Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

कोविड प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी उन्मूलन अभियान को आगे बढ़ाएं: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीबी मुक्त भारत के संबंध में शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रदेश के सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं जिलों के अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की। इस दौरान उनके समक्ष राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 100 दिवसीय सघन टीबी अभियान के संबंध के एक प्रस्तुतीकरण किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री ने आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश का कोविड-19 प्रबंधन पूरे देश में मॉडल बनकर उभरा था, जिसकी सराहना पूरे विश्व में हुई थी। उसी प्रबंधन को आधार बनाकर टीबी नियंत्रण अभियान को आगे बढ़ाएं। इसके लिए आशा, आंगनवाड़ी और एएनएम कार्यकत्री घर-घर जाकर टीबी स्क्रीनिंग की कार्रवाई को आगे बढ़ाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश के समक्ष वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत का लक्ष्य रखा है। इसके तहत देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य होने कारण उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 15 जनपदों में चलाए गए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के परिणाम संतोषजनक है। इसको देखते हुए इस विशेष अभियान को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में चलाएं। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि जनभागीदारी के माध्यम से क्षय उन्मूलन अभियान को आंदोलन बनाना है। अतः जनभागीदारी बढ़ाने हेतु प्रभावशाली व्यक्तियों, भूतपूर्व वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों, भूतपूर्व कुलपति इत्यादि धार्मिक नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों, उद्योगों, गैर सरकारी संगठनों, टीबी विजेताओं (टीबी से सफलतापूर्वक ठीक हुए रोगी), निःक्षय मित्रों तथा निजी स्वास्थ्य क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उप मुख्यमंत्री के स्तर पर एक पत्र भेजकर सभी मंत्रीगढ़ों, सांसदों, विधायकों सहित अन्य सभी जनप्रतिनिधियों को टीबी उन्मूलन अभियान में सक्रिय भागीदारी अपील की जाए ताकि टीबी जैसी गंभीर बीमारी का समून उन्मूलन सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव स्तर पर इस अभियान की साप्ताहिक, पाक्षिक एवं मासिक समीक्षा की जाए। उन्होंने इस अभियान के दृष्टिगत जनपद स्तर पर जिलाधिकारी, मुख्य चिकित्साधिकारी एवं मुख्य विकास अधिकारी की एक त्रिस्तरीय कमेटी के गठन का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने निर्देशित किया कि यह कमेटी इस अभियान की नियमित समीक्षा करे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में टीबी की जांच की सुविधाओं में हुई बढ़ोत्तरी का परिणाम है कि पिछले तीन वर्षों में टीबी नोटीफिकेशन 4.46 लाख से बढ़कर आज 6.59 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि निःक्षय पोषण योजना के अंतर्गत रोगियों के पोषण हेतु उनके खाते में सीधे डीबीटी के माध्यम से वर्ष 2018 से दिसम्बर 2024 तक लगभग 36 लाख रोगियों को रू0 766 करोड़ धनराशि पहुंचाई गई है। टीबी उपचार की सफलता दर 79% (वर्ष 2017) से बढ़कर 91.5% (वर्ष 2024) हो गई है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि इस अभियान में निःक्षय मित्रों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। इसके दृष्टिगत निःक्षय मित्रों की संख्या बढ़ाकर टीबी मरीजों को गोद लेने के लिए प्रेरित करें। इसमें प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधिगण, उद्यमी एवं समाज के प्रबुद्ध वर्ग के लोगों को लोगों को जोड़ें, जो निःक्षय मित्र बनकर कार्य करें।

मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि इस अभियान को और प्रभावी और बेहतर मॉनिटिरिंग के लिए एक पोर्टल विकसित किया जाए, जिससे टीबी उन्मूलन को लेकर चल रही गतिविधियों को प्रतिदिन अपडेट किया जाए। इसके अलावा सीएम निर्देशित करते हुए कहा कि, मोबाइल मेडिकल बैन, मोबाइल ट्रू नेट मशीन, मोबाइल एक्स-रे मशीनों की यूनिट को बढ़ाया जाए जिससे जांच और स्क्रीनिंग की प्रक्रिया को और तेज किया जा सके, इसमें सीएसआर का भी सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि बेसिक, माध्यमिक, उच्च व तकनीकि शिक्षा विभाग, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, श्रम सेवा व गृह एवं कारागार विभाग, स्वास्थ्य विभाग के साथ करें समन्वय बनाकर टीबी उन्मूलन के अभियान को तेजी के साथ आगे बढ़ाएं।
बैठक में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

दिल्ली पहुंचकर सीएम योगी ने विशिष्ट अतिथियों को महाकुम्भ के लिए किया आमंत्रित

Published

on

Loading

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को नई दिल्ली में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मिजोरम के राज्यपाल जनरल वीके सिंह से मुलाकात की और प्रयागराज में होने जा रहे महाकुम्भ 2025 के लिए उन्हें आमंत्रित किया। सीएम योगी ने समस्त महानुभावों को निमंत्रण पत्र के साथ ही महाकुम्भ 2025 के लोगो वाला प्रतीक चिन्ह, कलश, महाकुम्भ से जुड़ा साहित्य और नव वर्ष का टेबल कैलेंडर व डायरी भेंट की।

इन सभी विशिष्टजनों को 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ के लिए आमंत्रित करने के लिए मुख्यमंत्री योगी स्वयं शनिवार को दिल्ली में थे। उन्होंने सबसे पहले मिजोरम के राज्यपाल जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह से यूपी सदन में शिष्टाचार भेंट कर उन्हें आमंत्रित किया। इसके बाद उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से भी उनके सरकारी आवास पर भेंट कर उन्हें महाकुम्भ 2025 में आने का निमंत्रण दिया। इसके बाद सीएम योगी गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और फिर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिलने उनके सरकारी आवास पर पहुंचे। शिष्टाचार भेंट के साथ ही सीएम योगी ने सभी विशिष्टजनों को महाकुम्भ से संबंधित उपहार भी भेंट किए। इनमें महाकुम्भ के लोगो वाला प्रतीक चिन्ह, महाकुम्भ की पहचान का प्रतीक कलश, महाकुम्भ संबंधी साहित्य समेत नव वर्ष का टेबल कैलेंडर और डायरी भेंट की। सीएम योगी ने अपने एक्स हैंडल पर सभी विशिष्टजनों से भेंट की तस्वीर पोस्ट करते हुए अपना अमूल्य समय प्रदान करने के लिए उनका आभार भी जताया।

उल्लेखनीय है कि महाकुम्भ के शुभारंभ को अब महज 15 दिन का ही समय रह गया है। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप योगी सरकार के मंत्रीगण विभिन्न राज्यों में जाकर वहां के विशिष्ट और आमजनों को महाकुम्भ के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। इसी क्रम में शनिवार को सीएम योगी भी दिल्ली में विशिष्ट लोगों को आमंत्रित करने पहुंचे।

Continue Reading

Trending