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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी के नेतृत्व में तेजी से हो रहा ग्रामीणों की समस्यायों का निराकरण

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व व निर्देशन में प्रदेश की पंचायतों की भूमिका अब पहले से अधिक महत्वपूर्ण और जवाबदेही भरी हो गई है। सीएम योगी द्वारा पंचायतों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए गए हैं। रोजगार मेले, किसान विकास योजनाएं और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांवों में समग्र विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। डिजिटल तकनीक के समावेश ने पंचायतों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बना दिया है।

सीएम योगी ने पंचायत निधि के बेहतर और सार्थक उपयोग पर जोर देते हुए निर्देश दिया है कि इसका लाभ सीधे वास्तविक लाभार्थियों तक पहुंचे। उन्होंने पंचायतों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसी योजनाओं को प्राथमिकता देने और नए ऐसे काम करने की अपील की है, जो पंचायतों को विशिष्ट पहचान दें।

सीएम योगी की ग्राम पंचायतों को रोल मॉडल बनाने की पहल

सीएम योगी ने ग्राम पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई तरह की पहल की है। सीएम योगी ने पंचायतों को नए और नवाचारी प्रोजेक्ट शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो उनके क्षेत्र को अलग पहचान दें। पंचायतों को प्रोत्साहित किया जा रहा है कि वे सामुदायिक शौचालयों और सार्वजनिक स्थानों की सफाई को प्राथमिकता दें। सीएम योगी ने गांवों में कम्युनिटी सेंटर बनाकर उसका आर्थिक रूप से उपयोग करने की बात कही है। इससे न केवल पंचायतों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा। सीएम योगी की मंशानुरूप पंचायतों में आदर्श गांव, विकसित गांव और आत्मनिर्भर गांव बनाने की दिशा में बड़े पैमाने पर कार्य किए जा रहे हैं।

गांव की समस्या का गांव में ही हो रहा समाधान

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व और निर्देशन में ग्राम चौपाल की पहल ने यह सुनिश्चित किया है कि सरकार खुद चलकर ग्रामीणों और गरीबों के पास जाए। यह पहल शासन और जनता के बीच विश्वास को बढ़ाने के साथ-साथ समस्याओं के समाधान को सरल और सुलभ बना रही है। प्रदेश के प्रत्येक विकास खंड की दो ग्राम पंचायतों में प्रत्येक शुक्रवार को ग्राम चौपाल का आयोजन किया जा रहा है। “गांव की समस्या – गांव में समाधान” के मूलमंत्र के साथ आयोजित इन चौपालों ने ग्रामीणों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया है। ग्राम चौपालों में न केवल व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान हो रहा है, बल्कि सार्वजनिक मुद्दों पर भी कार्रवाई की जा रही है। इन चौपालों से गांवों में चल रही विभिन्न परियोजनाओं की जमीनी हकीकत का पता चलता है और सामाजिक योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आई है।

चौपालों से पहले सफाई और प्रचार पर दिया जा रहा विशेष ध्यान

ग्राम चौपालों की सफलता के लिए गांवों में सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। चौपालों से पहले व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे जुड़ सकें। यह पहल यह भी सुनिश्चित करती है कि सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं का लाभ हर जरूरतमंद तक पहुंचे। ग्राम्य विकास आयुक्त जी.एस. प्रियदर्शी के अनुसार, जनवरी 2023 से अब तक 01 लाख 13 हजार से अधिक ग्राम चौपालों का आयोजन किया जा चुका है। इन चौपालों में 79 लाख से अधिक ग्रामीणों ने भाग लिया और 04 लाख 42 हजार से अधिक समस्याओं का निस्तारण किया गया।

गांवों में विकास की नई गाथा लिख रही है योगी सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की पंचायतें विकास की नई परिभाषा गढ़ रही हैं। डिजिटल तकनीक, स्वच्छता, और आत्मनिर्भरता को अपनाकर पंचायतें ग्रामी ण भारत का भविष्य लिखने की दिशा में अग्रसर हैं। ग्राम चौपाल जैसी योजनाओं के माध्यम से सरकार ने यह साबित किया है कि गांव की समस्याओं का समाधान गांव में ही किया जा सकता है।

