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उत्तर प्रदेश

पशुधन उत्पादकता बढ़ाने के लिए गांवों में चारागाह विकास पर योगी सरकार का फोकस

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रामीण विकास को नई ऊंचाइयों पर ले जाने और पशुधन उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राज्य में मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतों में चारागाहों का विकास तेजी से किया जा रहा है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन के लिए चारे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करना और किसानों की आजीविका को मजबूत करना है।

ग्राम्य विकास विभाग ने इस दिशा में प्रभावी कदम उठाते हुए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों के तहत, गांवों में उपलब्ध बंजर, अनुपयोगी या सामुदायिक भूमि का उपयोग चारागाहों के विकास के लिए किया जाएगा। इसके माध्यम से इन जमीनों को हरियाली से आच्छादित किया जाएगा, ताकि पशुधन के लिए पर्याप्त चारा उपलब्ध कराया जा सके।

चारागाह विकास बनेगा ग्रामीण रोजगार और आय वृद्धि का माध्यम

मनरेगा योजनांतर्गत इस अभियान से न केवल पशुधन उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे, जिससे स्थानीय समुदाय की आय में भी वृद्धि होगी। सामुदायिक और व्यक्तिगत कार्यों के माध्यम से रोजगार का यह अवसर ग्रामवासियों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। ग्राम्य विकास विभाग के अनुसार, पशुधन उत्पादकता को बढ़ाने के लिए चारे की पर्याप्त उपलब्धता अत्यंत आवश्यक है। पहले भी इस दिशा में प्रयास किए गए हैं, लेकिन इस बार चारागाह विकास को प्राथमिकता देने के लिए जिलों को विशेष निर्देश दिए गए हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि परियोजना का कार्यान्वयन समयबद्ध और प्रभावी ढंग से किया जाए।

मनरेगा के तहत चारागाह विकास को मिली मंजूरी

ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने मनरेगा के तहत चारागाह विकास कार्य को अनुमन्य किया है। इसका लाभ उठाते हुए प्रदेश सरकार ने इस योजना को प्रदेशव्यापी स्तर पर लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना का उद्देश्य न केवल पशुधन संवर्धन है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों की समृद्धि और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करना भी है। योगी सरकार की इस पहल से कई सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। यह योजना ग्रामीण समुदायों के लिए एक बहुआयामी लाभ का माध्यम बनेगी। जहां एक ओर यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करेगी, वहीं दूसरी ओर गांवों की बंजर भूमि को हरियाली में बदलकर पर्यावरण संरक्षण और सामुदायिक विकास में योगदान देगी।

सीएम योगी के नेतृत्व में हरित क्रांति और आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर है यूपी के गांव
यह योजना योगी सरकार के समग्र ग्रामीण विकास दृष्टिकोण का हिस्सा है। योगी सरकार ने हमेशा से किसानों और ग्रामीण समुदायों की समृद्धि को प्राथमिकता दी है। चारागाह विकास के माध्यम से पशुधन पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा, जिससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।

सीएम योगी का मानना है कि इस महत्वाकांक्षी योजना का दीर्घकालिक प्रभाव गांवों की हरित क्रांति और आर्थिक आत्मनिर्भरता के रूप में देखा जाएगा। न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में पशुधन उत्पादकता में सुधार होगा, बल्कि यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों को हरियाली और समृद्धि की ओर अग्रसर करने में भी सहायक सिद्ध होगी। योगी सरकार का यह कदम राज्य में ग्रामीण और पशुधन विकास के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा। आने वाले समय में, यह योजना उत्तर प्रदेश को एक आदर्श ग्रामीण विकास मॉडल के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

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उत्तर प्रदेश

दिल्ली पहुंचकर सीएम योगी ने विशिष्ट अतिथियों को महाकुम्भ के लिए किया आमंत्रित

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नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नई दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वीके सिंह से मुलाकात की और प्रयागराज में होने जा रहे महाकुम्भ 2025 के लिए उन्हें आमंत्रित किया। सीएम योगी ने समस्त महानुभावों को निमंत्रण पत्र के साथ ही महाकुम्भ 2025 के लोगो वाला प्रतीक चिन्ह, कलश, महाकुम्भ से जुड़ा साहित्य और नव वर्ष का टेबल कैलेंडर व डायरी भेंट की।

इन सभी विशिष्टजनों को 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ के लिए आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी स्वयं शनिवार को दिल्ली में थे। उन्होंने सबसे पहले मिजोरम के राज्यपाल जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह से यूपी सदन में शिष्टाचार भेंट कर उन्हें आमंत्रित किया। इसके बाद उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी उनके सरकारी आवास पर भेंट कर उन्हें महाकुम्भ 2025 में आने का निमंत्रण दिया। इसके बाद सीएम योगी गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। शिष्टाचार भेंट के साथ ही सीएम योगी ने सभी विशिष्टजनों को महाकुम्भ से संबंधित उपहार भी भेंट किए। इनमें महाकुम्भ के लोगो वाला प्रतीक चिन्ह, महाकुम्भ की पहचान का प्रतीक कलश, महाकुम्भ संबंधी साहित्य समेत नव वर्ष का टेबल कैलेंडर और डायरी भेंट की। सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर सभी विशिष्टजनों से भेंट की तस्वीर पोस्ट करते हुए अपना अमूल्य समय प्रदान करने के लिए उनका आभार भी जताया।

उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ के शुभारंभ को अब महज 15 दिन का ही समय रह गया है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप योगी सरकार के मंत्रीगण विभिन्न राज्यों में जाकर वहां के विशिष्ट और आमजनों को महाकुम्भ के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को सीएम योगी भी दिल्ली में विशिष्ट लोगों को आमंत्रित करने पहुंचे।

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