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उत्तर प्रदेश

उत्तर भारत में स्वास्थ्य के मानक और मेडिकल एजुकेशन के स्टैंडर्ड तय कर रहा एसजीपीजीआई: सीएम

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लखनऊ। आज एसजीपीजीआई उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि उत्तर भारत में स्वास्थ्य के मानक और मेडिकल एजुकेशन के स्टैंडर्ड को तय कर रहा है। बिना किसी शोरगुल के अपनी इस यात्रा को ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है। वर्तमान में पीजीआई में रोबोटिक सर्जरी की जा रही है। अब इससे आगे बढ़कर एआई का इस्तेमाल कर पेशेंट को सुविधा देने की दिशा में पीजीआई केंद्र के रूप में स्थापित होगा। यह पीजीआई की नई ऊंचाइयों को दर्शाता है। पीजीआई में वर्ष 2024 में अब तक 1,16,000 पेशेंट ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से 48,600 पेंशेट का इलाज किया गया। वहीं 14 हजार से अधिक ऑपरेशन किये गये जबकि 114 किडनी ट्रांसप्लांट, 32 बोनमेरो ट्रांसप्लांट, 1 लिवर ट्रांसप्लांट, 591 ओपन हार्ट सर्जरी और 319 रोबोटिक सर्जरी की गयी। यह पीजीआई की सफलता को दर्शाता है। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के 41 वें स्थापना दिवस समारोह में कहीं। इस दौरान सीएम योगी ने संस्थान की कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। साथ ही फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स को बेस्ट रिसर्च और परफॉर्मेंस के लिए सम्मानित किया।

अगले 5 वर्ष एसजीपीआई के लिए बेहद महत्वपूर्ण: सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीजीआई ने पिछले 7 वर्षों में समय के प्रवाह के साथ अपनी स्पीड को बढ़ाया है। वहीं अगले 5 वर्ष संस्थान के लिए और भी महत्वपूर्ण होने जा रहे हैं। आज यहां पर वह डिपार्टमेंट खुल रहे हैं, जिनके बारे में कोई सोचता तक नहीं था। संस्थान पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड पर काम कर रहा है। संस्थान में जो कुछ भी नया हो सकता है, उसके लिए हमें पूरी मजबूती के साथ काम करना होगा। देश का यह पहला संस्थान है, जिसे सीएसआर से 5 सौ करोड़ मिले हैं। इसके जरिये सलोनी हार्ट फाउंडेशन द्वारा बच्चों को हार्ट सर्जरी कर उनका नया जीवन प्रदान किया जा रहा है। सीएसआर फंड से सलोनी हार्ट फाउंडेशन के साथ रैन बसेरा का भी निर्माण किया जा रहा है। सीएम योगी ने कहा कि हर मरीज चाहता है कि उसे अच्छी सुविधा मिले। ऐसे में हमारे डॉक्टर्स को अपनी स्पीड तीन गुना बढ़ानी होगी। इसके लिए सरकार हर संसाधन उपलब्ध कराएगी। सीएम योगी ने कहा कि जब कोरोना वायरस यूपी में आया तब प्रदेश में सर्वे कराया गया। उस दौरान 36 ऐसे जनपद थे, जहां आईसीयू के बेड नहीं थे। तब यहां के निदेशक के सुझाव पर टेली आईसीयू की सुविधा शुरू की गयी। इसके जरिये सभी जनपदों में हजारों लोगों की जान को बचायी गयी। वह एक शुरुआत थी, आज 6 मेडिकल कॉलेज पहले चरण में इससे जुड़ गये हैं। वहीं आने वाले समय में सभी मेडिकल कॉलेज को इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। हैं प्रदेश के अंदर आने मेडिकल कॉलेज को भी इसके साथ जोड़ने की तैयारी हो रही है

एक वर्ष में खुले गये 18 मेडिकल कॉलेज, 1947 से 2017 तक थे केवल 12 मेडिकल कॉलेज

सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में 1947 से लेकर के 2017 तक केवल 12 मेडिकल कॉलेज ही खोले गए। वहीं अकेले इस वर्ष 13 गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू किया गया, जिसमें एडमिशन हुए हैं। इसके अलावा तीन गवर्नमेंट पीपीपी मोड और दो अन्य प्राइवेट मेडिकल कॉलेज संचालित हुए हैं यानी कुल 18 मेडिकल कॉलेज इस वर्ष खुले हैं। प्रदेश में हमारी सरकार 65 जनपद में मेडिकल कॉलेज खोल चुकी है, हर जिले में फ्री डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। इसके अलावा ब्लड बैंक के साथ ब्लड सेपरेटर यूनिट भी स्थापित की गई हैं। प्रदेश में हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश में आज 9 करोड़ से अधिक लोग आयुष्मान कार्ड की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं। वहीं सवा 5 लाख से अधिक लोगों को अभी हाल में ही गोल्डन कार्ड जारी किये गये हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 70 वर्ष से ऊपर के प्रत्येक बुजुर्ग को फ्री में प्रति वर्ष 5 लाख रुपए की स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया है। ऐसे में वह आयुष्मान वयं वंदना योजना के तहत लाभ उठा सकते हैं। सीएम ने कहा कि अकेले होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल को एक वर्ष में 21,000 पेशेंट के लिए 73 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री राहत कोष से दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार पैसे के अभाव में किसी गरीब के इलाज में रुकावट नहीं आने दे रही है। सरकारी पूरी प्रतिबद्धता के साथ उन्हें धनराशि उपलब्ध करा रही है। इस अवसर पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारर्थी सेन शर्मा, एसजीपीजीआई डायरेक्टर डॉ. आरके धीमान, गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड रिसर्च की वाइस चांसलर प्रो. डॉ. गीतांजलि बैटमैन बाने आदि उपस्थित थे।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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