प्रादेशिक
समाजवादी पार्टी ने महाराष्ट्र में MVA से तोड़ा नाता, बाबरी मस्जिद पर पोस्ट बनी वजह
मुंबई। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने एमवीए यानी महाविकास अघाड़ी से अपना नाता तोड़ दिया है। महाराष्ट्र सपा प्रमुख अबू आजमी ने इसका ऐलान किया। दरअसल, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के करीबी नेता ने बाबरी मस्जिद विध्वंस की सराहना की थी। राज्य में समाजवादी पार्टी के दो विधायक हैं।
अबू आसिम आजमी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “समाजवादी पार्टी को महाराष्ट्र में अकेले चलना गवारा है, लेकिन महा विकास अघाड़ी में रहते हुए शिवसेना यूबीटी की सांप्रदायिक विचारधारा का हिस्सा बनना हरगिज गवारा नहीं।” उन्होंने कहा कि चुनावों या सीट बंटवारे की प्रक्रिया के दौरान एमवीए में बिल्कुल भी समन्वय नहीं था। उन्होंने हमें कभी बैठकों या संयुक्त रैलियों के लिए नहीं बुलाया। वे एक-दूसरे के मंचों को साझा करने से बचते थे और इसका नतीजा यह हुआ कि विधानसभा चुनावों में एमवीए की भारी हार हुई।
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उन्होंने दावा किया कि पार्टी की आंतरिक बैठक में ठाकरे ने कथित तौर पर अपने नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को राज्य में आगामी निकाय चुनावों से पहले एक बार फिर हिंदुत्व के एजेंडे को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।
अबू आजमी ने कहा, “कल 6 दिसंबर को शिवसेना (यूबीटी) के एक नेता ने सोशल मीडिया पर एक संदेश पोस्ट किया, जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस (1993) के लिए पार्टी को श्रेय देने का दावा किया गया। हम इसे कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं। सपा धर्मनिरपेक्ष मूल्यों, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के पक्ष में है और इसलिए वह सांप्रदायिक दृष्टिकोण अपनाने वाली किसी भी पार्टी का साथ नहीं देगी।”
आजमी ने सख्त लहजे में कहा, “उन्हें यह समझना चाहिए कि इस तरह की पोस्ट से भावनाएं आहत होती हैं और ये एकता, धर्मनिरपेक्षता और सभी समुदायों के सम्मान के खिलाफ हैं। हम यहां सभी वर्गों के बीच सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए हैं, लोगों को विभाजित करने के लिए नहीं।”
उत्तर प्रदेश
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक एक्शन मोड में, स्वास्थ्य विभाग के कई अधिकारियों पर गिरी गाज
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग में गंभीर अनियमितताओं के चलते कड़ी कार्रवाई की है. लगातार मिल रही शिकायतों के बाद श्रावस्ती के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है. डिप्टी सीएम ने इस संबंध में चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय से संबंधित अधिकारियों को जांच करने के निर्देश भी दिए थे.
शिकायतों के कारण हुई कार्रवाई
शिकायतों में यह आरोप लगाए गए थे कि डॉ. अजय प्रताप सिंह ने अवैध निजी अस्पतालों पर प्रभावी नियंत्रण नहीं किया, टेंडरों में अनियमितताएं कीं, बायो मेडिकल वेस्ट का सही तरीके से निस्तारण नहीं किया और उच्च आदेशों की अवहेलना की. इन शिकायतों के आधार पर डॉ. सिंह को निलंबित कर दिया गया.
फतेहपुर और सुल्तानपुर में भी कार्रवाई
इसके साथ ही, फतेहपुर में तैनात चिकित्सक डॉ. पुण्ड्रीक कुमार गुप्ता को भी निलंबित कर सिद्धार्थनगर के सीएमओ कार्यालय से संबद्ध कर दिया गया है. उनका एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्होंने सरकार और प्रशासन के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी.
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