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उत्तर प्रदेश

तीन स्तरीय चेकिंग के बाद ही मिलेगी महाकुम्भ मेला क्षेत्र में एंट्री

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महाकुम्भनगर: नए साल को लेकर महाकुम्भनगर में मंदिरों और प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसी के साथ महाकुम्भ मेला क्षेत्र, प्रयागराज और आसपास के जिलों में खुफिया तंत्र भी सक्रिय हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सुरक्षित महाकुम्भ की तैयारी पूरी कर ली गई है। गलत इरादों को लेकर यहां कोई भी प्रवेश न कर सके, इसके लिए जनपद प्रवेश के दौरान एक एक व्यक्ति की चेकिंग का इंतजाम किया गया है। सबसे जरूरी बात ये है कि संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए खुफिया दस्ते तैनात कर दिए गए हैं।

खुफिया तंत्र पूरी तरह सक्रिय

सीएम योगी की मंशा के अनुरूप महाकुम्भ को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर खास ध्यान दिया जा रहा है। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के जमावड़े को लेकर विशेष तैयारी की गई है। महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए। जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत और हाईटेक किया जा रहा है। महाकुम्भ पर पूरी दुनिया की नजर टिकी है। नए साल को लेकर महाकुम्भनगर की पुलिस पूरे अलर्ट मोड में आ गई है।
विशेष तौर पर मंदिरों और प्रमुख स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। महाकुम्भ, प्रयागराज और आसपास के जिलों में तीन स्तरीय सुरक्षा तंत्र मुस्तैद किया गया है, जिससे एक एक श्रद्धालु की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया जाए। यही नहीं, संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस का खुफिया दस्ता सक्रिय है। इनका काम किसी भी संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के साथ साथ वरिष्ठ अधिकारियों से तालमेल बनाकर सेफ्टी ऑपरेशन को मजबूती से लागू करना है। सीएम योगी के निर्देश पर महाकुम्भनगर पुलिस ने विभिन्न स्थानों पर कई चेकिंग प्वाइंट बनाए हैं, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को और बेहतर बनाया जा सके।

एआई कैमरे, ड्रोन, एंटी ड्रोन, टीथर्ड ड्रोन के साथ साइबर पेट्रोलिंग तेज

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी का विशेष फोकस इस बार डिजिटल महाकुम्भ पर है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन में एआई कैमरों का इस्तेमाल शुरू किया है। यही नहीं ड्रोन, एंटी ड्रोन और टीथर्ड ड्रोन अपने स्तर पर अलग अलग मोर्चे पर तैनात किए गए हैं। देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की साइबर सुरक्षा का भी विशेष इंतजाम किया गया है। इसी के मद्देनजर साइबर पेट्रोलिंग भी तेज कर दी गई है। महाकुम्भनगर की सुरक्षा व्यवस्था में सबसे काबिल पुलिसकर्मियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ में अग्नि जनित घटनाओं के खिलाफ एडब्ल्यूटी बनेगा सुरक्षा कवच

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महाकुम्भनगर। उत्तर प्रदेश में महाकुम्भ-2025 को लेकर तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। इसी क्रम में, उत्तर प्रदेश अग्निशमन व आपात सेवा विभाग एडवांस्ड फीचर्स युक्त 4 आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) का भी मेला क्षेत्र को इस्तेमाल करेगी। इन आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर को मेला क्षेत्र में टेंट सिटी और बड़ी टेंट सेटअप के दृष्टिगत डिप्लॉय किया गया है। यह वीडियो तथा थर्मल इमेजिनिंग सिस्टम समेत कई आधुनिक फीचर्स से लैस हैं तथा इनके जरिए मेला क्षेत्र में अग्नि जनित घटनाओं की रोकथाम के साथ ही दमकलकर्मियों के जीवन रक्षण में भी मदद मिलेगी। यह जोखिम से भरे फायर ऑपरेशंस को अंजाम देने के साथ ही अग्निरक्षकों की सुरक्षा के लिए भी कवच के तौर पर कार्य कार करने में सक्षम होगा।

कई तरह की खूबियों से लैस है एडब्ल्यूटी

महाकुम्भ के नोडल/मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि आर्टिकुलेटिंग वॉटर टावर (एडब्ल्यूटी) एक आधुनिक अग्निशमन वाहन है। मुख्यत: इसका प्रयोग बहुमंजिलीय एवं विशेष ऊँचाई के टेन्ट तथा भवन की आग बुझाने में किया जाता है। चार बूम से निर्मित ए.डब्ल्यू.टी 35मी की ऊंचाई तथा 30मी की क्षैतिज दूरी की पहुंच तक अग्निशमन कार्य को संचालित कर सकते हैं। यह कई प्रकार के आधुनिक फीचर्स से लैस है तथा वीडियो तथा थर्मल इमेजिंग कैमरे से युक्त होने के कारण इसकी उपयोगिता और बढ़ जाती है। यही कारण है कि यह न केवल रेस्क्यू ऑपरेशंस को अंजाम देकर जान-माल की रक्षा करने में सक्षम हैं बल्कि अग्निरक्षकों के जीवनरक्षण और उनकी सुरक्षा में कवच का कार्य भी करते हैं।

131.48 करोड़ के वाहन व उपकरणों को किया जा रहा डिप्लॉय

डिप्टी डायरेक्टर अमन शर्मा ने बताया कि महाकुम्भ को अग्नि दुर्घटना रहित क्षेत्र बनाने के लिए विभाग को 66.75 करोड़ का बजट आवंटित हुआ है, जबकि विभागीय बजट 64.73 करोड़ है। इस प्रकार, कुल 131.48 करोड़ रुपए की लागत से वाहन व उपकरणों को महाकुम्भ मेला में अग्नि जनित दुर्घटनाओं से सुरक्षा के लिए डिप्लॉय किया जा रहा है। इनको पूरी तरह से मेला क्षेत्र में डिप्लॉय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के विजन अनुसार, इस बार महाकुम्भ में अलग-अलग प्रकार के 351 से अधिक अग्निशमन वाहन, 2000 से अधिक ट्रेन्ड मैनपावर, 50 से अधिक अग्निशमन केंद्र व 20 फायर पोस्ट बनाए जा रहे हैं। प्रत्येक अखाड़ों के टेंट्स को फायर फाइटिंग इक्विप्मेंट्स से भी लैस किया जा रहा है।

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