योगी सरकार की यह पहल न केवल गांवों को सशक्त बना रही है बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने की ओर भी अग्रसर है। ग्रामीण विकास के इस मॉडल ने पंचायतों को नए अवसरों और जिम्मेदारियों के साथ मजबूती प्रदान की है, जिससे उत्तर प्रदेश देशभर में एक मिसाल बनता जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश

अयोध्या में बोले सीएम योगी- जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा, उनके वंशज आज रिक्शा चला रहे हैं

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अयोध्या। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज अयोध्या में हैं। यहां वह सबसे पहले हनुमानगढ़ी पहुंचे, जहां उन्होंने हनुमान जी की आरती उतारी। इसके बाद वह राम मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने रामलला का आशीर्वाद लिया। इसके बाद सीएम योगी प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन पहुंचे, जहां उन्होंने जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य महाराज के सानिध्य में चल रही पंचनारायण महायज्ञ में आहुति दी।

पंचनारायण महायज्ञ में आहुति देने के बाद उन्होंने कहा कि सनातन ही देश का राष्ट्रीय धर्म है। उन्होंने कहा कि अयोध्या धाम त्रेता युग की अवधारणा को जिंदा कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर विश्व को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित करना ही होगा। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि औरंगजेब की वंशजों का आज क्या हाल है। जिस औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़ा उनका कुल और वंश खत्म हो गया। आज उनके वंशज रिक्शा चला रहे हैं। यह दुर्गति हुई है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर विश्व मानव सभ्यता को बचाना है तो सनातन का सम्मान करना होगा। हमारे ऋषि मनीषियों ने हजारों वर्ष पहले वसुधैव कुटुम्बकम की बात कही। सीएम योगी ने कहा “दुनिया के अंदर सनातन धर्म ही ऐसा धर्म है, जिसने हर मजहब को विपत्ति के समय शरण दिया है, लेकिन कभी हिंदुओ के साथ ऐसा हुआ क्या?? क्या हुआ बांग्लादेश में, उससे पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान में क्या हुआ था?”

योगी आदित्यनाथ ने काशी और अयोध्या के साथ संभल का जिक्र करते हुए कहा “कभी काशी विश्वनाथ धाम, कभी अयोध्या में, कभी संभल में कल्कि अवतार की हरिहर भूमि, कभी भोजपुर में। हर समय हिंदुओ के मंदिरों को तोड़ा गया। पता चला कि औरंगजेब के खानदान का व्यक्ति कोलकाता के पास रिक्शा चला रहा था। कभी उसने ईश्वर की दुर्गति नही की होती तो उसकी औलादों को ये दिन न देखना पड़ता।”

योगी आदित्याथ सहित अन्य नेता अयोध्या के साथ काशी और मथुरा का जिक्र करते रहे हैं। काशी और मथुरा दोनों जगह मंदिर और मस्जिद को लेकर विवाद है। हालांकि, संभल का जिक्र अब तक नहीं होता था। पिछले महीने स्थानीय अदालत के आदेश पर एएसआई की टीम सर्वे करने मस्जिद पहुंची थी। इस दौरान उग्र भीड़ और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इस झड़प के बाद प्रशासन सख्त हुआ और आरोपियों पर कार्रवाई शुरू हुई। बिजली चोरी की जांच के बीच पुराना मंदिर मिला, जो 46 साल से बंद था। इस मंदिर के पास खुदाई में कुआं मिला और कुएं में मूर्तियां भी मिलीं। इसके बाद से संभल भी चर्चा में आ गया है। हिंदू पक्ष का दावा है कि संभल में भी मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी और जिस जगह पर मस्जिद बनी है, वहां पूजा करने का अधिकार हिंदुओं का है।

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