरिक्त, सत्र 2024-25 तक राज्य भर के 5 लाख से अधिक बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि इन दो वित्तीय वर्षों में योगी सरकार ने 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया था और विद्यालयों को गरीब बच्चों को बिना किसी बाधा के प्रवेश देने में सहायता मिली थी।
सरकार का प्रयास-बच्चों के प्रवेश में न हो देरीः संदीप सिंह
योगी सरकार के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत प्रत्येक चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तारीखें तय हैं। जिला प्रशासन भी सहयोग कर रहा है, जिससे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों की सुविधा प्रदान कर नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि किसी भी बच्चे के प्रवेश में देरी न हो और वह समय से अपनी नियमित पढ़ाई शुरू कर सके। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को समय से तैयार करा लें और आवेदन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, सभी अभिभावक इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलवाने में सरकार का सहयोग करें।
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