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उत्तर प्रदेश

संगम की नावों पर हो रही चित्रकारी, देगी श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव और संदेश

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 महाकुम्भनगर। प्रयागराज की पहचान पूरे विश्व में त्रिवेणी संगम से होती है और संगम की पहचान यहां तैरती नावों से। नाव और नाविक ही हैं जो श्रद्धालुओं को तट से संगम की त्रिवेणी धारा तक ले जाते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के महाकुम्भ को स्वच्छ और सुरक्षित महाकुम्भ बनाने के अभियान में संगम तट की नावों और नाविकों का भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एक ओर तो सीएम योगी ने अपने हाथों से नाविकों को लाइफ जैकेट और सुरक्षा बीमा सार्टिफिकेट जारी किये, साथ ही उनकी नावों की मरम्मत और सुंदरीकरण का कार्य भी किया जा रहा है। नमामि गंगे मिशन के तहत गंगा, यमुना के घाटों और उनमें चलने वाली नावों को साफ, स्वच्छ रखने के साथ उन पर पेंटिग और चित्रकारी भी की जा रही है।

नमामि गंगे मिशन के तहत की जा रही है लगभग 2000 नावों की पेंटिंग

महाकुम्भ 2025 को लेकर पूरे प्रयागराज और महाकुम्भ मेला क्षेत्र में निर्माण और सौंदर्यीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। इसी क्रम में संगम के पक्के घाटों और नावों को भी चित्रित और पेंट कर सुंदरीकृत किया जा रहा है। साथ ही उन पर स्वच्छता के संदेश भी लिखे जा रहे हैं जो श्रद्धालुओं को स्वच्छ महाकुम्भ अभियान में जुड़ने के लिए प्रेरित करेंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण में एसडीएम अभिनव पाठक ने बताया कि पेंट माई सिटी अभियान के तहत पूरे प्रयागराज शहर और नमामि गंगे मिशन के अंतर्गत संगम क्षेत्र के घाट और नावों के सौंदर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नमामि गंगे मिशन के तहत मेला प्राधिकरण 5 लाख स्क्वायर फिट क्षेत्र में पेंटिग और चित्रकारी का कार्य करवा रहा है। उसी क्रम में लगभग 2000 नावों को भी चित्रित करने का कार्य किया जा रहा है, ताकि महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को सुखद अनुभव हो और वो पेंट किये गये स्वच्छता संदेशों से प्रेरित होकर नदियों को स्वच्छ रखने में योगदान दें।

संगम के नाविक और मल्लाह सीएम योगी के प्रयासों से हैं उत्साहित

प्रयागराज संगम में पीढ़ियों से नाव चलाने वाले नाविक और मल्लाहों का कहना है कि कुम्भ 2019 और महाकुम्भ 2025 में पहली बार हम नाविकों की सुध लेने वाली कोई सरकार आई है। नाविक सियाराम निषाद का कहना है कि इसके पहले की सरकारें कुम्भ, महाकुम्भ जैसे बड़े अवसर पर केवल लाईसेंस जारी करती थीं और नाव यात्रा के रेट तय करती थीं, हम नाविकों को और किसी तरह की सुविधा नहीं मिलती थी। सीएम योगी की सरकार ने इस महाकुम्भ में तो हमें लाइफ जैकेट, सुरक्षा बीमा के साथ नाव यात्रा का रेट 50 फीसदी बढ़ा दिया है और अब हमारी नावों की मरम्मत और पेंटिग भी करवा रही है। इससे बढ़कर हमलोगों के लिए क्या हो सकता है।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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