Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

पंजाब

पंजाब में संविदा कर्मचारियों की हड़ताल, बस सेवाएं ठप, तीन दिन का चक्का जाम

Published

on

Loading

चंडीगढ़। पंजाब रोडवेज और पेप्सू सड़क परिवहन निगम (पीआरटीसी) के संविदा कर्मचारियों ने नौकरी नियमित करने और वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगों को लेकर सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल शुरू कर दी है। हड़ताल के कारण पूरे राज्य में बस सेवाएं प्रभावित हुईं, जिससे हजारों यात्री बस अड्डों पर फंसे रहे।

हड़ताल के चलते पंजाब रोडवेज और पीआरटीसी की लगभग 2,800 बसें सड़कों से नदारद रहीं। पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने बताया कि इस हड़ताल में करीब 8,000 संविदा कर्मचारी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 27 बस डिपो पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

कर्मचारियों की मांगें

संविदा कर्मचारी अपनी नौकरी को नियमित करने, वेतन वृद्धि, और बेहतर सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। यूनियन के मुताबिक, हाल ही में उनकी मांगों को लेकर पंजाब के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर के साथ बैठक हुई थी, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला।

आगे की योजना

प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की है कि वे मंगलवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास की ओर मार्च करेंगे। यूनियन अध्यक्ष रेशम सिंह गिल ने सरकार पर मांगों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

यात्रियों को परेशानी

बस सेवाएं बंद होने के कारण राज्यभर के विभिन्न बस अड्डों पर यात्रियों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यात्रियों को वैकल्पिक परिवहन व्यवस्था का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी पड़ा है।

यह हड़ताल राज्य की परिवहन व्यवस्था पर बड़ा असर डाल रही है और सरकार तथा कर्मचारियों के बीच समाधान पर पहुंचने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।

Continue Reading

पंजाब

पंजाब में नशे पर कंट्रोल के लिए नई नीति होगी तैयार, सीएम भगवंत मान ने बनाई कमेटी

Published

on

Loading

चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने राज्य में नशे पर कंट्रोल करने के लिए नई नीति तैयार करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसके लिए एक कमेटी गठन करने के साथ ही नशा मुक्ति और रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम की निगरानी के लिए मुख्य सचिव केपी सिन्हा की अध्यक्षता में एक स्टीयरिंग कमेटी बनाई है। इस नई नीति का मुख्य फोकस नाबालिगों को नशे के असर से बचाना है, क्योंकि वर्तमान समय में इस आयु में नशे की लत बढ़ रही है। आने वाले 2-3 महीनों में यह नीति तैयार हो जाएगी।

नई नीति की रूपरेखा में शैक्षणिक संस्थानों में नशे की रोकथाम के उपायों पर चर्चा हो रही है। इससे जुड़ी स्टडी मटेरियल को सिलेबस में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा, महिलाओं के लिए लुधियाना में एक नशा मुक्ति और पुनर्वास क्लिनिक स्थापित किया जा रहा है। हाल ही में नशा तस्करों के खिलाफ अभियान चलाया गया था। अब नशे से निपटने के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की मदद से मास्टर ट्रेनर तैयार किए जाएंगे।

पंजाब में इस समय 303 नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्र हैं। ओपीडी क्लिनिक भी बड़ी संख्या में चलाए जा रहे हैं, जिनमें 18 से 25 साल के युवा सबसे अधिक भाग ले रहे हैं। पुलिस भी अलग-अलग कार्यक्रमों के जरिए इस समस्या का समाधान करने में जुटी है।

Continue Reading

Trending